क्या आपने ध्यान दिया है कि आपके अक्सर देर से आने पर आपका बॉस ज्यादा नाराज रहने लगा है और इसके बदले में आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी वैसा ही करने लगे हैं? आप दिन-ब-दिन चिड़चिड़े होते जा रहे हैं और आपका बॉस भी?
इस बारे में आप गहराई से सोचें, आप पाएंगे कि इसका असली कारण है थकावट. इसके लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले सोच लें. डॉक्टर बीमारी का पता लगाने के लिए लंबी प्रक्रिया पूरी करेगा. जरा थकान के कारण पर ध्यान दें, जिसे आप अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं.
1. बहुत ज्यादा एसी में रहना
आपने सही पहचाना. सर्वव्यापी कारण है एसी. क्या आपने कभी सोचा है कि एक दिन में आप एसी में कितने घंटे बिताते हैं?
कई लोग एक दिन में 18 से 20 घंटे एसी में बिताते हैं. जब एसी से बाहर निकलते हैं तो आप पहले से ही हल्की बेचैनी और सिरदर्द महसूस कर रहे होते हैं. आपने ध्यान दिया होगा कि ऑफिस से बाहर निकलने के बाद ये लक्षण कम या खत्म हो जाते हैं और इसलिए इसे कई बार 'सिक बिल्डिंग सिंड्रोम' कहा जाता है.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी के अगस्त 2004 में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि सेंट्रल एसी वाली इमारतों में काम करने वाले लोगों में ये लक्षण उन लोगों के मुकाबले ज्यादा पाए जाते हैं, जो सेंट्रल एयर कंडिशनिंग में काम नहीं करते हैं.
इसका एक कारण इन इमारतों में कम तापमान पर सेट किया गया एसी है, जिसके कारण आपको कंपकंपी होती है. यूसीएलए में मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर मार्क रीडेल कहते हैं कि जब आपको कंपकंपी होती है, तो आपका शरीर गर्मी पैदा करता है और जिसके लिए ऊर्जा की खपत होती है. इस असुविधा के कारण आपकी एकाग्रता पर असर पड़ता है, जो आपकी ऊर्जा सोखता है और थकान का कारण बनता है.
हालांकि, आमतौर पर सेट किया गया कम तापमान थकान का एकमात्र कारण नहीं होता.
इन इमारतों में रुकी हुई हवा भी एक कारण होती है, जिसे हम सांस लेने पर मजबूर होते हैं क्योंकि एयर एक्सचेंज के लिए किसी मानक का पालन नहीं किया गया होता है.
अधिकतर आवासीय इमारतों, अकेली दुकानों, शोरूम और यहां तक कि कई ऑफिसों में एयर कंडिशनिंग विंडो एसी या स्पिल्ट एसी से की जाती है, जिनमें एयर एक्सचेंज की कोई व्यवस्था नहीं होती है. इस बासी हवा में न सिर्फ ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है, बल्कि कई बीमारी पैदा करने वाले जीवों का ठिकाना भी होता है.
आपको ऑफिस में कुछ देर के अंतराल पर कुछ मिनटों के लिए बाहर खुली हवा में निकलने से आने वाले फर्क को देखकर हैरानी होगी. उत्तर भारत की चिलचिलाती गर्मी को मात देने के लिए सबसे बेहतर है कि आप एयर कूलर रखें, जो कई तरह से पर्यावरण हितैषी भी है. एयर कंडिशन को भारतीय मानसून के उमस भरे मौसम के लिए बचा कर रखें.
2. प्यास बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स
कोल्ड ड्रिंक्स पीने से भी थकान महसूस होती है. उच्च मात्रा में शुगर वाले ड्रिंक्स को 'डंपिंग सिंड्रोंम' के नाम से भी जाना जाता है, ड्रिंक में मौजूद शुगर ओस्मॉटिक इक्विलिब्रियम प्राप्त करने के लिए शरीर के ऊतकों से बहुत सारा पानी निकाल लेती है, जिससे बाकी शरीर में रक्त प्रवाह कम होने से चक्कर आते हैं और तनाव महसूस होता है.
इसका उपचार ये है कि आप बहुत ज्यादा कंसन्ट्रेटेड सिरप को थोड़ा पतला करें और उसे एक घूंट में पीने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके पीएं.
इस तरह की थकान से निपटने का दूसरा तरीका ये है कि नींबू पानी और ताजा नारियल पानी पीकर खुद को रिहाइड्रेट करें यानी शरीर में पानी की कमी को पूरा करें.
