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एम्स में हुई राष्ट्रपति की कार्डियक बाईपास सर्जरी, ये क्या होती है

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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद की 30 मार्च, 2021 की सुबह एम्स, नई दिल्ली में कार्डियक बाईपास सर्जरी सफल रही.

उनकी हालत स्थिर है और वो सीनियर डॉक्टरों की निगरानी में हैं.

राष्ट्रपति भवन की ओर से बीते 27 मार्च को जारी किए गए प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी गई थी कि डॉक्टरों ने राष्ट्रपति को बाईपास प्रक्रिया की सलाह दी है.

बता दें कि 26 मार्च की सुबह सीने में दर्द की शिकायत महसूस होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आर्मी के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल पहुंचे थे और जांच कराई थी. इसके बाद 27 मार्च की दोपहर उन्हें दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया.

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क्या होती है बाईपास सर्जरी?

मेयो क्लीनिक के मुताबिक कोरोनरी बाइपास सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है, जो हृदय की मांसपेशियों को ओर ब्लड फ्लो रिस्टोर करने के लिए की जाती है. इसमें हृदय में आर्टरी के उस हिस्से में ब्लड का फ्लो रिडायरेक्ट या डायवर्ट किया जाता है, जहां ब्लॉकेज हुई हो.

इस प्रोसीजर में पैर, हाथ या सीने से हेल्दी ब्लड वेसल लेकर उसे हृदय की ब्लॉक हुई आर्टरी के ऊपर और नीचे कनेक्ट किया जाता है.

क्यों की जाती है बाईपास सर्जरी?

अगर किसी के हार्ट की आर्टरी ब्लॉक हो गई हो या आंशिक रूप से ब्लॉक हो, तो कोरोनरी बाइपास सर्जरी इसका एक ट्रीटमेंट ऑप्शन है.

आप और आपका डॉक्टर इस बाईपास सर्जरी पर विचार कर सकते हैं अगर:

  • दिल की मांसपेशियों को ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरीज के संकरी हो जाने के कारण सीने में गंभीर दर्द हो.
  • एक से ज्यादा कोरोनरी धमनी में समस्या हो और हृदय का मुख्य पंपिंग चैम्बर - बायां वेंट्रिकल - अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा हो.
  • आपकी बाईं मुख्य कोरोनरी धमनी गंभीर रूप से संकरी या ब्लॉक हो गई हो. यह धमनी बाएं वेंट्रिकल को अधिकांश रक्त की आपूर्ति करती है.
  • कोई आर्टरी ब्लॉकेज होना, जिसका किसी ऐसी प्रक्रिया के साथ इलाज नहीं किया जा सकता है, जिसमें धमनी (एंजियोप्लास्टी) को चौड़ा करने के लिए अस्थायी रूप से एक छोटा गुब्बारा डालना और फुलाया जाना शामिल हो.
  • धमनी को खोलने के लिए पहले की गई एंजियोप्लास्टी या स्टेंट प्लेसमेंट सफल न रहा हो या स्टेंट प्लेसमेंट के बाद भी धमनी फिर से संकरी हो गई हो.
  • कोरोनरी बाईपास सर्जरी आपात स्थितियों में भी की जा सकती है, जैसे दिल का दौरा पड़ना, जिसमें अगर आप पर कोई और ट्रीटमेंट काम न कर रहा हो.
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कोरोनरी बाइपास सर्जरी उस बीमारी को ठीक नहीं करती, जिसके कारण हार्ट में ब्लॉकेज हुआ हो. लेकिन सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई जैसी दिक्कतों में आराम दे सकती है.

कुछ लोगों के लिए ये प्रक्रिया हार्ट फंक्शन को बेहतर बना सकती है और दिल की बीमारी से मौत का रिस्क घटाने में मददगार हो सकती है.

कोरोनरी बाईपास सर्जरी के साथ भी, मरीज सर्जरी के बाद जीवनशैली में बदलाव करना होता है.

कोरोनरी बाईपास सर्जरी के बाद ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए दवाइयां निर्धारित की जाती हैं, जो रक्त के थक्के के जोखिम को कम करती हैं और हार्ट फंक्शन में मदद करती हैं.

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