उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस के 16 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ ही यह आंकड़ा 100 के पार चला गया है. जीका के ताजा मामलों में 9 पुरुष और 7 महिलाएं हैं, वहीं कन्नौज जिले से शनिवार 6 नवंबर को जीका पॉजिटिव एक मामला सामने आया था.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ नेपाल सिंह ने कहा कि 16 नए मरीज चकेरी क्षेत्र के हरजिंदर नगर, पोखरपुर, तिवारीपुर बगिया और काजी खेरा इलाके के रहने वाले हैं.
केजीएमयू लखनऊ से मंगलवार 9 नवंबर को मिली रिपोर्ट में सात महिलाएं, जिनमें दो गर्भवती हैं और 9 पुरुषों के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
CMO के मुताबिक संक्रमित व्यक्तियों में कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं. सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है.
जीका वायरस संक्रमण कैसे होता है?
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छरों के जरिए इंसानों में आता है.
जीका वायरस इससे संक्रमित शख्स के रक्त और वीर्य (सीमन) जैसे शारीरिक तरल पदार्थों के जरिए भी ट्रांसमिट हो सकता है.
इससे संक्रमित गर्भवती महिला से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जीका वायरस संक्रमण हो सकता है.
जीका वायरस संक्रमण के क्या लक्षण हैं?
संक्रमण के बाद इसके लक्षण सामने आने में 3-14 दिन लग सकते हैं.
इसके लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं.
जीका वायरस संक्रमण का इलाज
इस वायरस को लेकर कोई खास इलाज नहीं है. जीका वायरस रोग के लक्षणों से राहत के लिए दर्द और बुखार की दवाइओं दी जाती हैं. डॉक्टर मरीज को आराम करने और भरपूर पानी के साथ खाने की तरल चीजें लेने की सलाह देते हैं.
गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस संक्रमण के रिस्क
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर गर्भावस्था के दौरान संक्रमण होता है, तो गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म और कुछ जन्मजात विकृतियों का खतरा हो सकता है, जिन्हें कॉन्जेनिटल जीका सिंड्रोम (Congenital Zika Syndrome) कहा जाता है.
मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अनघा छत्रपति कहती हैं,
अगर गर्भावस्था के पहले 3-6 महीनों में जीका संक्रमण होता है, तो इसका ज्यादा बुरा प्रभाव हो सकता है.
इस तरह के मामले में सबसे ज्यादा माइक्रोसेफली यानी नवजात के छोटे सिर वाली कंडिशन देखी गई है.
माइक्रोसेफली असामान्य मस्तिष्क विकास या मस्तिष्क के ऊतकों के नुकसान के कारण होता है. बच्चे पर कितना असर पड़ेगा, ये मस्तिष्क की क्षति पर निर्भर करता है.डॉ. अनघा छत्रपति, स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ, ग्लोबल हॉस्पिटल, मुंबई
हालांकि, ऐसा नहीं है कि जीका पॉजिटिव मां से पैदा होने वाला हर बच्चा जीका से संबंधित जटिलताओं से प्रभावित हो.
जीका वायरस: क्या एहतियात बरतें?
गर्भवती महिलाओं को जीका वाले क्षेत्रों की यात्रा नहीं करनी चाहिए
मच्छरों के काटने से बचने के उपायों का सख्ती से पालन करना चाहिए
अगर आप में जीका के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करने में देरी न करें
कानपुर में डोर-टू-डोर सर्वे और लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं. विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, रेडियोलॉजी सेंटरों को अलर्ट कर भ्रूण के विकास में कोई समस्या होने पर तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना देने का निर्देश दिया गया है.
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