लंबे समय से COVID-19 महामारी से निपटने में लगे 30 प्रतिशत से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्यकर्मियों ने अवसाद, चिंता, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के लक्षण रिपोर्ट किए हैं.
यह बात यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की ओर से कराई गई एक स्टडी में सामने आई है. एजेंसी ने स्वास्थ्य देखभालकर्मियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए 29 मार्च से 16 अप्रैल, 2021 के दौरान एक ऑनलाइन सर्वे किया.
26,174 उत्तरदाताओं में से, 53 प्रतिशत ने पिछले 2 हफ्ते में कम से कम एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के लक्षणों की सूचना दी.
लगभग 3 में से 1 ने अवसाद (32.0 प्रतिशत), चिंता (30.3 प्रतिशत), पीटीएसडी (36.8 प्रतिशत) के लक्षणों की सूचना दी, जबकि लगभग 10 प्रतिशत ने सुसाइड के विचार आने के बारे में बताया.
मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के लक्षणों का सबसे अधिक प्रसार 29 वर्ष (47.4 प्रतिशत) से कम उम्र के युवा वर्कर और सभी उम्र के ट्रांसजेंडर या गैर-बाइनरी व्यक्तियों (65.5 प्रतिशत) और जो काम से समय निकालने में असमर्थ थे, उनमें पाया गया.
सीडीसी ने कहा, "सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खराब मानसिक स्वास्थ्य के कारण या योगदान करने वाले कारकों को खत्म करने, कम करने और प्रबंधित करने वाली रोकथाम और नियंत्रण प्रैक्टिस को लागू करने से आपात स्थिति के दौरान मानसिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हो सकता है."
अधिकांश (92.6 प्रतिशत) उत्तरदाताओं ने सीधे तौर पर कोविड-19 प्रतिक्रिया गतिविधियों पर काम करने की सूचना दी. बहुमत (59.2 प्रतिशत) ने मार्च 2020 के बाद से एक हफ्ते में 41 घंटे से अधिक काम किया.
जो वर्कर काम से समय नहीं निकाल सकते थे, उनमें कम से कम एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति की रिपोर्ट करने का जोखिम उन लोगों की तुलना में दो गुना अधिक था, जो काम से समय निकाल सकते थे.
सीडीसी ने कहा, "सभी चार मानसिक स्वास्थ्य परिणामों की व्यापकता और अवसाद या पीटीएसडी के लक्षणों की गंभीरता में वृद्धि हुई, क्योंकि कोविड-19 प्रतिक्रिया गतिविधियों पर सीधे काम करने का प्रतिशत और एक हफ्ते में काम के घंटों में वृद्धि हुई."
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