ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसी ना किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहा है हर 7 में से 1 भारतीय

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

साल 2017 में देश की कुल आबादी की 14.3 प्रतिशत तादाद यानी करीब 19.73 करोड़ लोग किसी ना किसी मानसिक विकार से पीड़ित पाए गए.

मानसिक विकारों में डिप्रेशन, एंग्जाइटी डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, कंडक्ट डिसऑर्डर और ऑटिज्म जैसे विकार शामिल हैं.

Lancet Psychiatry में छपी स्टडी के मुताबिक इनमें से 4.57 करोड़ लोगों को डिप्रेशन और 4.49 करोड़ लोगों को एंग्जाइटी डिसऑर्डर था.

ये मानसिक विकारों के कारण रोग के बोझ का पहला व्यापक अनुमान है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस स्टडी में बताया गया है कि देश में मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं कितनी गहरी हैं. 1990 से 2017 के बीच रोग के बोझ में मानसिक विकारों का योगदान दोगुना हो गया.

इस स्टडी की मुख्य बातें:

  • डिप्रेशन और एंग्जाइटी डिसऑर्डर भारत में आम हो चुके मेंटल डिसऑर्डर हैं, जो और बढ़ रहे हैं.
  • दक्षिणी राज्यों और महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्जाइटी डिसऑर्डर ज्यादा पाया गया.
  • बुजुर्ग आबादी में डिप्रेशन ज्यादा रहा, जो बुजुर्ग होती आबादी के लिए अहम पहलू है.
  • बच्चों में मानसिक विकार उत्तरी राज्यों में ज्यादा देखा गया, लेकिन ये भारत भर में कम हो रहा है.
  • डिप्रेशन और आत्महत्या के बीच अहम संबंध पाया गया, जो कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा है.
  • डिप्रेशन, एंग्जाइटी डिसऑर्डर और ईटिंग डिसऑर्डर महिलाओं में ज्यादा था, जबकि कंडक्ट डिसऑर्डर, ऑटिज्म और हाइपरएक्टिविटी लड़कों में ज्यादा थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×