सर्दियां आते ही बुजुर्गों में जोड़ों के दर्द की समस्या अधिक देखने को मिलती है. जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है दर्द में भी वृद्धि होती है.
डॉक्टरों का कहना है कि तापमान में कमी के चलते जोड़ों की रक्तवाहिनियां सिकुड़ती हैं और उस हिस्से में रक्त का तापमान कम हो जाता है, जिसके चलते जोड़ों में अकड़न होने के साथ दर्द होने लगता है.
अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद स्वरूप बताते हैं, "ठंड के मौसम में हमारे दिल के आसपास रक्त की गर्माहट बनाए रखना आवश्यक होता है. इसके चलते शरीर के दूसरे अंगों में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है. जब त्वचा ठंडी होती है तो दर्द का असर अधिक महसूस होता है. इस दर्द को वैज्ञानिक भाषा में अर्थराइटिस कहा जाता है."
अर्थराइटिस आमतौर पर 40 साल से अधिक उम्र के लोगों और इनमें भी विशेषकर महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. चूंकि पूरे शरीर का भार घुटने उठाते हैं, इसलिए अर्थराइटिस की समस्या के चलते इन्हें सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है.डॉ आनंद स्वरूप
डॉ स्वरूप आगे बताते हैं, "रूमेटाइड अर्थराइटिस में जोड़ों के साथ कुछ दूसरे अंग या पूरा शरीर भी प्रभावित होता है. हाथ पैरों के जोड़ों में दर्द, सूजन, टेढ़ापन, मांसपेशियों में कमजोरी, बुखार इसके लक्षण हैं."
उम्र के साथ हड्डियों से कैल्शियम और अन्य खनिज पदार्थो का क्षरण होने लगता है. किसी भी जोड़ में हड्डियां आपसी संपर्क में नहीं आतीं. जोड़ों के बीच में एक कार्टिलेज का कुशन होता है. जैसे ही हम बूढ़े होने लगते हैं कुशन को लचीला और चिकना बनाए रखने वाला लुब्रीकेंट कम होने लगता है. लिगामेंट्स की लंबाई और लचीलापन भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से जोड़ अकड़ जाते हैं. नियमित कसरत और पौष्टिक आहार लेने से आप जोड़ों की चपलता को बरकरार रख सकते हैं.डॉ आनंद स्वरूप
कुछ सावधानियां बरत कर जोड़ों की परेशानियों से बचा जा सकता है:
धूप और विटामिन डी
सुबह की गुनगुनी धूप को विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है. कई अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है.
ठंड के दिनों में अगर विटामिन डी की भरपूर खुराक ली जाए तो कमर दर्द और जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है.
धूप हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है. धूप में बैठने से रक्तशोध बढ़ता है और जोड़ों के दर्द और सूजन से मुक्ति मिलती है.
एक्सरसाइज और योग
जोड़ों के दर्द में कई महत्वपूर्ण आसन या योग, जैसे गिद्धासन और प्राणायाम मदद करते हैं. लगातार कई घंटों तक एक ही कुर्सी और कंप्यूटर के आगे बैठे-बैठे आपके जोड़ अकड़ जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप अपने जोड़ों के लिए थोड़ा वक्त निकालें.
डॉ स्वरूप के अनुसार, खान-पान, सुबह की सैर, कुछ आसन और कसरत जोड़ों को मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं.
मरीज विशेषज्ञ की देखरेख में ही एक्सरसाइज और योग करें. ऑफिस में हर आधे घंटे या एक घंटे में सीट छोड़कर सात मिनट के लिए घूमे-फिरें.
शरीर को स्ट्रैच करें.
महिलाएं ऊंची हील की सैंडिल पहनने से बचें. इससे एड़ी, घुटने और पिंडलियों के साथ कमर पर भी असर पड़ता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)