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COVID-19 के मामलों में भले ही गिरावट देखी जा रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे का अभी खात्मा नहीं हुआ है. इसके साथ ही सीजनल फ्लू भी एक चुनौती है, जिसके मामलों में तेजी देखी जा रही है.
पिछले कुछ महीनों के दौरान दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत भारत के कई इलाकों में वायरल बुखार (viral fever) और फ्लू जैसे लक्षणों के मामलों में तेजी देखी गई है.
कोरोना महामारी के साथ भारतीय फ्लू वैक्सीन (flu vaccine) के प्रति भी ज्यादा सहज हो गए हैं और इस साल पहले से कहीं ज्यादा लोग फ्लू की वैक्सीन लगवा रहे हैं.
शोधकर्ताओं के बीच भी यह मुद्दा चर्चा में है, जो 'twindemic' आने की चेतावनी दे रहे हैं. उनको लगता है कि इस साल फ्लू का सीजन कोविड (COVID) के साथ मिलकर महामारी को और खतरनाक बना सकता है.
तो, क्या इस साल आपके लिए फ्लू वैक्सीन लेना सही होगा? इसकी जरूरत किन लोगों को है?
इस सिलसिले में फिट ने जसलोक हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विभाग की कंसल्टेंट डॉ. माला कनेरिया और फोर्टिस हॉस्पिटल, मुंबई की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता मैथ्यू से बात की.
‘फ्लू' असल में क्या है?
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार फ्लू (flu) या इन्फ्लूएंजा (influenza) सांस का एक बेहद संक्रामक वायरल संक्रमण (viral respiratory infection) है.
फ्लू में सर्दी जैसे लक्षणों से लेकर तेज बुखार, उल्टी, दस्त तक हो सकते हैं और कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है.
सीजनल फ्लू और कोविड-19 के लक्षण आपस में कई काफी मिलते-जुलते हैं और टेस्ट के बिना दोनों में अंतर कर पाना मुश्किल होता है.
क्या इस साल फ्लू का सीजन वाकई बहुत बुरा है?
मुंबई के फोर्टिस हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता मैथ्यू कहती हैं, “फ्लू के पैटर्न में असल में कोई नाटकीय बदलाव नहीं आया है.”
“इस समय के दौरान फ्लू के मामले देखने को मिलते हैं और दीपावली के बाद यह बढ़ जाएगा क्योंकि यह फ्लू का सीजन है. लेकिन इसके मामले उतने ज्यादा नहीं हैं, कम से कम मुंबई में.”डॉ. अनीता मैथ्यू, संक्रामक रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुंबई
वह यह भी कहती हैं कि इस बार हमारे सामने ज्यादा मामले आ रहे हैं, तो इसकी एक वजह यह है कि “अब हमारे पास इसका पता लगाने के लिए ज्यादा टेस्टिंग क्षमता है.”
“फ्लू संक्रमण और मृत्यु दर के मामले में यह साल किसी भी दूसरे साल से अलग नहीं है.”
दूसरी ओर जसलोक हॉस्पिटल में संक्रामक बीमारियों के विभाग की कंसल्टेंट डॉ. माला कनेरिया का कहना है कि ऐसा लग सकता है कि इस साल फ्लू का सीजन COVID-19 महामारी की वजह से ज्यादा बुरा है, जिसने हमें घर के अंदर रहने पर मजबूर किया.
“कोविड महामारी के दौरान सभी लोगों के मास्क लगाने और हाथ की सफाई रखने से फ्लू के मामलों में काफी कमी आई थी. लेकिन अब जबकि कोरोना मामलों में कमी आई है और लोग बचाव के उपाय छोड़ रहे हैं, फ्लू वायरस एक नए अवतार में वापस आ गया है और लंबे समय तक रहने वाले लक्षण पैदा कर रहा है.”डॉ. माला कनेरिया, कंसल्टेंट, संक्रामक रोग विभाग, जसलोक हॉस्पिटल
क्या भारत में फ्लू का मौसम पश्चिमी देशों से अलग है?
जी हां, डॉ. अनीता मैथ्यू कहती हैं.
वह कहती हैं, “हम आमतौर पर लोगों को मई के महीने के आसपास वैक्सीन लेने के लिए कहते हैं, क्योंकि यही समय होता है जब फ्लू का सीजन शुरू होता है, और फिर यह साल के दूसरे हिस्से में बढ़ता जाता है.”
वह यह भी कहती हैं कि वह आमतौर पर स्कूल शुरू होने से पहले, मई के आसपास वैक्सीन लेने की सलाह देती हैं.
डॉ. कनेरिया सहमति जताते हुए कहती हैं कि मॉनसून (सितंबर-अक्टूबर का महीना) का समय भी वैक्सीन लेने के लिए अच्छा है.
डॉ. कनेरिया कहती हैं, इसके अलावा “क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन (उत्तरी गोलार्ध में) में शामिल स्ट्रेन दक्षिणी गोलार्ध के वैक्सीन स्ट्रेन के मुकाबले थोड़ा अलग होता है.”
मुझे कितनी बार फ्लू वैक्सीन लेने की जरूरत है?
फ्लू वैक्सीन एक साल के लिए होती हैं, जिसका मतलब है कि आपको साल में एक बार वैक्सीन लेने की जरूरत है.
