एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) एक आम कंडिशन है, जिससे लगभग 20 फीसद युवा महिलाएं प्रभावित हैं.
यह ऐसी बीमारी है, जिसमें हर महीने जब माहवारी का समय आता है तो पेडू के अंदर भी ब्लीडिंग होती है. चूंकि इसके लक्षण कई तरह के हो सकते हैं, ऐसे में इसे ठीक से पहचानना मुश्किल हो सकता है. सालों-साल चलने वाली इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच कई मिथक और गलत धारणाएं भी हैं.
यहां एंडोमेट्रियोसिस के बारे में कुछ बुनियादी सवालों के जवाब दिए गए हैं.
एंडोमेट्रियोसिस की वजह क्या है?
लंबे समय तक इसके रहने से गाढ़े कत्थई चॉकलेटी रंग का खून ओवरी (ovaries) में जमा हो जाता है, जिसे चॉकलेट सिस्ट या एंडोमेट्रियोटिक सिस्ट कहा जाता है.
यह पुराना खून कहीं भी जमा हो सकता है और पेडू के अंगों के जाम हो जाने, खराब हो जाने या नुकसान पहुंचने की वजह बन सकता है.
गर्भ (womb) या गर्भाशय (uterus) की दीवारों के भीतर भी ब्लीडिंग हो सकती है और तब इसे एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) कहा जाता है.
क्या एंडोमेट्रियोसिस लगातार बढ़ने वाली बीमारी है?
बदकिस्मती से हां ऐसा ही है और समय के साथ यह बीमारी बढ़ती जाती है.
एंडोमेट्रियोसिस के आम लक्षण क्या हैं?
महिलाओं को जो आम शिकायत होती है, वो है माहवारी से पहले और इसके दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना या कभी-कभी पेडू में लगातार दर्द रहना.
माहवारी के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग भी हो सकती है. इस बीमारी के चलते कुछ महिलाओं को गर्भधारण में दिक्कत (Infertility) आ सकती है.
एंडोमेट्रियोसिस की पहचान कैसे की जाती है?
इसका पता क्लीनिकल जांच और ठीक से पेल्विक सोनोग्राफी से लगाया जा सकता है. इसमें CA125 ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है. कुछ मामलों में बीमारी का पता लगाने के लिए MRI की जरूरत पड़ सकती है.
क्या एंडोमेट्रियोसिस को इलाज से ठीक किया जा सकता है?
महिला की उम्र, बीमारी की गंभीरता और वह गर्भधारण की योजना बना रही है या नहीं इन बातों पर इलाज निर्भर करता है.
एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए कौन से ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं?
जब तक माहवारी (menstrual period) आती रहेगी, पेड़ू के अंदर ब्लीडिंग से बीमारी बढ़ती रहेगी और इसलिए बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए किसी न किसी तरीके से माहवारी को रोकना पड़ता है.
युवा लड़कियों में लगातार हार्मोन की गोलियां (hormone pills) देना बहुत अच्छा काम करता है. ये माहवारी को अस्थायी रूप से रोकती हैं, इस तरह दर्द से राहत देती हैं और साथ ही बीमारी को बढ़ने से रोकती हैं.
बड़ी उम्र की महिलाओं में महीने में एक बार इंजेक्शन अस्थायी मीनोपॉज (temporary menopause) की स्थिति पैदा कर सकते हैं और मरीज को राहत दे सकते हैं.
अगर मरीज का गर्भधारण का इरादा नहीं है, तो पांच साल तक गर्भ में रखा गया एक हार्मोन इंट्रायूटेराइन उपकरण (hormone intrauterine device) काफी राहत दे सकता है.
अगर मैं एंडोमेट्रियोसिस का इलाज कराने के बाद भी गर्भवती होना चाहती हूं क्या होगा?
अगर महिला गर्भवती होना चाहती है, तो वह कुछ महीनों तक दवा लेने के बाद गर्भधारण की कोशिश कर सकती है.
बीमारी गंभीर होने पर आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (laparoscopic surgery) की जरूरत होती है. इस की-होल सर्जरी (keyhole surgery) के माध्यम से एंडोमेट्रियोटिक सिस्ट को हटाया जा सकता है और पेल्विक अंगों की सफाई की जा सकती है.
इसके बाद अगर फैलोपियन ट्यूब खुली है, तो वह स्वाभाविक तरीके से गर्भधारण की कोशिश कर सकती है.
अगर ट्यूब को नुकसान पहुंचा है, तो टेस्ट ट्यूब बेबी या आईवीएफ (IVF) जैसे ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है.
क्या एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के बाद बीमारी दोबारा उभर सकती है?
एक बार जब महिला ने संतान पैदा करने का काम पूरा कर लिया है और अगर उसकी एंडोमेट्रियोसिस या एडिनोमायोसिस बीमारी गंभीर है, तो अंतिम इलाज यूट्रस और ओवरी को निकाल देना है. इसे अगर पूरी तरह से नहीं हटाया जाता है, तो बीमारी दोबारा हो सकती है. आमतौर पर मेनोपॉज के बाद जैसे ही पीरियड्स रुक जाते हैं, यह बीमारी कम होने लगती है.
उस महिला के लिए जो तकलीफदेह पीरियड्स ( painful periods) का सामना कर रही है, उसके लिए सबसे जरूरी बात है स्त्री रोग विशेषज्ञ को जल्द से जल्द दिखाना, सही जांच कराना और जल्द इलाज शुरू करना ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके.
(लेखिका लीलावती, जसलोक और हिंदुजा हेल्थकेयर हॉस्पिटल्स, मुंबई में कंसल्टेंट स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) की अध्यक्ष के तौर पर काम कर चुकी हैं.)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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