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सेक्सॉल्व: 'मैं शादी करना ही नहीं चाहती, किसी से भी नहीं'

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(चेतावनी: कुछ सवाल आपको विचलित कर सकते हैं. पाठक को पढ़ने से पहले विवेक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.)

सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब पर आधारित कॉलम है.

अगर आपके मन में सेक्स, सेक्स के तौर-तरीकों या रिलेशनशिप से जुड़े कोई सवाल हैं, और आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखें, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः

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'मैं शादी करना ही नहीं चाहती, किसी से भी नहीं'

डियर रेनबोमैन,

मैं उत्तर भारत की 25 साल की लड़की हूं. मैं “प्रगतिशील” माने जाने वाले एक परिवार से हूं.

मैंने “प्रगतिशील” को इनवर्टेड कॉमा में इसलिए रखा क्योंकि मेरी मां को लगता है कि उन्होंने 18 साल की उम्र में मेरी शादी न कर बड़ा नेक काम किया और अब 25 साल की उम्र में वह चाहती हैं कि मैं उस शख्स से शादी कर लूं जिसे वह मेरे लिए चुनें.

वह सोचती हैं कि मां-बाप की बात मानना हर बेटी का फर्ज है. वह “तुम पढ़ाई करना चाहती थी, हमने तुम्हारी बात सुनी, अब हमारी बात सुनने की तुम्हारी बारी है.” मेरे पिता बहुत सरल हैं. ऐसे मामलों में वह ज्यादा कुछ नहीं कहते.

मेरी मां के सिर पर मेरी शादी करा देने का जुनून सवार है. मेरा भाई मुझसे 2 साल बड़ा है और वह अपनी पीएचडी करने जा रहा है. मैं शादी से बचने के लिए घर से भाग जाने या खुद को खत्म कर लेने के बारे में सोच रही हूं. मैं वाकई बड़ी उलझन में हूं और बहुत परेशान हूं.

मुझे समझ में नहीं आ रहा कि क्या करना चाहिए. मैं ऐसी लड़की नहीं हूं जो शादी करना या सेक्स करना चाहती है. मैं एसेक्सुअल (सेक्स के प्रति उदासीन) हूं. और मेरी प्यारी मां वह शख्स हैं जो मेरी खुशियों को खत्म कर देने और मुझे किसी के गले मढ़ देने के लिए हर कोशिश कर रही हैं. मैं किसी से भी शादी नहीं करना चाहती.

25 पर नहीं, 35 पर नहीं, 75 पर भी नहीं. कभी नहीं. मैं कतई शादी नहीं करना चाहती.

रोमांस, या प्यार, या सेक्स का ख्याल मुझे छू भी नहीं गया. मेरी जिंदगी में यौन उत्पीड़न या ऐसे दूसरी चीज का कोई बुरा अनुभव नहीं हुआ... मैं बस एसेक्सुअल पैदा हुई हूं. मैं नहीं जानती कि क्या करना चाहिए.

मुझे नहीं पता कि मैं अपनी जिंदगी दर्द की दास्तान बनने से कैसे बचाऊं और इसके बजाए अपनी दास्तान खुद लिखूं. मुझे समझ नहीं आ रहा. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा. मुझे नहीं पता कि मेरा भविष्य क्या होगा. क्या मेरी जिंदगी सिर्फ दूसरों की बात सुनने के लिए है और मेरी खुद की कोई ख्वाहिश नहीं है.

क्या मैं इसी के लिए पैदा हुई हूं. क्या यही मेरी जिंदगी है. मुझे नहीं पता. मैं सचमुच परेशान हूं. अगर मैंने अपना दिल बहुत ज्यादा खोल कर रख दिया और आपका दिन खराब कर दिया तो मुझे माफ कर दीजिए. सॉरी.

भागती दुल्हन

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डियर फ्रेंड,

आप जो महसूस कर रही हैं, उसे बड़ी खूबसूरती से बयान किया है. शुक्रिया.

नहीं, अपने दिल की बात कहने के लिए किसी से भी माफी मांगने की जरूरत नहीं. ईमानदारी हमारे खुद के लिए जिम्मेदारी है. मैं आपकी ईमानदारी की तारीफ करता हूं और इस बात को पसंद करता हूं कि आप जिंदगी से क्या चाहती हैं और क्या नहीं चाहती, इस बात को आप पूरी तरह जानती हैं.

मां-बाप भी गलत हो सकते हैं. कभी-कभी बहुत ज्यादा गलत. और अपनी जरूरतों और ख्वाहिशों को प्राथमिकता देना गलत नहीं है. बच्चों को मां-बाप की इज्जत करनी चाहिए. लेकिन मां-बाप को भी बच्चों की इज्जत करनी चाहिए. यह दोतरफा है.

