ADVERTISEMENTREMOVE AD

सेक्सॉल्व: ‘मेरी मां मेरी जासूसी करती है’

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

(चेतावनी: कुछ सवाल आपको विचलित कर सकते हैं. पाठक को पढ़ने से पहले विवेक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.)

सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब आधारित कॉलम है.

अगर आपके मन में सेक्स, सेक्स के तौर-तरीकों या रिलेशनशिप से जुड़े कोई सवाल हैं, और आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखें, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'मैं पुरुषों के प्रति सेक्सुअल आकर्षण महसूस करता हूं और महिलाओं के प्रति भावनात्मक आकर्षण’

“मैं महिलाओं के साथ परफॉर्म नहीं कर पाता हूं और मेरा पुरुषों के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं होता है.”
(फोटो: iStock)

डियर रेनबोमैन,

मैं एक 24 वर्षीय पुरुष हूं और एक उत्तर भारतीय रुढ़िवादी, संस्कारी अच्छे परिवार से हूं. मैं इस समय बहुत उलझन में हूं. मैं बचपन से ही अलग हूं. मैं यह बात जानता हूं लेकिन कभी समझ नहीं सका. मैं पुरुषों के प्रति सेक्सुअल आकर्षण महसूस करता हूं और महिलाओं के प्रति भावनात्मक आकर्षण. हाल के दिनों में मेरे जज्बात साफ हो गए हैं. मैं महिलाओं के साथ परफॉर्म नहीं कर पाता हूं और मेरा पुरुषों के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं बनता. मैं इसके बारे में जितना ज्यादा सोचता हूं, मुझे निराशा का एहसास होता है और एकदम अलग और अकेला महसूस करता हूं. मैं सचमुच नहीं जानता कि इस परेशानी को कैसे हल किया जाए और मुझे डर है कि मैं हमेशा अकेला रहूंगा. प्लीज मेरी मदद करें.

भ्रमित

डियर भ्रमित,

मुझे लिखने के लिए बहुत शुक्रिया. सबसे पहले मैं कहना चाहता हूं कि आप जो सोचते हैं और जैसा महसूस करते हैं, वो पूरी तरह सही है.

कोई शख्स एक ही समय में एक से अधिक जेंडर के प्रति आकर्षित हो सकता है. एक जेंडर के एक पहलू से ज्यादा आकर्षित हो सकता है और दूसरे जेंडर के दूसरे पहलू के प्रति आकर्षित हो सकता है.

क्या आपने इस पहलू को समझने की कोशिश की है कि आप महिलाओं के लिए जैसा भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं, वैसा पुरुषों के मामले में क्यों नहीं है? चूंकि आप पुरुषों के प्रति सेक्सुअली आकर्षित हो जाते हैं, इसलिए खुद की जांच करना सार्थक हो सकता है कि क्या पुरुषों के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं बनने की भावना की वजह यह है कि आपने किसी शख्स से संपर्क किया या कई पुरुषों के बारे में जानते हैं जो सेक्सुअली एक्टिव हैं, लेकिन बातचीत आगे नहीं बढ़ी.

आप जैसे बहुत से पुरुष हैं जो अन्य पुरुषों के प्रति सेक्सुअली आकर्षण महसूस करते हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ नहीं पाते हैं. मैं कहना चाहता हूं कि वे सभी पुरुष जो पुरुषों के साथ सेक्स संबंध रखते हैं या वे पुरुष जो अन्य पुरुषों को सेक्सुअली आकर्षक पाते हैं, वे सभी एक जैसे नहीं हैं.

जो पुरुष पुरुषों के साथ सेक्स संबंध रखते हैं, वे कई तरह की भावनात्मक क्षमताओं से लैस होते हैं, शायद ज्यादा पुरुषों से बात करने और उनके नजरिये को समझने की कोशिश करने से आपको बेहतर समझ बनाने में मदद मिलेगी.

दिल्ली और देश में ग्रिंडर और टिंडर से अलग भी कई ग्रुप हैं, जहां पुरुष अन्य पुरुषों से मिलते हैं और सेक्स से इतर सामान्य रुचियों का पता लगाते हैं. ज्यादा पुरुषों के साथ बातचीत करना संबंधों को बेहतर तरीके से समझने में सार्थक हो सकता है.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः अगर हालात मुश्किल होते हैं, तो काउंसलर से बात करने या उनकी सेवा लेने में हिचकिचाएं नहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘मेरी मां मेरी जासूसी करती हैं’

डियर रेनबोमैन,

मैं 21 साल का लड़का हूं और मेरी मां बहुत ही सपोर्टिव हैं. मेरी मां मेरी होमोसेक्सुअलटी के सबसे अधिक सपोर्टिव लोगों में से हैं. मैं महिलाओं और पुरुषों के साथ रहा हूं, मेरी मां को इसके बारे में पता है. लेकिन समस्या यह है कि वह हर समय मेरी किताबों और बैग में ताक-झांक करती हैं. उन्होंने मुझे बताए बिना मेरे कंडोम को उठाकर फेंक दिया. जब मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने हैरानी का दिखावा किया. मुश्किल यह है कि मैंने उन्हें ऐसा करते देखा था. क्या मुझे उनके इस बर्ताव को भूल जाना चाहिए क्योंकि वह एक सपोर्टिव पेरेंट हैं? क्या मुझे नाराज होना चाहिए? मुझे नहीं पता कि क्या करना चाहिए.