टमाटर, ब्लूबेरी और अखरोट लंच से पहले के सलाद में शामिल करने वाली बेहतर चीजें हैं, जिनसे आपको भरपूर ऊर्जा मिल सकती है.
3. 'सारे जहां का दर्द हमारे जिगर में है'
किसी तरह का भावनात्मक उफान या बोझ आपमें से ऊर्जा सोख लेता है. इसलिए, चाहे किसी का राज छुपाकर रखना हो या किसी करीबी का ब्रेकअप हो या आपको मिला आयकर नोटिस हो, आपको बिना कोई स्पष्ट कारण के थका सकता है.
आप उत्तेजित हों या किसी पर बहुत तेज गुस्सा आ रहा हो, तो भी आप थका हुआ महसूस करने लगते हैं. इसका कारण ढूंढना मुश्किल नहीं है.
हर विचार दिमाग में एक जटिल केमिकल प्रतिक्रिया का नतीजा है, जिसके लिए ऊर्जा की जरूरत होती है. ऐसे जटिल और बार-बार आने वाले नकारात्मक विचार बहुत ज्यादा ऊर्जा की मांग करते हैं.
ऐसे में आप क्या करें. ऐसे गैर जरूरी विचारों से हुई थकान से छुटकारा पाने का सबसे बेहतरीन तरीका है शारीरिक व्यायाम, योग, प्राणायाम और मेडिटेशन.
4. ओह! ये तेज आवाजें
एक और खामोश हत्यारा है, ऑफिस की गपशप, ट्रैफिक का शोर या ईयरफोन/हेडफोन पर 100 डेसिबल्स से ज्यादा तेज आवाज में म्यूजिक सुनना. रोजाना का ये शोरगुल आपको बुरी तरह थका सकता है. इससे कैसे निपटना है, ये बताने की जरूरत नहीं है.
5. मैंने जूस और चाय पी है. क्या मुझे अब भी पानी पीने की जरूरत है?
आप पर्याप्त पानी नहीं पीते. एक ऐसा देश जिसकी गर्मी प्रसिद्ध है, वहां हल्का सा डिहाइड्रेशन भी थकान का कारण बन सकता है. दरअसल, पानी की कमी होने से खून का गाढ़ापन बढ़ जाता है और दिल को ऊतकों तक पोषक तत्व पहुंचाने के लिए और ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.
6. शुक्र है कि आज शुक्रवार है
आपने बहुत ज्यादा एल्कोहल पी लिया है. एल्कोहल किसी भी कंसन्ट्रेशन में दिमाग को डिप्रेस करता है. यह आपको सोने में मदद करता है, लेकिन जब यह मेटाबोलाइज्ड होना शुरू होता है, तो बहुत ज्यादा ऊर्जा पैदा करता है और इससे आपकी नींद खराब होती है. आप थकान महसूस करते हैं. सामान्य तौर पर इसे हैंगओवर कहते हैं. वीकेंड्स पर देर तक जगने से आप सोमवार को बहुत खराब महसूस कर सकते हैं और मंगलवार तक हालत ऐसी ही रह सकती है.
7. मोबाइलफोनिटिस
भगवान के लिए अपना फोन रात में चेक न करें. फोन के साथ अतिरिक्त एक मिनट भी बिताने से आपकी एक घंटे की अच्छी नींद खराब हो सकती है. जितना संभव हो उसे स्विच ऑफ करके रखें. इन इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन्स की चमक, चाहे वो फोन हो, टैबलेट या टीवी हो, आपके कमरे में बाहर से आने वाली रोशनी को बढ़ाने में कम योगदान नहीं देती है. शरीर आम तौर पर दिन की रोशनी के अनुसार काम करता है. इसलिए जब उसे कम अंधेरा लगता है, तो उसे ठीक से नींद नहीं आती और वह जग जाता है.
अगर आपको अपनी थकान का इनमें से कोई भी कारण नहीं लगता, तो जरूर अपने डॉक्टर से संपर्क करें कि कहीं ये एनिमिया, थायरॉइड डिसऑर्डर, डायबिटीज और फाईब्रोम्यल्गिया या कुछ और तो नहीं.
(डॉ अश्विनी सेतिया मैक्स साकेत में सीनियर गैस्ट्रो कंसल्टेंट हैं. उनसे ashwini.setya@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.)
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