घना कोहरा, तापमान में गिरावट, ठिठुरन और बर्फीली हवा, जाहिर है ये ठंड का मौसम है. हालांकि कितने ही लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बहती नाक, हल्का बुखार, गले में खरास, त्वचा में रूखापन से भी परेशान हो रहे होंगे.
किसी काम में मन ना लगना, सुस्ती, आलस और यहां तक कि उदास महसूस करना भी ठंड में बहुत आम बात है. इसके अलावा सर्दियों में दिल, हड्डी, जोड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं का रिस्क भी बढ़ जाता है.
ऐसे में बढ़ते ठंड के साथ आपको कैसे रखना है अपना ख्याल, वो कौन सी बातें हैं, जिन पर आपको गौर करना है और बिना देरी के डॉक्टर को दिखाना है?
ज्यादा दिनों तक नजरअंदाज ना करें सर्दी-जुकाम
ठंड में लोगों को सर्दी, फ्लू, गले में इंफेक्शन होना सामान्य है. मैक्स सुपरस्पेशएलिटी हॉस्पिटल, साकेत में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ रोमिल टिक्कू कहते हैं, "तापमान में गिरावट के कारण आमतौर पर गले में इंफेक्शन, ब्रीदिंग प्रॉब्लम, बंद नाक, गला खराब होने जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए खुद को गर्म रखना और साफ-सफाई का ख्याल रखना जरूरी है."
ये भी देखा गया है कि इस मौसम में लोगों का गला भी बहुत खराब होता है, खासकर सर्दी की शुरुआत और अंत में क्योंकि इस वायरल इंफेक्शन बढ़ जाता है. हालांकि अगर ये दिक्कतें 3-5 दिनों तक बनी रहती हैं, तो डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए.डॉ टिक्कू
ठंड जब बढ़ा देती है उदासी (SAD)
सर्दियों में सीजनल एफेक्टिव मूड डिसऑर्डर के कारण आप उदास, हताश, निराश हो सकते हैं. मैक्स मल्टी स्पेशएलिटी सेंटर, गुरुग्राम की डॉ सौम्या मुदगल बताती हैं, "सर्दियों का मौसम सुस्ती, आलस, थकान और बहुत ज्यादा नींद वाला माना जाता है. एक तरफ लोग पार्टीज, वैकेशन के लिए उत्साहित रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस मौसम बहुत उदास महसूस करते हैं. ऐसा सूरज की रोशनी में आई कमी के कारण होता है. "
इसलिए अगर आप इस तरह की उदासी से निपटना चाहते हैं, तो हर वक्त अंदर रहने की बजाए बाहर निकलें और लोगों के साथ इस मौसम का मजा लें. ऑफिसेज की ओर से ट्रिप या स्पोर्ट्स एक्टिविटी कराई जानी चाहिए, जिससे काम करने वालों में उत्साह बढ़े. इससे लोगों की परफॉर्मेंस बेहतर होगी और उन्हें अच्छा भी महसूस होगा.डॉ मुदगल
सर्द मौसम का दिल पर असर
मैक्स हेल्थकेयर, शालीमार बाग में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ नरेश कुमार गोयल बताते हैं कि ठंड में हार्ट फेल, एरिथिमिया, एंजिना जैसी कार्डियक दिक्कतों से पीड़ित लोगों की चुनौती बढ़ जाती है. ऐसा कम तापमान और मौसम व प्रदूषण के कारण सांस में तकलीफ बढ़ने के कारण होता है.
जिन लोगों को दिल की बीमारियां और ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतें हैं, उन्हें खुद को गर्म रखना चाहिए. वहीं शरीर को गर्म और एक्टिव रखने के लिए नियम से एक्सरसाइज करना चाहिए.डॉ गोयल
चलना-फिरना मुश्किल ना करे ठंड
मैक्स हेल्थकेयर, शालीमार बाग में ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट में सीनियर कंसल्टेंट डॉ रितेश डांग कहते हैं, "सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है. खासकर उन लोगों को ज्यादा परेशानी होती है, जो पहले से ही अर्थराइटिस, घुटनों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी की दूसरी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं. ऐसा तापमान में गिरावट के कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने के कारण होता है. जो लोग इस तरह की दिक्कतों से परेशान हैं, उन्हें फिजियोथेरेपी, गर्म मसाज कराना चाहिए और मॉडरेट एक्सरसाइज करनी चाहिए."
ड्राई स्किन, डैंड्रफ, बाल झड़ना
ठंडे और रूखे मौसम से त्वचा और बालों की रक्षा के लिए मैक्स सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल, नोएडा के डायरेक्टर डॉ मनोज जौहर बताते हैं कि स्किन को अच्छी तरह से मॉस्चराइज करें, बालों को साफ रखें.
डॉ मनोज इस बात पर जोर देते हैं कि बालों के लिए गर्म पानी बहुत नुकसान करता है. इससे बालों का नैचुरल ऑयल निकल जाता है, जिससे स्कैल्प रूखा होता है, बालों की जड़ें कमजोर होती हैं और बाल ज्यादा झड़ते हैं. इसलिए बालों को धोने के लिए गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें.
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