भारत में जन्मे बायोलॉजिस्ट प्रोफेसर रवींद्र गुप्ता ने टाइम मैगजीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में जगह बनाई है. प्रोफेसर गुप्ता ने 'लंदन पेशेंट' को ठीक करने वाले डॉक्टरों की टीम को लीड किया था. 'लंदन पेशेंट' दुनिया का दूसरा मरीज है जो एचआईवी से ठीक हो सका.
फरवरी 2020 में ‘लंदन पेशेंट’ की पहचान उजागर हुई जब एडम कैटिलेजो ने खुद दुनिया के सामने आकर इसका खुलासा किया. उनका मकसद था ‘ambassador of hope’(‘आशा का राजदूत’) बनना. अब उन्होंने टाइम मैगजीन में प्रोफेसर को इसका श्रेय दिया है.
प्रोफेसर गुप्ता इस मैगजीन में जगह बनाने में कैसे कामयाब हुए?
फिट ने 2019 में उनके साथ बात की थी कि कैसे उन्होंने इलाज निकाला, जो एचआईवी के साथ जी रहे लाखों लोगों को आशा देता है.
एडम कैटिलेजो प्रोफेसर के बारे में लिखते हैं, "प्रोफेसर रवींद्र गुप्ता की अगुवाई में एचआईवी इलाज के लिए मेरी शानदार यात्रा, मेरे जीवन के बहुत ही कठिन समय के दौरान शुरू हुई. लेकिन जब मुझे पहली बार गुप्ता से मिलवाया गया, तो मुझे सुखद आश्चर्य हुआ. वो विचारशील थे और उनमें दया थी. उनकी उपलब्धियों-एक डोनर से मुझे मिले स्टेम-सेल ट्रीटमेंट की देखरेख से लेकर रेयर जीन म्यूटेशन तक, के कारण एचआईवी रिसर्च कम्युनिटी में उन्हें अपने सहयोगियों से सम्मान और तारीफें मिलीं. और साथ ही मुझसे भी."
“सालों में, हमारी साझेदारी विकसित हुई है और मजबूत हुई है क्योंकि गुप्ता ने अपने ज्ञान और अपने उत्साह को दिखाया ताकि हर किसी को एक उपयुक्त इलाज मिल सके. उन्होंने मुझे चैंपियन बनाया है और दुनिया भर में एचआईवी के साथ रहने वाले लाखों लोगों के लिए ‘ambassador of hope’(आशा के राजदूत) के तौर पर उभरने में मुझे सशक्त बनाया है.”
दुनियाभर में 40 मिलियन लोग HIV/AIDS के साथ जीते हैं. फिलहाल इसका कोई इलाज नहीं है.
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