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क्या काढ़ा नुकसान भी कर सकता है? जानिए क्यों जरूरी है सावधानी

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हाल ही में मशहूर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ अनूप मिश्रा ने व्यावसायिक रूप से प्रचारित किए जा रहे काढ़े के किसी प्रोडक्ट से लिवर और किडनी इंजरी के मामले सामने की आने की जानकारी दी. उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में ये बताया.

एक मरीज में तेजी से गुर्दे के फंक्शन में गड़बड़ी को लेकर डॉ मिश्रा कमर्शियल "काढ़ा" की बात करते हैं, उस मरीज में गुर्दे को नुकसान पहुंचाने वाला और कोई एजेंट नहीं पाया गया.

नोवल कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही काढ़े का सेवन बढ़ा है और ज्यादातर लोग दिन में कई बार काढ़ा पी रहे हैं, इस उम्मीद के साथ कि शायद इससे उनकी इम्युनिटी बूस्ट हो और वो वायरस से बच सकें.

लोगों की इसी उम्मीद और डर पर टारगेट करते हुए बाजार में रेडीमेड काढ़ा भी उतर चुका है, काढ़ा बना कर बेचा जा रहा है, काढ़ा पाउडर भी मिल रहा है, जिसे सिर्फ पानी में उबाल कर तैयार किया जा सकता है.

लेकिन क्या काढ़ा पीने से किसी को नुकसान भी हो सकता है?

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फिट ने इस सिलसिले में डॉ अनूप मिश्रा, जो दिल्ली में फोर्टिस C-DOC हॉस्पिटल फॉर डायबिटीज एंड अलायड साइंसेज के चेयरमैन हैं और निरोगस्ट्रीट के CMO, आयुर्वेद के एक्सपर्ट डॉ अभिषेक गुप्ता से बात की.

कब नुकसान कर सकता है काढ़ा?

डॉ अनूप मिश्रा ने बताया, "ये मरीज आजकल बाहर जो काढ़ा मिल रहा है, वो दो-दो बार ले रहे थे. एक पेशेंट जिसमें क्लियर लिवर इंजरी, लिवर डिसफंक्शन है, उसके सारे टेस्ट हो चुके हैं और इस इंजरी का इससे संबंध 100 प्रतिशत है. बाकी दो पेशेंट की किडनी ठीक थी, इन दो मामलों में भी काढ़े से स्ट्रॉन्ग एसोसिएशन है."

डॉ. अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि इम्युनिटी बढ़ाने वाले काढ़े के रूप में प्रचारित की जा रही दवाओं को आजकल सभी लोग बिना कुछ समझे पीने में लग गए हैं, जबकि पहले तो काढ़ा या कुछ अन्य भी बिना किसी आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श के बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करना चाहिए.

एक तो काढ़ा गर्म तासीर का होता है, दूसरा अभी जो मौसम है वह भी गर्म है और साथ ही साथ ज्यादातर लोगों के शरीर भी गर्म (पित्त) प्रकृति के होते हैं, जिससे इसका लाभ तो कोई विशेष मिलता नहीं उल्टा इसकी तासीर गर्म होने के कारण लोगों के नाक से खून आना, पेट में जलन होना, दस्त लग जाना, पेट से जुड़ी कोई अन्य परेशानी का बढ़ जाना, महिलाओं में समय से पहले माहवारी आ जाना या लम्बे समय तक माहवारी आते रहना, लिवर संबंधित परेशानी या कई लोगों को बवासीर भी हो सकती है.
डॉ. अभिषेक गुप्ता, सीएमओ, निरोगस्ट्रीट

डॉ अनूप मिश्रा बताते हैं कि लोगों को नहीं मालूम कि इन चीजों को ज्यादा मात्रा में लेने से पोटैशियम बढ़ सकता है और जिनको पहले से किडनी इंजरी हो, उनमें पोटैशियम ऊपर चला जाएगा.

आप भी दिन में कई बार काढ़ा पीते हैं? सावधानी और जानकारी है जरूरी

डॉ मिश्रा कुछ बातों का ख्याल रखने की सलाह देते हैं:

  • बाहर के बने हुए जो काढ़ा वगैरह हैं, उनको लेकर काफी सावधान रहें. उनसे किडनी या लिवर को नुकसान की आशंका हो सकती है.

