भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका कोविड-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को अपनी मंजूरी दे दी है.
कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर गहन मूल्यांकन किए जाने के बाद रविवार 2 अगस्त को SII को भारत के शीर्ष दवा नियामक ने मंजूरी दी है.
ये मंजूरी वैक्सीन के फेज 2 और फेज 3 ट्रायल के लिए मिली है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, "ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे को मंजूरी दे दी है."
करीब डेढ़ हजार लोग लेंगे ट्रायल में हिस्सा
रिपोर्ट्स के मुताबिक 18 साल से अधिक उम्र के 1,600 लोग 17 चुने गए साइटों पर ट्रायल में हिस्सा लेंगे.
इन साइटों में एम्स-दिल्ली, पुणे का बीजे मेडिकल कॉलेज, पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, एम्स-जोधपुर, गोरखपुर में नेहरू अस्पताल, विशाखापत्तनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज और मैसूर में जेएसएस अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च शामिल है.
सीरम इंस्टीट्यूट ने पिछले हफ्ते जुलाई में टेस्टिंग करने की मंजूरी के लिए एक आवेदन दिया था.
यह वैक्सीन कैंडिडेट यूके में क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण, ब्राजील में तीसरे चरण और दक्षिण अफ्रीका में पहले और दूसरे चरण में है.
20 जुलाई को वैज्ञानिकों ने घोषणा की थी कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन सुरक्षित जान पड़ती है. 1077 लोगों पर ट्रायल में वैक्सीन से स्ट्रॉन्ग एंटीबॉडी और T-सेल रेस्पॉन्स देखा गया था.
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