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भूख और नींद का कनेक्शन जानते हैं आप? वजन पर पड़ता है असर

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अमूमन ज्यादा काम, एक्सरसाइज करने पर भूख लग जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी भूख का नींद से भी कनेक्शन है? ये कनेक्शन आपके शारीरिक वजन पर कैसे असर डालता है, ये जानना भी आपके लिए दिलचस्प होगा.

अगर आप वजन घटाने की कोशिश में जुटे हैं तो आपके लिए नींद उतनी ही जरूरी है जितनी एक्सरसाइज और हेल्दी डायट. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती है, अगर आप देर रात तक या बीच-बीच में जागते रहते हैं तो नींद की कमी की वजह से आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ने लगता है. नींद पूरी नहीं होने से मोटापे और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

आमतौर पर हर रात कम से कम 7 घंटे की चैन की नींद बेहद जरूरी है.

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एक स्टडी के मुताबिक बुरी नींद ग्लूकोज होमियोस्टेसिस पर प्रतिकूल प्रभाव के साथ जुड़ा हुआ है. इंसुलिन सेंसिटिविटी तेजी से घट जाती है, जिसके परिणामस्वरूप डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. ये बच्चों के साथ भी हो सकता है.

10 साल से ज्यादा समय तक 2000 से अधिक लोगों के साथ हुई एक स्वीडिश स्टडी में पता चला था कि नींद की कम अवधि (5 घंटे) और नींद आने में दिक्कत जिन पुरुषों में थी (लेकिन महिलाओं में नहीं) वो ज्यादातर डायबिटीक थे.

हार्मोनल असंतुलन से बढ़ जाती है भूख

नींद की कमी शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करती है जो कि ज्यादा खाने और वजन बढ़ाने को बढ़ावा देती है. लेप्टिन और घ्रेलिन हार्मोन होते हैं जो भूख को नियंत्रित करते हैं, और जब आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे होते हैं, तो इन हार्मोन्स का प्रोडक्शन लेवल बदल जाता है. लेप्टिन(leptin)की कमी हो जाती है और भूख को बढ़ावा देने वाला हार्मोन घ्रेलिन(Ghrelin) बढ़ जाता है. लेप्टिन भूख को दबाता है.

आपकी भूख को प्रभावित करने वाला दूसरा फैक्टर ये है कि हमारा शरीर कोर्टिसोल रिलीज करता है - जिसे स्ट्रेस हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है. जब हमें नींद नहीं आती तो शरीर इसे स्ट्रेस की स्थिति के रूप में देखता है और हार्मोन रिलीज करता है जिससे भूख बढ़ जाती है. सबसे बुरी बात ये है कि ऐसी स्थिति में हाई फैट, मीठे और जंक फूड खाने की तेज इच्छा (Craving) होती है. कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल हाई होने से फैट बढ़ता है और मसल मास कम होता है. पेट में फैट जमा होने की संभावना भी अधिक होती है.

अगर आप ठीक ढंग से नींद न ले पाएं तो आपके शरीर में एक और हॉर्मोन का उत्पादन होने लगता है जो खाने के बाद होने वाली संतुष्टि को घटाता है. नतीजतन, आप चाहे कितना ही खाना खाएं आपको लगता है कि आपका पेट नहीं भरा और उस चक्कर में ज्यादा खाना खा लेते हैं.

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स्लीप फाउंडेशन की मानें तो जब हम सोते हैं या नींद लेते हैं उस वक्त हमारे शरीर में ग्रोथ हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं जिसका इस्तेमाल शरीर डैमेज को रिपेयर करने के लिए करता है. ये हॉर्मोन्स फैट को तोड़ने का काम करते हैं जिसे लिपोलाइसिस कहते हैं. ग्रोथ हॉर्मोन्स रात के वक्त बढ़ते हैं और अगर नींद की कमी हो जाए तो ये प्रक्रिया कम हो जाती है. कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि हर रात सिर्फ 4 या 5 घंटे सोने से मोटापा बढ़ता है.

कम नींद की वजह से हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों खाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, ऐसा देखा गया है. देर रात ली जाने वाली कैलोरी से वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.

इसके अलावा, ये भी पाया गया है कि जिन वयस्कों को पर्याप्त नींद नहीं मिलती, वे नींद लेने वालों की तुलना में कम व्यायाम करते हैं, संभवतः क्योंकि नींद की कमी से दिन में नींद और थकान होती है.

अच्छी नींद के लिए क्या कर सकते हैं?

फिट ने पहले भी एक लेख में बताया है-

  • आयुर्वेद सोने से पहले पैरों को धोने और उनकी मालिश करने के महत्व पर जोर देता है.
  • अपने स्क्रीन टाइम का ध्यान रखें.
  • दिन में सूरज की थोड़ी रोशनी लें.
  • सोते समय 8 से 10 काजू, ऐसे ही या कुछ इलायची मिलाकर एक कप दूध के साथ लें. ये सेरोटोनिन जैसे फील-गुड हार्मोन के प्रोडक्शन को नियंत्रित करता है, जिससे आपकी सांस ज्यादा एक समान हो जाएगी और आपका दिमाग शांत होने से अच्छी नींद आएगी.

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