नए शैक्षणिक सत्र के लिए लाखों बच्चे स्कूल लौट रहे हैं, ऐसे में शिक्षकों और स्कूल के अन्य कर्मचारियों को COVID-19 बीमारी के खिलाफ टीकाकरण से स्कूलों को संक्रामक बीमारी के खिलाफ एक सुरक्षित स्थान बनाने में मदद मिल सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ ने यह बात कही है.
वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने एक बयान में कहा, 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चे, जो पहले से बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें गंभीर कोविड-19 बीमारी अधिक जोखिम हैं, उन्हें भी वैक्सीन लगाई जानी चाहिए.
WHO ने इन उपायों पर अमल करने की सलाह दी है
यह सुनिश्चित करने के लिए कि महामारी के दौरान स्कूल खुले रह सकते हैं, अन्य उपायों में कक्षाओं का बेहतर वेंटिलेशन, जहां संभव हो छोटे समूह बनाना, शारीरिक दूरी और बच्चों- कर्मचारियों का नियमित टेस्ट शामिल है.
यूरोप के WHO क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस हेनरी पी. क्लूज ने एक बयान में कहा, "महामारी ने इतिहास में शिक्षा के लिए सबसे विनाशकारी व्यवधान पैदा किया है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि WHO यूरोपीय क्षेत्र में कक्षा-आधारित शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रहे. यह बच्चों की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कौशल के लिए अहम है."
उन्होंने कहा कि हमारे लिए बच्चों को एक भौतिक स्कूल सेटिंग में सुरक्षित रूप से शिक्षित करना हमारा प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए, इसलिए हम उन्हें उन अवसरों से नहीं चूकने दे रहे, जिनके वे हकदार हैं. हम सभी देशों को स्कूलों को खुला रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और सभी स्कूलों से आग्रह करते हैं कि वे कोविड-19 के जोखिम को कम करने और विभिन्न वेरिएंट्स के प्रसार को कम करने के उपाय करें.
ज्यादा ट्रांसमिट होने योग्य डेल्टा वेरिएंट ने इस साल के स्कूल के शुरुआती सत्र में चिंता और जटिलता बढ़ा दी है और कम्यूनिटी में कोरोना संक्रमण ज्यादा फैलना स्कूलों में ट्रांसमिशन की संभावना को और अधिक बढ़ा देती है.
अध्ययनों ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि पूरी तरह से टीकाकरण होने से गंभीर बीमारी और मृत्यु के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है.
टीकाकरण वायरस के खिलाफ हमारी रक्षा का सबसे अच्छा तरीका
क्लूज ने आगे कहा,
"टीकाकरण वायरस के खिलाफ हमारी रक्षा का सबसे अच्छा तरीका है और महामारी को समाप्त करने के लिए हमें सभी देशों में टीकाकरण को तेजी से बढ़ाना चाहिए, जिसमें वैक्सीन उत्पादन का समर्थन करना और खुराक को साझा करना, हर जगह सबसे कमजोर लोगों की रक्षा करना शामिल है. हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों का भी पालन करना जारी रखना चाहिए, जिसमें टेस्टिंग, सीक्वेंसिंग, ट्रेसिंग, आइसोलेशन और क्वारंटीन आदि शामिल हैं."
इसके अलावा, स्कूलों को खुला और सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए, WHO यूरोपीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप ने भी स्कूलों के लिए विशेषज्ञ सिफारिशों का एक सेट तैयार किया है.
इसमें कहा गया है कि स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर एक टेस्टिंग नीति बनाई जानी चाहिए, जोखिम घटाने के प्रभावी उपायों को सुनिश्चित करना चाहिए और बच्चों की मानसिक और सामाजिक भलाई को सुनिश्चित करने के लिए सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले बच्चों को संरक्षित किया जाना चाहिए.
साथ ही साथ स्कूल के माहौल में सुधार की सिफारिश करते हुए बच्चों को स्कूल में रखने के लिए तैयार की गई टीकाकरण नीति को लागू करने की सिफारिश भी की गई है.
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