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Keratosis Pilaris से जूझ रही हैं यामी गौतम, जानिए इस स्किन कंडिशन के बारे में

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बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम (Yami Gautam) ने इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ फोटोज पोस्ट करने के साथ बताया कि उन्हें केराटोसिस पिलारिस (Keratosis Pilaris) नाम की एक स्किन कंडिशन है.

यामी गौतम ने लिखा, "मैंने हाल ही कुछ तस्वीरें क्लिक करवाईं. जब उन्हें मेरी स्किन की कंडिशन केराटोसिस पिलारिस को छिपाने के लिए पोस्ट प्रॉडक्शन में भेजा जाना था (जोकि एक आम प्रक्रिया है) तो मैंने सोचा, यामी, तुम इस सच को स्वीकार क्यों नहीं कर लेती."

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यामी गौतम ने आगे लिखा, "जिन लोगों ने इसके बारे में नहीं सुना है, उनको बता दूं कि यह एक स्किन कंडिशन है, जिसमें आपकी स्किन पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं. मुझे यह कंडिशन टीनएज में शुरू हुई थी और इसका कोई इलाज नहीं है. मैं इससे कई साल से जूझ रही हूं और अब जाकर मैंने अपने डर और इनसिक्यॉरिटी को किनारे रखते हुए अपनी इन 'कमियों' को स्वीकार करने की हिम्मत जुटाई है. मैं अपना यह सच आप सबके साथ शेयर करने की हिम्मत जुटाई है."

क्या है Keratosis Pilaris?

मेयो क्लीनिक के मुताबिक केराटोसिस पिलारिस (Keratosis Pilaris) स्किन से जुड़ी एक कॉमन कंडिशन है, जिसमें स्किन पर छोटे-छोटे ड्राई और खुरदुरे दाने हो जाते हैं. ये अक्सर बांह के ऊपरी हिस्से, जांघों, गालों या नितंबों पर होते हैं. आमतौर पर इससे कोई नुकसान या खुजली नहीं होती.

Keratosis pilaris किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह बच्चों और किशोरों में अधिक आम है.

केराटोसिस पिलारिस के लक्षण

केराटोसिस पिलारिस के लक्षणों में शामिल हैं:

  • बहुत खुरदरी, रूखी त्वचा

  • आपकी स्किन टोन से मेल खाने वाले खुजली वाले दाने

  • कम नमी वाले मौसम में ये दाने बदतर हो जाते हैं

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केराटोसिस पिलारिस की वजह और इलाज

केराटोसिस पिलारिस केराटिन के जमने से होता है. केराटिन एक कठोर प्रोटीन है, ये त्वचा को हानिकारक पदार्थों और संक्रमण से बचाता है. केराटिन स्किन के डीप पोर्स या रोम छिद्रों को ब्लॉक कर देता है, जिससे त्वचा खुरदरी हो जाती है.

यह स्पष्ट नहीं है कि केराटोसिस पिलारिस वाले लोगों में केराटिन क्यों जमने लगता है. ये किसी जेनेटिक बीमारी या एटोपिक डर्माटाइटिस जैसी स्किन कंडिशन के साथ हो सकता है.

इसका इलाज या रोकथाम का कोई तरीका नहीं है, लेकिन मॉइस्चराइजर और प्रिस्क्रिप्शन क्रीम से त्वचा को बेहतर बनाया जा सकता है.

ये कंडिशन आमतौर पर 30 साल की उम्र तक गायब हो जाती है.

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