दुनिया भर में करोड़ों लोगों को संक्रमित कर चुके और लाखों की जान ले चुके COVID-19 नाम की बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 वायरस की उत्पत्ति कैसे और कहां से हुई, ये पता करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन के वुहान पहुंच चुकी है. वुहान के ही एक सीफूड मार्केट के लोगों या वहां जाने वालों को सबसे पहले कोरोना संक्रमण की पहचान हुई थी.
SARS-CoV-2 की उत्पत्ति कैसे हुई और कहां से हुई, इसे लेकर अब तक कोई स्पष्ट और कन्फर्म जानकारी नहीं है, लेकिन इसका पता करना जरूरी है कि इस बीमारी का पेशेंट जीरो कैसे और किससे संक्रमित हुआ.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में वैज्ञानिक और फूड सेफ्टी, जूनोसिस एक्सपर्ट डॉ पीटर बेन इम्बेरेक वायरस की उत्पत्ति को समझना तीन वजहों से बेहद जरूरी बताते हैं:
अगर हमें इसका सोर्स पता चल जाता है और अगर वो सोर्स अभी भी बाहर मौजूद है, तो हम भविष्य में इस वायरस के दोबारा इंसानों में फैलने से रोक सकते हैं.
अगर हम ये समझ सके ये वायरस किस तरह किसी जानवर से इंसानों में पहुंचा, तो हम भविष्य में इस तरह की महामारी की रोकथाम करने के सक्षम हो सकते हैं.
अगर हम ये जान सकें कि इंसानी आबादी में आने से पहले वायरस कैसा था, तो संभावित रूप से हम इस बीमारी का बेहतर व प्रभावी इलाज और वैक्सीन डेवलप करने की स्थिति में होंगे.
WHO की ओर से इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स की टीम करीब 1 महीने वुहान में अध्ययन करेगी. इस टीम में अलग-अलग फील्ड के एक्सपर्ट शामिल हैं, जो वायरस की उत्पत्ति को समझने में हमारी मदद करने के लिए जरूरी हैं.
WHO के एक्सपर्ट टीम के सदस्य, जर्मन सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के महामारी विज्ञान के प्रोफेसर फेबियन लुंडज ने कहा है कि चीन में महामारी से संबंधित जगहों का निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है, लेकिन वायरस के स्रोत का पता लगाने में लंबे समय की जरूरत है.
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