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वेबकूफ: सैनिटाइजर के बारे में शेयर हो रहा ये मैसेज कितना सही है?

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दावा

सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर हो रहा है, जिसमें एक दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि लिक्विड सैनिटाइजर की बोतल खोलते वक्त सैनिटाइजर आंखों में चले जाने से एक लड़की का कॉर्निया डैमेज हो गया.

शेयर किए जा रहे इस मैसेज में कहा गया है कि अगर लिक्विड की बजाए जैल वाला सैनिटाइजर होता, तो आंखों को इतना नुकसान नहीं पहुंचता.

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सही या गलत?

सभी सैनिटाइजर पर ये चेतावनी दी रहती है कि इसे आंखों के संपर्क में आने से बचाया जाए. वहीं बच्चे इनका इस्तेमाल बड़ों की देख-रेख में ही करें.

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में ऑफ्थैल्मोलॉजी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ अनीता सेठी कहती हैं कि सभी सैनिटाइजर (चाहे लिक्विड हों या जैल) आंखों में पड़ने पर जलन करते हैं.

अगर आंखों में ज्यादा सैनिटाइजर चला जाए तो कॉर्निया में केमिकल इंजरी हो सकती है, लेकिन इसकी आशंका कम होती है क्योंकि ऐसे किसी स्थिति में सबसे पहले आंखें अपने आप बंद हो जाएंगी.
डॉ अनीता सेठी

बेंगलुरु में नेत्र आई हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ श्रीभार्गव नतेश बताते हैं कि सैनिटाइजर से आंख की सतह खासकर कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है. सैनिटाइजर से आंखों को हल्के से लेकर रोशनी चली जाने जैसे गंभीर नुकसान हो सकते हैं.

आंखों को कितना नुकसान होगा, ये सैनिटाइजर लिक्विड है या जैल होने की बजाए इस बात पर निर्भर करता है कि सैनिटाइजर कितनी मात्रा में आंखों में गया है और कितनी देर तक रहा है. हालांकि जैल का गलती से आंखों में पड़ना आसान नहीं है.
डॉ श्रीभार्गव नतेश, डायरेक्टर, नेत्र आई हॉस्पिटल, बेंगलुरु

डॉ भार्गव बताते हैं, "ज्यादातर सैनिटाइजर में आइसोप्रोपिल एल्कोहल या इथेनॉल होता है और कभी-कभी हाइड्रोजन परॉक्साइड जैसे दूसरे केमिकल भी होते हैं. इनसे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है और अगर तुरंत कुछ नहीं किया जाए, तो आंखों में परमानेंट डैमेज हो सकता है, जिससे ठीक से दिखाई नहीं देना या आंखों की रोशनी पूरी तरह से जा सकती है."

मैसेज में जिस घटना का जिक्र है, उसकी कोई रिपोर्ट है?

वॉट्सएप पर जो मैसेज शेयर किया गया है, उसमें बताई गई घटना की कोई रिपोर्ट सर्च करने पर नहीं मिली है.

सर्च करने पर मार्च, 2020 की एक रिपोर्ट मिली कि ताइवान में एक महिला ने हाथ में लिया सैनिटाइजर सूखने से पहले ही अपने आंखें मल लीं, जिससे कि थोड़ी देर बाद उसे आंखों में दर्द हुआ और हॉस्पिटल जाने पर कॉर्निया में इन्फ्लेमेशन का पता चला. एंटीइन्फ्लेमेटरी क्रीम से उसे राहत मिल गई.

इसी तरह साल 2013 की एक रिपोर्ट मिलती है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात के अजमन में सैनिटाइजर पड़ जाने से एक बच्चे की आंख की रोशनी जाने के बारे में बताया गया है.

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आंखों में सैनिटाइजर चला जाए तो क्या करें?

डॉ अनीता सेठी बताती हैं:

  • धीरे-धीरे अपनी आंखों को कई बार धुलें.
  • आंखें धुलने के लिए नल का पानी इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर मिनरल वाटर या फिल्टर किया हुआ पानी हो, तो बेहतर है.
  • 10 मिनट के अंतराल पर 2-3 बार लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स (रिफ्रेश टियर, जस्टीयर वगैरह) डालें.
  • अगर आंखें लाल हों या जलन रहे, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

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