तनावग्रस्त लड़का

ADVERTISEMENTREMOVE AD

डियर तनावग्रस्त लड़का,

सबसे पहली बात, यह बहुत अच्छा है कि आप कूद कर नतीजे पर पहुंचने की बजाए अपने विचारों को जाहिर कर रहे हैं कि आप क्या सोचते हैं.

टकराव नहीं, बातचीत से बदलाव से आता है. इसका सहारा लेने की ज्यादा कोशिश होनी चाहिए.

यह भूलना नहीं चाहिए कि किसी की वर्जित चीज को स्वीकार करने, विरोध के बावजूद व्यक्ति के समर्थन में खड़े होने के लिए हौसले की जरूरत होती है. अक्सर इसके लिए हमें सीखी हुई बातें और सदियों से समझाए गए मिथकों को भूलना होता है. यह समझने के लिए कि किसी और के मन में क्या चल रहा है, बहुत प्यार, हमदर्दी और कई बार बहुत ज्यादा कोशिश करनी होती है.

आपकी सेक्सुअलटी को स्वीकार करने की उनकी यात्रा को सब्र से देखें.

आप टकराव के बिना मसलों पर बात कर सकते हैं. “आप ऐसा क्यों करती हैं", उनसे यह पूछने की बजाए आप उन्हें अपनी जिंदगी के बारे में और आप पुरुषों और महिलाओं के बारे में कैसा महसूस करते हैं, यह बताने की कोशिश कर सकते हैं. मेरा सुझाव है कि आप अपनी मां के साथ बैठें और उन्हें बताएं कि आप क्या सोचते हैं और उन्हें सुनें जब वह आपकी सेक्सुअलटी को लेकर अपनी समझ के बारे में बताती हैं.

चूंकि आपने बताया है कि वह आपको सपोर्ट करती हैं, इसलिए उन्हें होमोसेक्सुअल लोगों की जिंदगी की एक झलक देना सार्थक हो सकता है और उन्हें यकीन दिलाएं कि आप अपना ख्याल रखेंगे. हालांकि मुझे नहीं लगता कि बालिग बेटे की अलमारी में ताक-झांक सही बात है, यह जरूरी है कि आप समझें कि वह किन हालात का सामना कर रही हैं और अपने डर या आशंकाओं को दूर कर रही हैं.

मैं आप और आपकी मां को शुभकामनाएं देता हूं.

अगर आपकी मां अन्य होमोसेक्सुअल के बच्चों के माता-पिता से मिलना चाहती हैं, तो वह facebook.com/SweekarTheRaibowPents पर मिल सकती हैं. उन्हें यहां एक प्राइवेट मैसेज डालने के लिए कहें. यह पेरेंट्स द्वारा पेरेंट्स के लिए बनाया गया एक ग्रुप है.

मैं आपको बताना चाहता हूं कि आप किसी समस्या में फंस जाते हैं तो आपको हमेशा यहां से मदद मिल सकती है.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः याद रखें, बातचीत हो, टकराव नहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘क्या महिलाओं को भी पेनिस जैसा कुछ होता है’

डियर रेनबोमैन,

मुझे यह पूछने में शर्म आ रही है. मैं 27 वर्षीय पुरुष हूं. मुझे मेरे दोस्त ने बताया था कि महिलाओं के भी पेनिस जैसा कुछ होता है. यह क्या है?

शर्मीला लड़का


डियर शर्मीला लड़का,

सवाल पूछने के लिए शुक्रिया. मुझे एकदम ठीक से नहीं पता कि आपका दोस्त किस चीज का जिक्र कर रहा है. मेरा अंदाजा है कि वह क्लिटरिस के बारे में कह रहा है.

क्लिटरिस की बनावट पेनिस जैसी दिखती है और यह महिलाओं में सेक्सुअल उत्तेजना का एक बिंदु है.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः सेक्स और मानव शरीर रचना के बारे में ज्यादा पढ़ें.

(हरीश अय्यर एलजीबीटी समुदाय, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक समान अधिकार कार्यकर्ता हैं.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×