कानूनी, नैतिक और सांसारिक रूप से अपनी संतान को शादी के लिए मजबूर करना या अपनी संतान को उस शख्स के साथ घर बसाने के लिए मजबूर करना गलत है, जिसे वो पसंद नहीं करता है. बच्चों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करना गलत है.

मां-बाप अपने बच्चों पर अपनी पसंद नहीं थोपते तो उन पर कोई एहसान नहीं करते हैं. इसका सिर्फ इतना मतलब है कि वे अच्छे इंसान हैं.

अपनी संतान को उनकी मर्जी के खिलाफ रिश्ते के लिए मजबूर करना परंपरा निभाना नहीं है, यह इंसानियत पर धब्बा है. चूंकि इस मर्जी के खिलाफ होने वाले रिश्ते में सेक्स भी शामिल है, इसलिए यह बलात्कार है.

मैं चाहता हूं कि आप अपने घर से बाहर अपना खुद का सपोर्ट सिस्टम तैयार करें. मैं आपको किसी स्थानीय एनजीओ से बात करने और उसकी मदद लेने की सलाह दूंगा. मेरा सुझाव है कि आप अपने लिए पर्याप्त समर्थन जुटाने और रहने के लिए एक सुरक्षित जगह मिलने के बाद अपना घर छोड़ दें. अगर जरूरी हो तो कानूनी मदद भी हासिल करें.

मैं मजलिस नाम के एक महिला अधिकार संगठन के बारे में जानता हूं. आप इससे www.majlis.law पर संपर्क कर सकती हैं. आप मदद पाने के लिए ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क से www.hrln.org पर संपर्क कर सकती हैं. अपने लिए एक जॉब ढूंढें. आत्मनिर्भर बनें और अपने पैरों पर खड़ी हों.

मैं जानता हूं कि ऐसे हालात में हम खुद को जाल में फंस गया महसूस करते हैं, हम कभी-कभी ऐसा मान लेते हैं कि इस झमेले से निकलने का कोई रास्ता नहीं है. हम कई बार अपनी जिंदगी खत्म कर इस सबसे निजात पा जाने के बारे में भी सोचने लगते हैं.

जब भी आपके मन में ऐसे ख्याल आते हैं, तो उन्हें समझें. ऐसे ख्याल आने पर किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से बात करने में देरी न करें और उसकी मदद हासिल करें.

मुझे पता है कि जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीना कभी-कभी कठिन लगता है, लेकिन यकीन रखें कि रात कितनी काली हो, सुबह उजाला भी होता है.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः आपका चुना हुआ रास्ता रौशन हो. और आपके सारे सपने सच हों.

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‘मैं एक कैरेक्टर को प्यार करता हूं, लेकिन उसके पीछे मौजूद इंसान को नहीं.’

यह लव लेटर नहीं है. या हो भी सकता है.
(फोटो: iStock)

डियर रेनबोमैन,

मैं पिछले 5 सालों से आपके आर्टिकल्स का प्रशंसक हूं. मैं हमेशा आपकी सभी पोस्ट पढ़ता हूं. आप जो कुछ भी लिखते हैं उसे पढ़कर कभी गुस्सा हुआ, कभी उदास हुआ, कभी खुश हुआ और कभी पागल हुआ. आप जब बेहद घटिया किस्म के लोगों से सहानुभूति जताते हैं, तो कई बार मैं आपसे सहमत नहीं होता, कई बार पूरी तरह सहमत भी होता हूं.

आप मेरी आशा और निराशा हैं, मेरा दर्द और आराम हैं. अफसोस कि आप असली हैं. मुझे लगता है कि मुझे आपसे प्यार है- मिस्टर रेनबोमैन. समस्या यह है कि मैं एक इंसान के रूप में आपको पसंद नहीं करता. मैं इस आर्टिकल के पीछे के इंसान के रूप में आपसे प्यार नहीं करता.

मैं आपके लेखन को पसंद करता हूं. मुझे अच्छा लगता है कि आप अपने पाठकों की कद्र करते हैं. मैं आपके विचारों को पसंद करता हूं. मुझे इस लेख के सामने वाले शख्स से प्यार है. क्या आप मेरी बात समझ सके?

मुझे पता है कि आपको यह थोड़ा नापसंद लग सकता है. लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं इसे कैसे सही तरीके से बयान कर सकता हूं. यह लिखने के लिए मुझे हौसला जुटाना पड़ा. लेकिन मैं असमंजस में हूं. मुझे नहीं पता कि मैं ठीक से समझा पा रहा हूं या नहीं.

