जापान में सुसाइड के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए वहां की सरकार ने लोन्लीनस मिनिस्टर की नियुक्ति की है.
जापान में COVID-19 महामारी के दौरान 11 वर्षों में पहली बार सुसाइड रेट में वृद्धि देखी गई है.
द जापान टाइम्स के मुताबिक प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने इस महीने की शुरुआत में अपने मंत्रिमंडल में लोन्लीनस मिनिस्टर को शामिल किया.
ब्रिटेन की सरकार ने ब्रिटेनवासियों के अकेलेपन की समस्या पर फोकस करने के लिए साल 2018 में ही एक मंत्री नियुक्त किया था.
यह जिम्मेदारी मिलने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री तात्सुशी सकामोटो (Tetsushi Sakamoto) ने कहा कि प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने इसे राष्ट्रीय मामला माना है, जिसके तहत उन्होंने हल निकालने की जिम्मेदारी मुझे सौंपी है.
उन्होंने आगे कहा कि महामारी के दौरान महिलाओं में बढ़ती सुसाइड रेट को देखते हुए पीएम सुगा ने इस मुद्दे की जांच करने और एक व्यापक नीति बनाने के निर्देश दिए हैं.
सकामोटो ने उम्मीद जताई कि सामाजिक अकेलापन और अलगाव को रोकने के लिए और लोगों के बीच संबंधों को बचाने में सफलता मिलेगी.
अकेलेपन के हेल्थ रिस्क
कई स्टडीज में अकेलेपन और सामाजिक अलगाव को डिप्रेशन, नींद में गड़बड़ी, कार्डियोवैस्कुलर फंक्शन में दिक्कतें और इम्यूनिटी कमजोर होने से जोड़ा गया है.
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की 125वीं वार्षिक सम्मेलन में एक रिसर्च में बताया गया कि अकेलापन और सामाजिक अलगाव मोटापे के मुकाबले ज्यादा बड़े हेल्थ रिस्क हो सकते हैं.
मैक्स हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ के डायरेक्टर डॉ समीर मल्होत्रा कहते हैं, 'अति किसी भी चीज की ठीक नहीं होती. जब हम दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग हो जाते हैं, तो कहीं न कहीं हमारा मन इससे प्रभावित होता है. ज्यादातर देखा गया है कि बहुत ज्यादा अकेलेपन से डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसे लक्षण बढ़ते हैं, असुरक्षा बढ़ती है. कुछ बीमारियों में भी इंसान अकेलेपन की ओर बढ़ता है. उसका किसी के साथ उठने-बैठने का मन नहीं होता.'
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