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COVID-19: क्या मास्क में छिपे होते हैं कीड़े?भ्रामक दावे की पड़ताल

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में ये दावा किया जा रहा है कि मास्क के अंदर बारीक कीड़े होते हैं, जो सांस के रास्ते शरीर में जा सकते हैं और इसी की वजह से लोग मर रहे हैं.

इस दावे की पड़ताल करने पर सामने आया कि वायरल वीडियो में मास्क के ऊपर हिलते हुए कीड़े नहीं, बल्कि फाइबर के धागे हैं. आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), ICMR, CDC और दुनिया की शीर्ष स्वास्थ्य संस्थाओं ने संक्रमण को रोकने के लिए डबल मास्किंग तक की सलाह दे दी है. ऐसे में इस तरह के गलत दावे लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं.

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मास्क में कीड़े होने को लेकर वायरल हो रहे दावे में कितनी सच्चाई है, जानने के लिए सुनिए क्विंट फिट की कोविड फैक्ट चेक पॉडकास्ट:

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दावा

वायरल वीडियो में एक शख्स मास्क जलाता दिख रहा है. ये शख्स आसपास खड़े लोगों को ये कहता दिख रहा है कि मास्क में कई बारीक कीड़े हैं, जिस वजह से बीमारी फैल रही है. इसलिए वो मास्क को जला रहा है.

पोस्ट का अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

सोर्स : (स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इसी दावे के साथ एक अन्य वीडियो भी वायरल है. इसमें एक शख्स सर्जिकल मास्क को गरम पानी से निकलती हुई भाप के ऊपर रखता है और दावा करता है कि मास्क के अंदर से कीड़े बाहर आ रहे हैं.

पोस्ट का अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

सोर्स : (स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

वीडियो ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर भी शेयर किया जा रहा है.

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क्या हुआ जब हमने भी यही एक्सपेरिमेंट किया?

मास्क के साथ हमने भी वही एक्सपेरिमेंट किया, जो वायरल वीडियो में दिखाया गया है. इसके बाद पता चला कि मास्क पर फाइबर के धागे मूव कर रहे हैं न कि बारीक कीड़े.

वायरल वीडियो और हमारे एक्सपेरिमेंट की तुलना इन विजुअल्स के जरिए देखें-

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डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन्हें बारीक कीड़े बताया जा रहा है, वो असल में फाइबर के धागे हैं, जिनका कोई नुकसान नहीं है.

AFP की रिपोर्ट में चेक (Czech) एकेडमी ऑफ साइंसेस की इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोप लैबोरेटरी में एसिस्टेंट प्रोफेसर Jana Nebesarova का एक बयान है. वे कहती हैं - मास्क में वो धागे होना आम है, जो इनकी मैन्युफेक्चरिंग में इस्तेमाल किए गए थे.

किसी भी सूरत में ये धागे एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए हानिकारक नहीं हैं. ये वह कण हैं, जो रोजाना सांसों के साथ शरीर में जाते हैं. हमारी सांस की नली में मौजूद ciliated epithelium को इस तरह के कणों का सामना करना अच्छे से आता है.
AFP से बातचीत में Jana Nebesarova

बायोलॉजिकल साइंस की एक्सपर्ट और बेलग्रेड में इंस्टीट्यूट ऑफ जनरल एंड फिजिकल केमिस्ट्री की रिसर्च एसोसिएट Marina Jovanovic ने भी इस दावे को फेक बताया है.

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मास्क में क्यों दिख रहे हैं हिलते हुए धागे?

AFP से बातचीत में वैज्ञानिकों ने बताया कि मास्क के ऊपर के धागों का हिलना दो वजहों से हो सकता है. पहली वजह है कि ये पार्टिकल बेहद हल्के होते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि धागे स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी की वजह से हिल रहे हों.

आप पूल में किसी भी वस्तु को पकड़ने की कोशिश करेंगे, तो वो आपसे दूर जाएगी, क्योंकि आप अपने हाथों से एक वेव उत्पन्न कर रहे हैं. इसी तरह इन धागों के आसपास भी भाप और पानी से वेव उत्पन्न हो रही है और ये हिल रहे हैं. इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि पार्टिकल जिंदा हैं और ऐसे ही मूव कर सकते हैं.
AFP से बातचीत में Nebesarova

डबल मास्किंग की सलाह

2019 के अंत में आई कोरोना महामारी के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से संक्रमण से बचने के लिए मास्क की अनिवार्यता पर जोर दिया गया था. अब स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं ने डबल मास्किंग की सलाह देना भी शुरू कर दिया है.

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अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अब लोगों को डबल मास्किंग की सलाह दी है, जिससे संक्रमण से ज्यादा सुरक्षा मिले.

CDC एक एक्सपेरिमेंट में पाया गया कि डबल मास्किंग हमारी नाक में 80% पार्टिकल्स को घुसने से रोकती है. वहीं सिंगल मास्क से सिर्फ 40% सुरक्षा मिलती है.

मतलब साफ है - लोगों को मास्क पहनने को लेकर हतोत्साहित करने के लिए सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा वीडियो भ्रामक है.

(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है.)

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