यह लव लेटर नहीं है. या यह लव लेटर हो भी सकता है. मैं बस एक नौजवान शख्स हूं जो रेनबोमैन के जवाब का इंतजार कर रहा है?

अनाम 25

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डियर अनाम,

आपके प्यार के लिए बहुत बहुत शुक्रिया. मेरे जवाबों को इतनी ज्यादा रुचि और उत्साह से पढ़ने के लिए शुक्रिया. और मुझे यह बताने के लिए शुक्रिया कि आप रेनबोमैन के बारे में क्या सोचते हैं.

जब हम असल जिंदगी में लोगों को जानते हैं, तो हम उनके बारे में सोच बनाते हैं. मेरा पक्के तौर पर मानना है कि हर किसी का एक अच्छा और एक बुरा पहलू होता है. हालांकि, जब हम उन लोगों की बात करते हैं जो थोड़े बहुत जाने-पहचाने हैं, तो हम उनके बारे में जितनी सकारात्मकता बातों की सराहना करते हैं, उससे ज्यादा नकारात्मक बातों को बढ़ा-चढ़ाकर देखते हैं.

असल जिंदगी में, मुझे ऐसा शख्स माना जाता है जो मजबूती से अपनी राय रखता है. विवादों से मेरा भी नाता रहा है. मैं नहीं चाहता था कि जो मेरी असल जिंदगी है, उस छवि के चलते कोई मुझे कुछ लिखने से झिझके.

कई बार (आधे मामलों में) अनाम होकर लिखना, कंप्यूटर के सामने बैठे पाठक को लेखक के बारे में जो भी छवि बनाना चाहता है, उसे बनाने का मौका देता है. यह हैरी पॉटर को पढ़ते हुए किसी शख्स की हैरी के रूप में कल्पना करने जैसा है. हैरी के रूप में रणवीर सिंह? हूंउउउ .... क्यों नहीं!

ठीक है, अब बात को खत्म करते हैं. मेरे कहने का मतलब यह है कि मैं नाराज नहीं हूं, बल्कि इसके बजाए गहरे एहसान की भावना महसूस कर रहा हूं क्योंकि आपने अपने सच्चे एहसासों का इजहार किया है. शुक्रिया.

मैं आपको सिर्फ इतना याद दिलाना चाहता हूं कि रेनबोमैन के पीछे एक असली शख्स है. वह शख्स जो इस लेख को लिख रहा है. और हो सकता है कि वो अपने बारे में यकीन करता हो कि वो अच्छा इंसान है, फिर भी हकीकत यह है कि कोई इंसान पूरी तरह अच्छा या पूरी तरह बुरा नहीं होता.

हम सभी अपने-आप में अधूरे हैं. रेनबोमैन नाम के चरित्र पर प्यार लुटाने में कुछ भी गलत नहीं है.

फिर भी यह जानना जरूरी है कि लोग कैरेक्टर से अलग होते हैं. और सिर्फ इसलिए कि हम ऐसा मानते हैं, कोई कैरेक्टर इंसान नहीं हो सकता.

सच कल्पना से ज्यादा स्थाई है.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः अपने आइने में दिखने वाले शख्स को प्यार करें. यही एकमात्र सच्चा प्यार है.

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‘क्या मास्टरबेशन मुझे नपुंसक बना देगा?’

'क्या मैं अपने स्पर्म बर्बाद कर रहा हूं?'
(फोटो: iStock)

डियर रेनबोमैन,

मेरे दोस्त मुझसे कहते हैं कि अगर मैं अपने स्पर्म को बहाता और बर्बाद करता रहा, तो मुझे इसकी सजा मिलेगी और मैं कभी पिता नहीं बन पाउंगा. क्या यह सच है?

बहता पानी

डियर बहता पानी,

मुझे लिखने के लिए शुक्रिया. आप और आपके दोस्तों को कुछ बातें जान लेनी चाहिए.

टेस्टिकल्स रोजाना कई लाख स्पर्म बनाते हैं. अगर आप मास्टरबेशन नहीं करते हैं, तो भी बाहर निकलने का कोई रास्ता ढूंढ लेंगे. आप सेक्स का ख्वाब देखेंगे जिसके नतीजे में नाइट-फाल होगा.

एक आम स्वस्थ पुरुष को स्पर्म बर्बाद होने की चिंता नहीं करनी चाहिए. वह रोजाना बहुत से स्पर्म पैदा करता है और एक बच्चे के जन्म के लिए सिर्फ एक स्पर्म को एक एग की जरूरत होती है.

हां, मास्टरबेशन तभी करें जब सेक्स की उत्तेजना हो. इसे जुनून न बना लें.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः किसी भी चीज की अति से बचना चाहिए.

(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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