नींद में दांत पीसने को डॉक्टरी भाषा में ब्रुक्सिस्म कहा जाता है, जिससे लोग गहरी नींद में सोते समय प्रभावित होते हैं। यह समस्या बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी देखने को मिलती है. इस आदत से दांतों को नुक़सान हो सकता है. इस बीमारी में नींद के दौरान सांस बाधित होती है जिस वजह से यह आपको एक अच्छी नींद लेने में परेशानी खड़ी करती है. आए जाने ब्रुक्सिस्म की समस्या क्यों होती है और कैसे इससे छुटकारा पाएं.
क्या होता है दांत पीसना?
दांतों का पीसना एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दोनों जबड़ों के दांत आपस में पिसते या रगड़ खाते हैं. ऐसा तब होता है, जब व्यक्ति गहरी नींद में हो और उसे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं होता है. दूसरे लोगों से इस बात का पता चलता है. ज़्यादातर मामलों में यह बीमारी खुद से ठीक हो जाती है लेकिन अगर ऐसा न हो तो सावधान हो जाना चाहिए. ऐसे में डेंटिस्ट या ईएनटी डॉक्टर से सम्पर्क करें.
"अक्सर लोग दांत पीसने की समस्या को पेट में कीड़े होने की बात से जोड़ देते हैं, जब कि इस बात के पीछे कोई साइयंटिफ़िक सबूत नहीं पाए गए हैं."डॉ.चारु नैथानी, निदेशक - ऑर्थोडोंटिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स, डेंटल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग, मैक्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, नोएडा
क्या हैं दांत पीसने के लक्षण?
ब्रुक्सिज्म यानि दांत पीसने के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
नींद में दांतों से आवाज़ आना
सुबह उठने के बाद सर में हल्का दर्द
गले में खराश होना
मुँह की मांसपेशियों में दर्द
दांतों का घिसना
जबड़े में अकड़न महसूस होना
दांतों का कमज़ोर होना
दांतों में सेंसिटिविटी होना
चिंता
अनिद्रा
क्यों पीसते हैं लोग दांत?
ये सभी हो सकते हैं, दांत पीसने के कारण:
स्ट्रेस
गुस्सा
मुँह बंद करने पर दांतों का आपस में ठीक से नहीं बैठना
अत्यधिक शराब और धूम्रपान का सेवन
ज्यादा कॉफ़ी/चाय पीना
ज़्यादा थकान लगना
"दांत पीसने के बहुत सारे कारण होते हैं और उन सब में प्रमुख कारण है स्लीप ऐप्नीअ. अगर कोई सोते समय खर्राटे लेते हो या उसे सोते समय साँस लेने में रुकावट आती हो, तब ऐसे में व्यक्ति नींद में दांत पीसता है."अपर्णा महाजन, कन्सल्टंट ईएनटी, फ़ोर्टिस इस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद
इस समस्या से बचने के उपाय
ब्रुक्सिज्म से बचने के लिए डॉक्टरों ने सुझाए ये सभी उपाय:
समस्या का आभास होते ही डॉक्टर से संपर्क करें
8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है ताकि हमारी चबाने वाली मांसपेशियां रिलैक्स हो सकें
सोते समय टीवी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग से भी बचें
चिंता करने से बचें
डिप्रेशन या अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज न करें
कॉफ़ी और चाय का सेवन उचित मात्रा में करें
चॉकलेट भी हिसाब से खाएं
दांतों के पीसने को रोकने के लिए क्या करें?
दांत पीसना यानि ब्रुक्सिज्म का इलाज कराना ज़रूरी है. समस्या का पता चलने पर ईएनटी या डेंटिस्ट से संपर्क अवश्य करें. उसके साथ-साथ ये कुछ उपाय भी कर सकते हैं:
स्लीप ऐप्नीअ टेस्ट कराएं (डॉक्टर की सलाह पर)
शराब के सेवन से बचें
थेरेपिस्ट की मदद लें तनाव से बचने के लिए
कॉफी कम पीएं
माउथ गार्ड लगा सकते हैं (डेंटिस्ट की सलाह पर)
मुँह के मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए व्यायाम करें
बच्चों में दांत पीसने की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं
बच्चों में यह समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है. मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि इसके पीछे का कारण बच्चों में तनाव हो सकता है. इसलिए माता-पिता को बच्चों को समय देना चाहिए और उनका तनाव मिल कर दूर करना चाहिए.
बच्चों को दांत पीसने से रोकने में मदद करने के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:
बच्चा अगर दांत पीसता है, तो अपने डेंटिस्ट को दिखाएं
अपने बच्चों से बात करें और जानने की कोशिश करें उनकी मानसिक स्तिथि कैसी है
अगर साँस की तकलीफ़ हो, तो ईएनटी डॉक्टर की सलाह लें
मांसपेशियों को आराम देने के लिए मालिश और स्ट्रेचिंग कराने की कोशिश करें
बच्चे के आहार में भरपूर मात्रा में पानी शामिल करें, डीहाईड्रेशन के कारण दांत पीसना बढ़ सकता है
दांत पीसना हानिकारक हो सकता है. कभी-कभी कमज़ोर दांत, पीसने की वजह से फ्रैक्चर हो सकते हैं. ब्रुक्सिज्म के कारण दांत जड़ से भी ख़राब हो सकते हैं. ज़्यादा दांत पीसने से कभी-कभी चेहरे की बनावट पर भी असर पड़ सकता है.
ब्रुक्सिज्म भी एक कारण बन सकता है, दांतों में ब्रिज, क्राउन, रूट कैनाल, प्रत्यारोपण, आंशिक डेन्चर और यहां तक कि पूर्ण डेन्चर का.
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