हम अपने रोज के खाने में दूध, दाल, मेवा, अंडा या मीट क्यों शामिल करते हैं? इसलिए क्योंकि ये प्रोटीन से भरपूर होते हैं. प्रोटीन क्या है?
कार्बोहाइड्रेट और फैट की तरह प्रोटीन भी उन पोषक तत्वों में से एक है, जिसकी जरूरत हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में होती है.
दरअसल हमारे शरीर की हर कोशिका में प्रोटीन होता है. एक स्वस्थ इंसान के शरीर में 15 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है.
- प्रोटीन से ही हमारी मांसपेशियां बनती हैं
- हमारी हड्डियों और स्किन के लिए इसकी जरूरत होती है
- नाखून और बाल का ज्यादातर हिस्सा प्रोटीन से बना होता है
- हमारे शरीर की ग्रोथ और मरम्मत यानी रिपेयर के लिए प्रोटीन चाहिए
- वहीं एंजाइम, हार्मोन और दूसरे बॉडी केमिकल बनाने के लिए भी प्रोटीन जरूरी है
असल में प्रोटीन अमीनो एसिड से बना होता है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन या सल्फर से बने ऑर्गेनिक कंपाउंड होते हैं.
कुछ अमीनो एसिड शरीर में अपने आप बनते हैं जबकि 9 अमीनो एसिड ऐसे हैं, जिनकी जरूरत होती है, लेकिन ये शरीर में खुद ब खुद नहीं बनते.
इन्हीं जरूरी अमीनो एसिड की पूर्ति के लिए हमें प्रोटीन से भरपूर चीजें खानी होती हैं.
हमें रोजाना कितना प्रोटीन चाहिए?
किसी को खाने के जरिए कितना प्रोटीन लेना चाहिए, ये उसकी उम्र, लिंग और एक्टिविटी लेवल पर निर्भर करता है.
आमतौर पर हर 1 किलोग्राम बॉडी वेट के लिए 0.8 ग्राम से लेकर 1 ग्राम प्रोटीन लेने को कहा जाता है यानी अगर किसी का वजन 50 किलोग्राम है, तो उसे रोजाना 50 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए .
वहीं बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं या ब्रेस्ट फीड कराने वाली मांओं और बीमार लोगों को इससे ज्यादा प्रोटीन की जरूरत होती है.
खाने की किन चीजों से मिलता है प्रोटीन?
प्रोटीन से भरपूर चीजों की कोई कमी नहीं है, आपके पास तमाम ऑप्शन हैं, जैसे
- मांसाहार (मीट, चिकन, अंडा, मछली)
- डेयरी प्रोडक्ट्स (दूध, दही, छाछ, पनीर, छेना, खोवा)
- अनाज (जई, राई, बाजरा, मक्का , चावल, गेहूं, ऐमारैंथ, और क्विनोआ)
- दाल
- मेवा (काजू, बादाम, मूंगफली, अखरोट)
- सोया (टोफू, सोया दूध, सोया आटा)
- कई तरह के बीज (कद्दू, तिल, सूरजमुखी, भांग)
- फल (अमरूद, केला, संतरा, एवोकैडो)
- सब्जी (केल, ब्रॉकली, बीन्स, मटर, पालक, कॉर्न, मशरूम, गोभी)
कई एनिमल प्रोडक्ट जिनमें ज्यादा प्रोटीन होता है, उनमें सैचुरेटेड फैट भी ज्यादा होता है. एक्सपर्ट्स खाने में सैचुरेटेड फैट की मात्रा सीमित करने की सलाह देते हैं.
इसलिए लीन मीट यानी बिना चर्बी वाले मीट जैसे चिकन और मछली खाने की सलाह दी जाती है.
वहीं प्रोटीन के हर फूड सोर्स में सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड नहीं होते हैं, जैसे अनाज और दाल में कुछ अमीनो एसिड नहीं होते हैं.
खाने की जिन चीजों में सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, उन्हें कम्प्लीट प्रोटीन या हाई-क्वालिटी प्रोटीन कहते हैं.
ज्यादातर मीट और दूसरे एनिमल प्रोडक्ट कम्प्लीट प्रोटीन में आते हैं. क्या इसका मतलब ये है कि शाकाहारी लोगों को कम्प्लीट प्रोटीन नहीं मिल सकता?
शाकाहारी लोग कम्प्लीट प्रोटीन के लिए क्या करें?
क्विनोआ, हेम्प सीड्स यानी भांग के बीज, चिया सीड्स, सोया और टोफू कम्प्लीट प्रोटीन के सोर्स हैं.
इसके अलावा कई तरह के प्लांट प्रोटीन को खाने में शामिल कर सभी जरूरी अमीनो एसिड की पूर्ति की जा सकती है.
बस आपको ध्यान रखना है कि आपकी थाली के एक चौथाई हिस्से में प्रोटीन वाली चीजें जरूर हों और आप एक बैलेंस्ड डाइट ले रहे हों.
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)