ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि दोपहर के वक्त नींद लेने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन एक हालिया स्टडी में बताया गया है कि इस दौरान एक घंटे से अधिक समय तक के लिए सोना दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है और इससे मौत होने की भी आशंका अधिक हो सकती है.
'ESC कांग्रेस 2020 द डिजिटल एक्सपीरियंस' में दी गई इस स्टडी में दोपहर के वक्त झपकी लेने और दिल की बीमारी व मौत होने के जोखिम के बीच संबंध के बारे में बताया गया है.
इस विश्लेषण में 20 से अधिक अध्ययनों में कुल 3,13,651 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ 39 फीसदी ने दोपहर के वक्त नींद ली.
चीन में स्थित ग्वांगझोउ यूनिवर्सिटी में स्टडी के लेखक डॉ. झे पान ने कहा, "दिन में झपकी लेना पूरी दुनिया में आम है और सामान्यत: इसे सेहत के लिए बेहतर माना जाता है."
वो कहते हैं, "आमतौर पर यह समझा जाता है कि झपकी लेने से काम करने की क्षमता में सुधार आता है और नींद की कमी से होने वाले नुकसानों की भी भरपाई होती है. हमारी स्टडी में इन दोनों ही विचारों को चुनौती दी गई है."
स्टडी में यह पाया गया कि 60 मिनट से अधिक समय तक सोने से दिल की बीमारी होने और मौत का जोखिम उन लोगों की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है, जो नहीं सोते हैं.
अगर रात में सोने की बात करें, तो यह खतरा सिर्फ उन लोगों में अधिक रहता है, जो रोजाना रात को छह घंटे से अधिक सोते हैं.
दोपहर के वक्त 60 मिनट से कम समय तक सोने से दिल की बीमारी के होने का खतरा नहीं रहता है.
डॉ. पैन कहते हैं, "नतीजे से पता चलता है कि 30 से 45 मिनट तक सोने से उन लोगों के दिलों की सेहत सुधरती है, जो रात में पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं."
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