कई लोग नवरात्रि के पहले और आखिरी दिन व्रत रहते हैं, तो कई लोग नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं. अगर सही तरीके से किया जाए, तो उपवास के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे ब्लड शुगर लेवल पर कंट्रोल, कोलेस्ट्रॉल पर काबू, वजन कम करना और बीपी कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है.
हालांकि, गर्भवती महिलाओं को इसकी बेहतर योजना बनाने और किसी भी जटिलता से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए. इसके लिए कुछ सुझाव यहां दिए जा रहे हैं.
हाइड्रेटेड रहना
उपवास के दौरान हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है. आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप एक बार में तरल पदार्थ का सेवन न करें. इसे सूप, स्मूदी, नारियल पानी और सामान्य पानी में बांट लें.
फाइबर से भरपूर चीजें खाएं
गर्भवती महिलाओं में कब्ज एक आम समस्या है. खाने की आदतों में बदलाव और तरल पदार्थों की कमी इसे और खराब कर सकती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसे रोकने के लिए फाइबर से भरपूर चीजें जैसे बीन्स, फल, सब्जियां और साबुत अनाज लेना चाहिए.
छोटा भोजन करें
नवरात्रि के दौरान हर व्यक्ति का उपवास अलग-अलग हो सकता है. कुछ लोग प्याज, मांसाहार और लहसुन को अपने भोजन से बाहर कर देते हैं, जबकि कुछ फल खाते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिलाएं सख्त आहार का पालन न करें और दिन भर में कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करें.
कॉम्प्लेक्स कार्ब्स खाएं
खाने में दो तरह के कार्ब्स होते हैं, स्लो कार्ब्स और फास्ट कार्ब्स. फास्ट कार्ब्स तेजी से पचते हैं और व्यक्ति को बार-बार भूख लगती है. इसलिए, डॉक्टरों का सुझाव है कि गर्भवती महिलाएं जटिल कार्ब्स वाली चीजें जैसे बीन्स, बीज और मेवे खाएं, जो धीरे-धीरे ऊर्जा देती हैं.
तले हुए भोजन से बचें
लोग नवरात्रि के दौरान कई तरह के भोजन का आनंद लेते हैं, जिसमें बहुत सारे तले हुए भोजन जैसे पूरियां, कचौरी, समोसा आदि शामिल हैं.
ये चीजें कोलेस्ट्रॉल लेवल, ब्लड प्रेशर और यहां तक कि ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाती हैं. इसलिए, इन तली हुई चीजों की जगह ग्रिल्ड, भाप में पकाई गई चीजें खानी चाहिए.
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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