ADVERTISEMENTREMOVE AD

रजनीकांत ने कराया कैरोटिड आर्टरी रिवैस्कुलराइजेशन, जानिए क्या है ये

Published
Fit Hindi
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मेगास्टार रजनीकांत की शुक्रवार 29 अक्टूबर 2021 को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में कैरोटिड आर्टरी रिवैस्कुलराइजेशन (Carotid Artery Revascularization) की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई.

कावेरी अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि अभिनेता रिकवर हो रहे हैं और कुछ दिनों में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

रजनीकांत को गुरुवार 28 अक्टूबर 2021 को चक्कर आने के बाद कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

एक बयान में कावेरी हॉस्पिटल के को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ अरविंदन सेल्वराज ने कहा, "डॉक्टरों की विशेषज्ञ पैनल टीम ने उनकी जांच की और उन्हें कैरोटिड आर्टरी रिवैस्कुलराइजेशन की सलाह दी गई थी."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है कैरोटिड आर्टरी रिवैस्कुलराइजेशन

कैरोटिड आर्टरी क्या होती है, Carotid Artery Revascularization की जरूरत कब पड़ती है? इसके बारे में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (CTVS) डायरेक्टर व हेड डॉ उदगीथ धीर समझाते हैं, "हार्ट से ब्रेन की तरफ जाने वाली आर्टरीज मतलब जो ब्रेन को ब्लड सप्लाई करती हैं, वो कैरोटिड आर्टरीज होती हैं."

इन कैरोटिड आर्टरी में भी कोलेस्ट्रॉल डिपॉजिशन, ब्लड क्लॉट फॉर्मेशन से ब्लॉकेज हो सकती है. जैसे जब हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज हो जाती है, तो हार्ट अटैक का खतरा होता है. उसी तरह ब्रेन को ब्लड सप्लाई करने वाली कैरोटिड आर्टरीज में ब्लॉकेज से ब्रेन अटैक का खतरा होता है, जिसे स्ट्रोक भी कहते हैं.
डॉ उदगीथ धीर, डायरेक्टर और हेड, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (CTVS), फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट
0

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ मुकेश गोयल बताते हैं कि रिवैस्कुलराइजेशन का मतलब होता है ब्लॉकेज हटाना और कैरोटिड आर्टरी रिवैस्कुलराइजेशन का प्रोसीजर इन आर्टरीज से ब्लॉकेज हटाने के लिए किया जा सकता है.

डॉ धीर बताते हैं कि 75-80% से कम ब्लॉकेज में मरीज को कई तरह की दवाइयां दी जाती हैं, जिससे कि ब्रेन अटैक या स्ट्रोक का रिस्क कम हो जाता है. वहीं 75-80% से ज्यादा ब्लॉकेज में कैरोटिड में स्टेंट डालना या कैरोटिड आर्टरी सर्जरी की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

डॉ मुकेश गोयल कहते हैं, "सर्जरी में आर्टरी को काटकर प्लाक हटाया जा सकता है या आर्टरी में स्टेंट डाला जा सकता है. आमतौर पर 70 प्रतिशत से कम ब्लॉकेज में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

डॉ गोयल के मुताबिक कैरोटिड आर्टरी से ब्लॉकेज हटाने की दोनों तरह की प्रक्रिया सर्जरी या स्टेंट डालने के दौरान स्ट्रोक की आशंका 1 प्रतिशत होती है."

"लेकिन एक बार जब सर्जरी बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है, तो ठीक होने की दर लगभग 100 प्रतिशत हो जाती है."
डॉ मुकेश गोयल, सीनियर कार्डियक सर्जन, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल

डॉ धीर के मुताबिक कैरोटिड आर्टरी में ब्लॉकेज का ट्रीटमेंट कैसे करना है ये मरीज की कंडिशन, उसे महसूस होने वाले लक्षण, स्क्रीनिंग और ब्लॉकेज पता करने वाले टेस्ट जैसे दूसरे कई फैक्टर पर निर्भर करता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सावधानी

डॉ उदगीथ धीर सलाह देते हैं कि जो हाइपरटेंसिव है, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर है, डायबिटीज है, ऐसे लोगों को अपना रेगुलर चेक अप कराना चाहिए.

अगर उनको ऐसा लगता है कि आंखों के आगे धुंधलापन आ रहा है या चक्कर आ रहे हैं, तो इसको हल्के में न लें.
डॉ उदगीथ धीर, डायरेक्टर और हेड, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (CTVS), फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट

बता दें कि रजनीकांत को पिछले साल दिसंबर में गंभीर हाइपरटेंशन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×