केरल के कोझिकोड में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में शिगेला इंफेक्शन की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई. केरल में अब तक शिगेलोसिस के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है.
इससे पहले जून में ही शिगेला इंफेक्शन को लेकर राज्य में अधिकारियों ने चेतावनी जारी की थी. शिगेलोसिस एक संक्रामक बीमारी है, जिसकी वजह शिगेला नामक बैक्टीरिया के समूह हैं. आंव या पेचिश पड़ने का सबसे बड़ा कारण शिगेला इंफेक्शन माना जाता है. आमतौर पर 5 साल से छोटे बच्चे इसके शिकार होते हैं.
शिगेला इंफेक्शन के लक्षण
इस बैक्टीरिया से संक्रमित होने के एक हफ्ते के अंदर मरीज के शरीर में ये लक्षण देखे जाते हैं:
- पेट में दर्द,
- ऐंठन या सूजन
- बुखार
- दस्त (इसमें खून भी हो सकता है)
- मिचली
- उल्टी
कैसे फैलती है ये बीमारी
- दूषित खाना
- दूषित पानी
- साफ-सफाई का ध्यान न रखना
- बच्चे का डायपर चेंज करने के बाद हाथ न धोना
- शिगेला से ग्रसित शख्स के संपर्क में आना
उपचार
ज्यादातर मामलों में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेना यानी लिक्विट डाइट और आराम करने से मरीज को फायदा मिल सकता है. लेकिन अगर मामला गंभीर है, तो डॉक्टर को दिखाकर दवाइयां लेना जरूरी होता है. या फिर एडमिट भी करना पड़ सकता है.
बीमार पड़कर उपचार करने से बेहतर है बचाव
इस इंफेक्शन से बचने के लिए जरूरी है कि खाने-पीने के दौरान सफाई का ध्यान रखा जाए. जैसे खाने से पहले हाथ जरूर धोएं. स्वच्छ पानी या उबला पानी ही पीएं.
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