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सेक्सॉल्व: ‘मेरी अपनी मां ने मेरा यौन शोषण किया था’

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सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब पर आधारित कॉलम है.

अगर आपके मन में सेक्स, सेक्स के तौर-तरीकों या रिलेशनशिप से जुड़े कोई सवाल हैं, और आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखें, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः

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'मैं खुद अपनी मां के हाथों यौन शोषण का शिकार हुई थी'

डियर रेनबोमैन,

मैं आपकी नियमित पाठक हूं. कई बार ऐसा भी हुआ है जब मैं जिंदगी की मझधार में फंसी होती, और आपकी सलाह से मेरा सारा तनाव दूर हो जाता. अपनी हकीकत को करीब से जानने का श्रेय भी मैं आपको देना चाहूंगी. मेरी जिंदगी का एक सबसे बड़ा सच यह है कि बचपन में मेरा यौन उत्पीड़न हुआ था. मुझे मेरी ही मां ने अब्यूज किया था. वो मेरी वजाइना के अंदर अपनी उंगलियां डाल देती थीं. मैंने कभी इसे अब्यूज नहीं समझा था, लेकिन जब मैंने और ज्यादा पढ़ा तो, तो मुझे एहसास हुआ कि 12 साल की उम्र में, मेरा अपने शरीर पर कोई अधिकार नहीं था. मेरी मां एक सिंगल मदर हैं और उन्होंने मुझे अच्छी तरह से पाला है. उन्होंने मुझे सब कुछ दिया जबकि उस समय बुनियादी जरूरतें पूरा कर पाना भी मुश्किल था. इसलिए, मैं एक तरह से खुद को स्वार्थी महसूस करती हूं, जब मैं उन्हें अपना अब्यूजर कहती हूं. लेकिन वह हैं? है ना? मैं उनके साथ रहती हूं तो ऐसे में मैं उनसे कैसे आजादी पा सकती हूं. कोई ऐसा कैसे कर सकता है? मुझे उम्मीद है कि आप मुझे इस बात पर नसीहत नहीं देंगे कि मां कभी गलत नहीं हो सकती?

शुक्रिया

दुखियारी लड़की

डियर दुखियारी लड़की,

मेरी पोस्ट पढ़ने और तारीफ करने के लिए शुक्रिया.

क्या ये सच नहीं है कि हमारे पास सिर्फ किस्से हैं, हमारे सच के किस्से, जो हमारी यादों में दफन हैं और मन की गहराई में छिपे हैं, जो पहले हमें खोलते हैं और बाद में सामने आने पर हमें आजाद करते हैं.

उत्पीड़न का एहसास शुरुआत में सदमे भरा हो सकता है. हमारी याददाश्त खेल खेलती है और जब हम बच्चे होते हैं तो कभी-कभी सभी दर्दनाक घटनाओं पर परदा डाल देती है. फिर जब कोई याद दिलाने वाली घटना होती है या जब हमारा दिमाग उनका सामना करने और समायोजन की क्षमता हासिल कर लेता है, तब ये घटनाएं हमारे दिमाग में दर्दनाक यादों को उभारने लगती हैं. आप उस अवस्था में पहुंच चुकी हैं.

मैं सुझाव दूंगा कि आप एक अच्छे मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के संपर्क में रहें, जो ट्रॉमा काउंसलिंग में माहिर हो. और यादें सामने आने का अर्थ होगा कि आपको नए सिरे से इनका सामना करना होगा. मैं सलाह दूंगा कि आपके लिए एक ट्रॉमा काउंसलर की मदद बहुत ज्यादा मददगार होगी.

मुझे लगता है कि सारे इंसान सभी रिश्तों और सभी जेंडर में संरक्षक या अब्यूजर हो सकते हैं. मुझे आप पर भरोसा है, मैं आप पर यकीन करता हूं.

एक बार जब आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो जाएं, तो आप घर छोड़ सकती हैं और स्वतंत्र रूप से रह सकती हैं. आपको इसके लिए एक योजना बनाने की जरूरत होगी ताकि कोई मुश्किल न हो. तब तक, कृपया काउंसलिंग लें और भरोसेमंद लोगों का एक दायरा बनाएं, जिनके साथ आप बातें साझा कर सकें.

