विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन RTS,S/AS01 (RTS,S) के बच्चों पर इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
घाना, केन्या और मलावी में 2019 में शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के तहत RTS, S/AS01 मलेरिया वैक्सीन की सिफारिश की गई है. WHO ने इसे बच्चों के स्वास्थ्य और मलेरिया नियंत्रण के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया है.
WHO की ओर से कहा गया कि व्यापक मलेरिया नियंत्रण के संदर्भ में RTS,S/AS01 मलेरिया वैक्सीन का इस्तेमाल मलेरिया के मध्यम से उच्च संचरण वाले क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों में पी. फाल्सीपेरम मलेरिया की रोकथाम के लिए किया जाए.
मलेरिया और इसके बोझ को कम करने के लिए 5 महीने की उम्र से बच्चों को 4 खुराक में ये वैक्सीन दी जानी चाहिए.
WHO के मुताबिक यह वैक्सीन मलेरिया के सबसे घातक पैरासाइट प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (P. falciparum) के खिलाफ काम करती है.
मलेरिया को रोकने के मौजूदा उपायों के साथ इस वैक्सीन के इस्तेमाल से हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है.
मलेरिया के कारण हर साल 4 लाख से ज्यादा मौतें
दुनिया भर में मलेरिया बीमारियों से होने वाली मौत के बड़े कारणों में से एक है. हर साल 4 लाख से ज्यादा मौतें मलेरिया से होती है, जिसमें ज्यादातर बच्चे होते हैं.
उप-सहारा अफ्रीका में मलेरिया, बच्चों की बीमारी और मृत्यु का कारण बना हुआ है. 5 साल से कम उम्र के 2,60,000 से अधिक अफ्रीकी बच्चों की सालाना मलेरिया से मौत हो जाती है.
अफ्रीका में WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मत्शिदिसो मोएती ने कहा, "हमने लंबे समय से एक प्रभावी मलेरिया वैक्सीन की उम्मीद की थी और अब पहली बार हमारे पास व्यापक उपयोग के लिए एक अनुशंसित टीका है. हम उम्मीद करते हैं कि अब अफ्रीकी बच्चे मलेरिया से सुरक्षित रहेंगे."
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