  • घर पर काढ़ा तैयार कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें ताकि वो आपको किसी चीज के ओवर डोज को लेकर सावधान कर सके क्योंकि किडनी और कुछ दवाइयां काढ़े से इंटरएक्ट कर सकती हैं.

  • सीमित मात्रा में काढ़ा लें, खासकर अगर किसी को किडनी की बीमारी हो, डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर की दवा चलती हो.

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किसी भी चीज की अति न करें

डॉ अभिषेक गुप्ता कहते हैं, "समझने वाली एक बात और है कि जब हम खाना खाते हैं तो क्या मिर्च या नमक किसी भी मात्रा में लेते हैं? शायद कोई भी इनका सेवन बहुत थोड़ी ही मात्रा में करता है और अगर ज्यादा मात्रा में इनका सेवन कर ले तो उसे कुछ न कुछ शारीरिक परेशानी होती ही है, इसी तरह जब किसी रोग के उपचार की बात आती है, तो उसमें हम क्यों लापरवाह होकर अपने शरीर को प्रयोगशाला समझकर कुछ भी इस्तेमाल कर लेते हैं?"

विशेषज्ञ इसलिए ही होते हैं, उनसे परामर्श करके ही उपचार करें और अपने शरीर को प्रयोगशाला न बनाया जाए.
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घर में तैयार काढ़ा vs कमर्शियल काढ़ा

अमूमन काढ़ा वगैरह लोग घर पर खुद ही बनाते हैं, लेकिन कोरोना काल में इसका मिक्स्चर मार्केट में बेचा जा रहा है और वायरस से बचाने या इम्युनिटी बढ़ाने का विज्ञापन किया जा रहा है.

डॉ मिश्रा साफ करते हैं, "मैं जो बात कर रहा हूं, बाहर वाली चीजों से गड़बड़ी की बात कर रहा हूं."

वो क्वालिटी का सवाल उठाते हैं,

आजकल जो बेचा जा रहा है, उसमें क्या-क्या सामग्री हैं, कितनी मात्रा में हैं, उसे कैसे तैयार किया जा रहा है, क्या किसी सेंट्रल अथॉरिटी ने क्वालिटी चेक किया है, क्वालिटी कंट्रोल की कोई टीम है या नहीं.

घर में जो चीज तैयार की जाती है, उसमें कम से कम किसी मिलावट की आशंका नहीं रहती है. बाजार में बेचे जा रहे तमाम तरह के काढ़े हैं, जिनमें से ज्यादातर की क्वालिटी का भी पता नहीं है.

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आयुर्वेद, काढ़ा और इम्युनिटी

डॉ गुप्ता कहते हैं, "आजकल काढ़ा पीयो इम्युनिटी बढ़ाओ! यही प्रचलित किया जा रहा है कि काढ़े से आपकी इम्युनिटी इतनी बढ़ जाएगी कि आपको कोई रोग नहीं होगा. इस तरह के किसी भी दावे और किसी भी बात को जानने से पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आयुर्वेद कोई नुस्खा या कोई घरेलू उपचार जैसी पद्धति नहीं है और न ही आयुर्वेद गरम मसाला या किचन में मिलने वाली चीज़ों तक सीमित है."

आयुर्वेद एक पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है, जिसके सिद्धांत प्रकृति पर आधारित हैं और इसमें चिकित्सा के लिए किसी भी दवाई/औषधि का चयन इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर रोगी से उसके शरीर और बीमारी से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर किया जाता है, नहीं तो बिना सही जांच के दी जाने वाली औषधि फायदा न करके नुकसान करती है.
डॉ. अभिषेक गुप्ता, सीएमओ, निरोगस्ट्रीट

डॉ गुप्ता कहते हैं कि वैसे इम्युनिटी कोई खाने का लड्डू जैसा नहीं है कि कुछ दिन आपने कोई दवा खरीद के सेवन कर ली और आपकी इम्युनिटी जादू की तरह बढ़ गई.

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आपको नियमित रूप से आसानी से पचने वाले फल, सब्जियां, दाल खानी चाहिए. मानसिक रूप से सकारात्मक और खुश रहिए. आप सिर्फ 7 दिन एक बेहतर लाइफस्टाइल और खान-पान को अपनाकर देखें, फर्क खुद महसूस होगा.

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