सप्रेम

रेनबोमैन

अंतिम बातः समय के साथ चीजें बेहतर हो जाती हैं. वे जरूर होंगी.

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‘मैं अपनी गर्लफ्रेंड और उसकी गर्लफ्रेंड के साथ थ्रीसम करना चाहता हूं’

डियर रेनबोमैन,

मैं मुंबई का रहने वाले 20 साल का लड़का हूं. मेरी एक गर्लफ्रेंड है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूं. मेरी गर्लफ्रेंड एक और लड़की को डेट कर रही है. मुझे इस बारे में अभी कल ही पता चला, जब मैंने उसके बारे में शक होने पर उसका फोन चेक करने का फैसला लिया, जिस समय वह और एक दोस्त से बात करने में व्यस्त थी. सबसे पहले तो, मैं हैरान रह गया, हालांकि, मैं सोच रहा हूं कि मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी गर्लफ्रेंड को शहर से बाहर ले जाऊं और एक थ्रीसम की फैंटेसी पूरी करूं. मैं अपनी गर्लफ्रेंड को इसके लिए कैसे राजी करूं?

अधीर बालक

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डियर अधीर बालक,

यह बहुत अच्छा ख्याल नहीं है. यह ठीक नहीं है. आपकी निंदा करना करना अच्छा तो नहीं लग रहा, लेकिन माफ कीजिएगा आपने अपनी गर्लफ्रेंड के फोन में ताकझांक क्यों की? और आप को उस पर ‘शक’ क्यों था और अगर आपको ‘शक’ था तो आपने अपनी गर्लफ्रेंड के फोन में ताकझांक क्यों की.

सबसे पहले तो हम नहीं जानते कि क्या वह सच में बाईसेक्शुअल (उभयलिंगी) है और किसी अन्य महिला के साथ डेटिंग कर रही है. यह आपका अंदाजा है, जो आपने निकाला है. और आप जैसा समझते हैं, जरूरी नहीं कि हकीकत में भी वैसा हो. क्या ऐसा नहीं है? केवल एक ही व्यक्ति है जो जानता है कि वो बाईसेक्सुअल हैं या नहीं- वह है वो खुद.

इसलिए अपने छोटे से दिमाग को बहुत ज्यादा तकलीफ न दें. उससे बातचीत करें. उसके साथ दिल से बातचीत करें और अपनी असुरक्षाओं को कुबूल करें. कृपया एक काउंसलर से भी मिलें, जो आपकी असुरक्षा से निपटने में आपकी मदद कर सकता है.

हमें नहीं पता कि आपकी गर्लफ्रेंड बाईसेक्शुअल है या नहीं. फिलहाल अभी तक यह सिर्फ एक अंदाजा है.

कृपया ध्यान दें कि इस बात से कि कोई शख्स बाईसेक्शुअल है, इसका मतलब यह नहीं है कि उस शख्स को किसी भी थ्रीसम में दिलचस्पी होगी. मैं ऐसी फैंटेसी के खिलाफ नहीं हूं. लेकिन मैं सभी बाईसेक्सुअल के बारे में एक जैसी सोच रखने के खिलाफ हूं.

शुभकामनाएं.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन

अंतिम बातः कृपया अपने हाथ अपनी गर्लफ्रेंड के फोन से दूर रखें. मेहरबानी होगी.

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'मेरा पेनिस थोड़ा तिरछा है'

डियर रेनबोमैन,

मेरा पेनिस थोड़ा तिरछा है. क्या इससे मेरी सेक्स लाइफ में कुछ दिक्कत होगी?

तिरछे

डियर तिरछे,

मुझे लिखने के लिए शुक्रिया. पेनिस सभी आकार और प्रकार के होते हैं और अलग-अलग तरह के तिरछे और कोण वाले भी. हालांकि अगर आपको लगता है कि आपका पेनिस बहुत अलग है, तो मैं आपको सुझाव दूंगा कि आप डॉक्टर से मिलें और उसकी सलाह लें.

मुस्कान के साथ

रेनबोमैन.

अंतिम बातः डॉक्टरों को मुझसे बेहतर पता होगा. जाहिर है.

(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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