उत्तर प्रदेश के कानपुर के चकेरी इलाके में 6 और लोग जीका वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं. शहर में जीका वायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है.
लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) लैब की रविवार 31 अक्टूबर 2021 को आई रिपोर्ट में एक गर्भवती महिला समेत चार महिलाओं और दो पुरुषों में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है.
कानपुर के जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर, स्वास्थ्य और नागरिक विभागों की एक टीम के साथ क्षेत्र का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे.
चिकित्सा टीमों ने अब तक शहर के चकेरी इलाके में जीका वायरस प्रभावित इलाकों से 645 संदिग्ध रोगसूचक, बुखार से पीड़ित और गर्भवती महिलाओं के सैंपल इकट्ठे किए हैं.
उनके सैंपल लखनऊ में KGMU लैब और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए हैं.
उत्तर प्रदेश के संचारी रोग विभाग के निदेशक जीएस बाजपेयी ने कहा कि कांशीराम अस्पताल में जीका वायरस के मरीजों के लिए एक विशेष वार्ड बनाया गया है.
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), नेपाल सिंह ने कहा, "सभी संक्रमित व्यक्ति वायु सेना स्टेशन क्षेत्र के बाहर के हैं. वे चकेरी के हरजिंदर नगर लाल बांग्ला, पूनम टॉकीज, लालकुर्ती कैंट, ओमपुरवा और काली बाड़ी इलाकों में रहने वाले नागरिक हैं. सभी प्रभावित इलाकों में चिकित्सा और नागरिक टीमों द्वारा एंटी-लार्वा स्प्रे किया जा रहा है."
उन्होंने कहा कि सभी 6 मरीजों को होम क्वारंटीन में रखा गया है और उनका इलाज शुरू हो गया है.
सिंह ने कहा, "सभी मरीज बिना लक्षण वाले हैं. उनके परिवारों को भी जांच रिपोर्ट आने तक घर पर रहने की सलाह दी गई है. संक्रमित व्यक्तियों के घरों के आसपास करीब 400 घरों को कंटेनमेंट एरिया बनाया गया है. फॉगिंग और एंटी लार्वा का लगातार छिड़काव किया जा रहा है. एक बार जब उनका क्रॉस निगेटिव टेस्ट हो जाएगा तो परिवार के सदस्यों का आइसोलेशन खत्म हो जाएगा."
शनिवार 30 अक्टूबर 2021 को वायुसेना के दो कर्मचारियों समेत तीन और लोग जीका वायरस से संक्रमित पाए गए.
23 अक्टूबर को पहले संक्रमित मामले का पता चलने के बाद केंद्र ने राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और राम मनोहर लोहिया अस्पताल से एक टीम भेजी थी, जिसमें एक कीटविज्ञानी, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ शामिल हैं.
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीका वायरस के मामलों को देखते हुए राज्य प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया है.
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य का स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर स्वच्छता, राज्यव्यापी निगरानी अभियान, लार्वा विरोधी रसायनों के छिड़काव, फॉगिंग और स्वच्छता अभियान का व्यापक अभ्यास कर रहा है. वायरल फीवर, वेक्टर जनित बीमारियों और अन्य लक्षणों वाले मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं.
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