क्या फ्लू का वायरस भी रूप बदलता है यानी म्यूटेट होता है?
हां, डॉ. माला कनेरिया कहती हैं, “जैसा कि हमने कोविड बीमारी करने वाले SARS-CoV-2 के मामले में देखा है, सभी फ्लू वायरस लगातार रूप बदलते हैं, और म्यूटेशन इसके अस्तित्व और फैलाव के लिए जरूरी है.”
वह कहती हैं, “म्यूटेंट वायरस ज्यादा फैलने या ज्यादा गंभीर बीमारी करने की ताकत हासिल कर सकता है.”
डॉ. मैथ्यू कहती हैं, “फ्लू वैक्सीन हर साल अपग्रेड हो सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि पिछले साल के स्ट्रेन में कोई बदलाव आया है या नहीं.”
“यह आमतौर पर मई, जून या अक्टूबर के महीनों में सामने आता है, इसलिए हम इसके आसपास वैक्सीन लेने की सलाह देते हैं.”डॉ. अनीता मैथ्यू, संक्रामक रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुंबई
किन लोगों को फ्लू की वैक्सीन लेने की जरूरत है?
वैसे ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है. खासतौर से कोमॉर्बिडिटीज (comorbidites) वाले लोगों के लिए यह ज्यादा जरूरी है, लेकिन कोई भी इन्हें ले सकता है, जिसमें 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चे भी शामिल हैं.
डॉ. मैथ्यू कहती हैं, "हमने यह (खासतौर पर) 65 साल से ज्यादा उम्र वाले और बीमार लोगों को दिया है."
डॉ. कनेरिया इस समूह के तहत आने वाले लोगों के बारे में बताती हैं.
65 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग
2 साल से कम उम्र के बच्चे
दिल की बीमारी वाले
फेफड़ों की बीमारी वाले लोग
किडनी और लीवर की क्रोनिक बीमारी
गर्भवती महिला
ट्रांसप्लांट कराने वाले लोग
HIV जैसी बीमारी के चलते कमजोर इन्युनिटी वाले व्यक्ति
जो लोग इम्यूनो-सप्रेसेन्ट्स (immuno-suppressants) यानी इम्यूनिटी को कम करने वाली दवाएं ले रहे हैं.
क्या हम ‘twindemic’ की ओर बढ़ रहे हैं?
डॉ. कनेरिया के मुताबिक ऐसा हो सकता है.
“आखिरकार अब कोविड के एंडेमिक होने के आसार हैं, इसलिए कोविड और इन्फ्लूएंजा का साथ-साथ चलना— तथाकथित twindemic की संभावना है और दोनों एक ही व्यक्ति में हो सकती हैं.”डॉ. माला कनेरिया, कंसल्टेंट, संक्रामक रोग विभाग, जसलोक हॉस्पिटल
कोविड और फ्लू दोनों का एक साथ फैलाव हमारे हेल्थकेयर सिस्टम पर भारी बोझ डाल सकता है, लेकिन डॉ. मैथ्यू भरोसा दिलाती हैं कि किसी शख्स को दोनों एक साथ होने की संभावना नहीं है.
डॉ. मैथ्यू कहती हैं, “अभी तक हमें ऐसा कोई मरीज नहीं मिला है, जिसे कोविड और फ्लू दोनों हों, कम से कम अपनी प्रैक्टिस के दौरान मैंने ऐसा नहीं देखा है."
वह एक टेस्टिंग के बारे में बताती हैं जिसे वे बायोफायर (biofire) कहती हैं, जो कोविड और फ्लू दोनों की पहचान करता है. “हमेशा ही या तो कोविड होगा या फ्लू होगा. हमने इन दोनों को एक साथ नहीं देखा है.”
अंतिम बातः फ्लू वैक्सीन के लिए हां या नहीं?
डॉ. मैथ्यू और डॉ. कनेरिया दोनों फ्लू वैक्सीन लेने की सलाह देती हैं, भले ही आप कोमॉर्बिडिटीज वाले लोगों की श्रेणी में आते हों या नहीं, लेकिन इस साल यह सामान्य से ज्यादा लेने की जरूरत नहीं है.
“फ्लू वैक्सीन आपको हर साल लेनी चाहिए. यह ऐसी चीज है जो उपलब्ध है और यह सचमुच बीमारियों से बचाव करती है इसलिए अगर लोग इसे लेते हैं तो फायदा ही होगा.”डॉ. अनीता मैथ्यू, संक्रामक रोग विशेषज्ञ, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुंबई
डॉ. कनेरिया सहमति जताते हुए कहती हैं, “कोविड संकट में सभी जान गए हैं कि फ्लू वायरस जान ले सकता है. भले ही कोविड के मामले कम हो रहे हैं, हम अभी भी इसकी गिरफ्त में हैं और लंबे समय तक बने रहेंगे.”
डॉ. माला कनेरिया कहती हैं, “इसलिए, फ्लू वैक्सीन जिसे पहले बेमतलब माना जाता था, अब इसने सबका ध्यान खींचा है. इसकी एक वजह कोविड वैक्सीनेशन के फायदों का सामने आना भी है.”
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