वजन कम करना, सही वज़न बनाए रखना और फिट रहना ताकि हम बेहतर दिखें या स्वस्थ रहें, कभी न कभी, हम सब के न्यू-ईयर रेज़ोल्यूशन का हिस्सा रहा है. अधिकांश लोगों के तो 2022 के लिस्ट मे भी होगा. लेकिन ज़्यादातर लोगों ने स्वस्थ खाने को 'डाइटिंग' या 'कीटो डाइट' या अन्य लोकप्रिय डाइटों से बदल दिया है, जिनके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है.
इससे पहले कि आप अपनी संकल्प सूची पर काम करना शुरू करें, हम यहां आपको यह समझाना चाहते हैं कि सख्त डाइट या कोई फैड डाइट आपके रेज़ोल्यूशनों का हिस्सा नहीं होना चाहिए क्योंकि ये न तो काम करते हैं और न ही आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं. आइए इन डाइटों के काम न करने के कारणों पर एक नज़र डालें:
डाइट का मतलब यह नहीं है कि आपको भूखा रहना है
लोग अक्सर डाइटिंग और भूखे रहने के बीच भ्रमित होते हैं. अधिकांश आहार आपको या तो आपके भोजन में उपस्थित कैलोरीज़ कम करते हैं या आपके भोजन करने के समय को सीमित कर देते हैं. यह कुछ लोगों के लिए काम कर सकता है लेकिन दूसरों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करने और आपको गतिमान रखने के लिए कैलोरी की आवश्यकता होती है.
सुनिश्चित करें कि आप अच्छा देखने या कुछ वज़न कम करने के लिए खुद को भूखा नहीं रख रहे हैं, आप अपनी भूख पर नियंत्रण स्वस्थ स्नैक्स खाकर, अधिक पानी पी कर और अपने आहार में कुछ पोषक तत्वों, जो आपका पेट लंबे समय तक भरा रखते हैं, के प्रतिशत को बढ़ाकर रख सकते हैं.
आहार का परिणाम शायद अस्थायी हो
आज कल हर कोई 'कीटो आहार' से परिचित है और कुछ ने इसे कम से कम एक बार आजमाया भी होगा. सोशल मीडिया पर हम सब ने देखा की कैसे कई लोगों ने कम प्रोटीन, ज़्यादा फैट, हल्के प्रोटीन और कम कार्ब्स वाले आहार से अपना वज़न तेज़ी से कम किया है लेकिन क्या यह वजन कम करने का सही तरीका है?
यूएस एनआईएच के अनुसार, ये सख्त डाइट जो भोजन में पोषक तत्वों की उपस्थिति को सीमित करते हैं या रोकते हैं, हमें तुरंत परिणाम देते हैं, लेकिन कुछ हफ्तों के बाद लोग अक्सर ट्रैक खो देते हैं और कुछ महीनों के बाद वजन वापस आ जाता है. इस तरह के आहार घ्रेलिन और लेप्टिन उत्पादन को भी प्रभावित करते हैं, जिससे मोटापा बढ़ सकता है आपके सभी प्रयास व्यर्थ हो सकते हैं.
कोई भी अकेला पोषक तत्व स्वस्थ नहीं है
एक सामान्य बात जो सभी आहारों में समान है वह यह है कि वे कुछ पोषक तत्वों को आहार से हटा देते हैं और वहीं कुछ अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ा देते हैं. लेकिन ये डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह के सख्त खिलाफ है. शरीर के लिए सभी सूक्ष्म पोषक तत्व, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट आवश्यक हैं.
पबमेड के अनुसार, फाइबर सुचारू पाचन के लिए आवश्यक है, कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज़ मे परिवर्तित हो कर हमें ऊर्जा प्रदान करता है, और प्रोटीन मांसपेशियों के नुकसान की मरम्मत करता है और फैट लॉस में मदद करता है. किसी विशेष पोषक तत्व को कम करने के बजाय कम कैलोरी का सेवन करना बेहतर है. हमारे शरीर को स्वस्थ और कार्यशील रखने में इन सभी पोषक तत्वों की भूमिका होती है.
डाइट से फैट लॉस की जगह मसल लॉस हो सकता है
हेल्थलाइन के अनुसार, डाइटिंग में कुछ हफ्तों के बाद हम जिसे फैट लॉस मानते हैं वह वास्तव में मसल लॉस है और जब हम मांसपेशियों को खोना शुरू करते हैं, तो हमारे शरीर को कम कैलोरी की आवश्यकता होती है जिससे वेट लॉस मैनेजमेंट कठिन हो जाता है.
पुरुषों को प्रतिदिन 1,500 और महिलाओं को कम से कम 1200 कैलोरी की आवश्यकता होती है. यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आहार में पर्याप्त प्रोटीन हो और एक्सर्साइज़ मे वाइट-ट्रैनिंग शामिल हो ताकि मसल लॉस न हो.
डाइट 'ऑल-और-नथिंग ' दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं
हम अक्सर ऐसा मानते हैं कि अधिकांश डाइट हमें हमारी सभी पसंदीदा चीजों से वंचित रखेंगे, हमारे विकल्पों को सीमित रखेंगे या हमारे आहार से सभी मीठी चीज़ों को हटा देंगे. इस सोच का हम पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
एक बार भी, रात के खाने के बाद मिठाई का आनंद लेना, हमें गिल्टी महसूस कराता है और हम अपनी डाइट को लेकर और भी स्ट्रिक्ट हो जाते हैं, लेकिन सच तो यह है कि कभी कभार अपनी पसंदीदा चीजों का आनंद लेने में कुछ गलत नहीं है। सख्त डाइट, जिसका अधिक दिनों तक पालन करना कठिन होता है, से अच्छा है एक संतुलित आहार पर ध्यान देना.
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