ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों ने देश में चिंता का माहौल बना दिया है. ख़ास कर वैक्सिनेशन से वंचित नवजात और छोटे बच्चों के माता-पिता के बीच एक डर सा है, 'COVID Variant Omicron' को ले कर. जैसा कि डेटा बताते हैं, पहले वाले वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन इसका ट्रांसमिशन दर अधिक है.
हालाकि अभी तक बच्चों में कोविड-19 के मामलों में गंभीरता कम देखी गयी है, पर बढ़ते मामले और वैक्सिनेटेड नहीं होने कारण बच्चों में संक्रमण तेज़ी से बढ़ सकता हैं.
फ़िट हिंदी ने ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए, नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को कोविड-19 होने पर क्या करें, ये जानने की कोशिश की है बाल चिकित्सकों से.
अभी तक भारत में अधिकारिक तौर पर कोविड -19 की तीसरी वेव में बच्चों के हॉस्पिटलाइजेशन का डेटा उपलब्ध नहीं है. हालाकि, पिछली बार की तुलना, बच्चों के संक्रमण दर में बढ़ोतरी हुई है. ऐसा डॉ. धीरेन गुप्ता, सीनियर कन्सल्टंट, पीडियाट्रिक्स, सर गंगा राम अस्पताल ने फ़िट हिंदी को बताया.
छोटे बच्चों में ओमिक्रॉन के लक्षण
ओमिक्रॉन के लक्षणों पर डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स, मेदांता गुरुग्राम, ने बताया, "नवजात शिशु की माता अगर ओमिक्रॉन संक्रमित हो जाए तब भी शिशु को माँ के साथ ही रखा जाना चाहिए. माँ बच्चे को मास्क पहन कर ढूध पिलाएं.
ओमिक्रॉन के 80% मामलों में खांसी-ज़ुकाम की शिकायत, 10% ठंड के साथ तेज़ बुख़ार 10% उल्टी, पेट ख़राब और थकान."
बच्चों में ज़्यादातर पाए जाने वाले ओमिक्रॉन के लक्षण:
बुख़ार
खांसी-ज़ुकाम
बदन दर्द
गले में खराश
उल्टी
दस्त
पेशाब कम
थकान
"0-6 साल से छोटे बच्चों में तेज़ बुख़ार के साथ दौरे की समस्या भी देखी जा सकती है, जो जीवन के लिए ख़तरनाक हो सकती है. बुख़ार 102 से ऊपर जाते ही बच्चे को स्पंजिंग करें. याद रहे, सर्दियों में स्पंजिंग के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें."डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स, मेदांता गुरुग्राम
ओमिक्रॉन संक्रमित बच्चों की देखभाल
बिना लक्षण अगर बच्चा कोविड पॉज़िटिव है, तो ऐसे में किसी ट्रीटमेंट की ज़रूरत नहीं है. बच्चे को केवल 7 दिनों तक आयसोलेशन में रखें और साथ ही कोविड दिशानिर्देशों का पालन कराएं.
छोटे बच्चों में संक्रमण के लक्षण पता चलते ही डॉक्टर से विडियो कॉन्सल्टेशन को प्राथमिकता दें. हॉस्पिटल आपातकालीन स्तिथि में जाएं. ओमिक्रॉन के कुछ उपचार जो डॉक्टरों ने बताए:
7 दिनों के लिए आयसोलेशन में रखें ( बच्चे के साथ हर समय रहने वाला व्यक्ति मास्क पहन कर रहें)
डॉक्टर द्वारा दी गयी दवा समय पर बच्चे को दें
हाइड्रेटेड रखें (पानी, जूस, नारियल पानी, ओआरएस, सूप)
बुख़ार को 102 से ऊपर न जाने दें
बुख़ार 102 से ऊपर जाने पर स्पंजिंग करें
ऑक्सीजन संतृप्ति (Oxygen saturation) चेक करते रहें
बुख़ार आने पर बच्चे को ज़्यादा कपड़े न पहनायें
बच्चे को वेंटिलेटेड कमरे में रखें ताकि कमरे में ताजी हवा का संचार हो सके
गले में ख़राश की स्तिथि में नमक के पानी के गरारे करायें
पौष्टिक आहार दें
0-2 वर्ष के बच्चों का ऑक्सिजन लेवल देखने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर को सोते बच्चे के पैर के अंगूठे में लगा कर चेक करना सही तरीक़ा है.
गंभीर स्तिथि कैसे पहचाने?
माता-पिता घबराए नहीं बल्कि सचेत रहें. इन स्थितियों को गंभीरता से लें और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:
बुख़ार को 3 दिन से ज़्यादा हो गए हों
जब बुख़ार 102 से ज़्यादा हो
जब बच्चा खांसी बहुत कर रहा हो
उल्टियाँ हो रही हो
पेशाब कम हो रहा हो
साँस तेज चल रही हो
सुस्त हो
पानी नहीं पीने के कारण डिहाइड्रेटेड हो
ऑक्सीजन संतृप्ति (Oxygen saturation) अगर 95 से नीचे जा रहा हो
कैंसर, थैलेसीमिया, डायबिटीज, ल्यूकीमिया, एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी झेल रहे बच्चों को रिस्क ज़्यादा है. उनका विशेष ध्यान रखें
ओमिक्रॉन संक्रमित माँ और नवजात बच्चा
डॉ. अमित गुप्ता, सीनियर कन्सल्टंट, पीडियाट्रिक्स, फ़ोर्टिस इस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद ने फ़िट हिंदी से कहा "डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवाईयां देनी चाहिए क्योंकि नवजात शिशुओं में दवाई की खुराक तथा बीमारी से होने वाले कम्प्लीकेशन दोनों के लिए सावधानी की आवश्यकता है.
ओमिक्रॉन के लक्षण नवजात शिशुओं में:
बुख़ार
सुस्त रहना
दूध कम पीना
साँस तेज़ रहना
बार-बार उल्टी करना
पेशाब कम करना
चिड़चिड़ापन
डॉ. संजय वज़ीर, नियोनेटोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ, क्लाउडनाइन गुरुग्राम ने बताया "यदि माँ कोविड संक्रमित हैं, तो उन्हें अपने बच्चे को मास्क पहन कर स्तनपान जारी रखना चाहिए. बच्चे को माँ के पास केवल भोजन के लिए लाया जाना चाहिए और उसके बाद उसकी देखभाल किसी ऐसे व्यक्ति को करनी चाहिए जो संक्रमित न हो.
नवजात केवल देखभाल करने वालों से ही संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए माँ के अलावा, जिन लोगों में कोविड के लक्षण दिखते हैं उन्हें बच्चों से दूर रहना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए."
पिछली लहर में कई गर्भवती महिलाओं में प्री मड्युर डेलीवेरी देखी गई. ऐसा इस बार भी हो सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे किसी भी जोखिम से खुद को बचाएं, डॉ. संजय वज़ीर की सलाह.
पिछले लहर में, कोविड के कुछ हफ्तों बाद, कुछ बच्चों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम यानि एमआईएससी देखा गया, जिसमें बुखार, लाल आंखें और दिल की परेशानियों के मामले सामने आते देखा गया है. यदि आप कोविड के बाद इनमें से कोई भी लक्षण देखते हैं, तो कृपया अपने चिकित्सक से संपर्क करें.
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