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महामारी में मानसिक समस्याओं से निपटने के लिए जागरुकता की जरूरत

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कोविड-19 महामारी के बीच लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उत्साहित करते हुए, कर्नाटक के मेडिकल शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने मानसिक समस्या से जूझ रहे लोगों को राज्य सरकार के अस्पतालों में काउंसलिंग कराने की सलाह दी.

सुधाकर ने 10 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य दिवस से पहले 9 अक्टूबर को एक बयान में कहा, "मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य के जितना ही महत्वपूर्ण है, खासकर महामारी के दौरान. राज्य सरकार द्वारा राज्य भर के अस्पतालों में काउंसलिंग सुविधा दी जा रही है."

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पेशे से मेडिकल डॉक्टर सुधाकर ने कहा कि महामारी के दौरान अवसाद जैसी समस्या और सुसाइड को रोकने के लिए, इसके साथ ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक जागरुकता लाने की जरूरत है.

WHO की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में 7.5 प्रतिशत लोग मानसिक अवसाद के शिकार हैं. भारत में वैश्विक मानसिक बीमारी का 15 प्रतिशत हिस्सा है. एक सर्वे के मुताबिक इस साल के अंत तक 20 प्रतिशत भारतीय मानसिक बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं. इसलिए मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है.
के. सुधाकर, मेडिकल शिक्षा मंत्री, कर्नाटक

इस बात का जिक्र करते हुए कि राज्य के पास चुनौती से निपटने के लिए एक मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण है, मंत्री ने कहा कि 7.13 लाख लोगों ने राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध व्यक्तिगत परामर्श सुविधा का फायदा उठाया है.

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