सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब आधारित कॉलम है.
अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखिए, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल कर सकते हैं.
पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः
‘वो मुझे मिले-जुले इशारे देती है, वह मुझसे प्यार करती है या नहीं?’
डियर रेनबोमैन,
मेरे दिल में किसी को लेकर एक सवाल है, जिसके प्यार में मैं पागल हूं. मुश्किल यह है कि वह एक प्राइवेट मीटिंग के लिए मेरे अनुरोध पर ध्यान नहीं देती है, यहां तक कि मेरा फोन भी नहीं उठाती है. वह हमेशा बहुत दूरी बनाए रखती है, तब भी जब हम एक ग्रुप में एक साथ होते हैं. लेकिन कभी-कभी, एकदम अचानक से, वह मुझे मैसेज भेजती है. मेरा मतलब है, यूं ही कोई मैसेज जो फारवर्ड किए गए हो सकते हैं. ये मैसेज प्यार और तड़प के बारे में होते हैं. हालांकि, जब मैं उससे मिलता हूं, तो वह मुंह बनाती है और एक तरह का उपेक्षा का भाव दिखाती है. उसके इरादे क्या हैं? उसके दिल में क्या चल रहा है?
लवर ब्वॉय
डियर लवर ब्वॉय,
कभी-कभी दर्द हमें यह अहसास कराने में मदद करता है कि हम जिंदा हैं. दर्शन को एक तरफ रख कर कहूं तो, मुझे पता है कि दिल के मामलों से निपटना अक्सर बहुत मुश्किल होता है. और यही वजह है कि हम सभी जिसको प्यार करते हैं, उसकी भावनाओं के बारे में मुखर होते हैं- और उसके व्यवहार को शब्दों से अलग करके अक्सर यह सोचते हैं कि उसके दिलो-दिमाग में क्या चल रहा है. यह एक अंदाजा लगाने का खेल बन जाता है, जिसे हर कोई अपनी कल्पनाशीलता से खेलता है.
आप कभी नहीं जान सकते कि वह क्या सोच रही है, जब तक वह खुद ना बताए. आप दो चीजें कर सकते हैं- उसके खुद आपसे बात करने का इंतजार करें, या फिर अपने रास्ते पर निकल जाएं.
मैं गंभीरता से आपको अपने दिल को मजबूती से काबू में रखने के लिए कह रहा हूं. उसका पीछा मत कीजिए. अगर वह आपको चाहती है, तो लौट कर आएगी. अगर नहीं चाहती है, तो वह नहीं आएगी. जैसा भी होगा, आपको पता चल जाएगा. आप दुविधा में नहीं रहेंगे.
मुझे यह बात अच्छी नहीं लग रही है कि वह आपको मैसेज फॉरवर्ड करती है और बात नहीं करती है. किसी के हाथों का खिलौना मत बनें. किसी को आपसे खेलने का मौका न दें.
सच्चा प्यार वह है जो पारस्परिक है. एकतरफा प्यार सिर्फ दर्द देता है.
कृपया अपनी जिंदगी की बागडोर अपने हाथों में रखें. आप खुशी के हर लम्हे के हकदार हैं.
मुस्कुराइए,
रेनबोमैन
अंतिम बातः उसकी चाहत की ख्वाहिश में खुद को बर्बाद ना करें.
‘क्या मेरे प्रोफेसर ने मेरा फायदा उठाया?’
डियर रेनबोमैन,
मैं एक समलैंगिक हूं. मेरी उम्र 19 साल है. मेरे कॉलेज के प्रोफेसर के अलावा कोई नहीं जानता कि मैं समलैंगिक हूं. वह मुझसे बमुश्किल छह या सात साल बड़े हैं. वह हमेशा मुझसे बहुत दोस्ताना और गर्मजोशी से मिलते हैं. मैं प्रोफेसर के घर उनसे एक्सट्रा ट्यूशन लेने जाता हूं. पिछले हफ्ते जब वह मुझे पढ़ा रहे थे, तो घर पर कोई नहीं था. मैंने उन्हें अपने बारे में बताने का फैसला किया. उन्होंने मुझे गले लगा लिया और कहा कि समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है. उन्होंने मुझे पूरा साथ देने का भरोसा दिया. यह तब तक ठीक था, जब तक मुझे एहसास नहीं हुआ कि उनका हाथ मेरी बैक पॉकेट में है. वह मुझे इशारा कर रहे थे. मुझे एक असहज किस्म की अनुभूति हुई, हालांकि मैं यह भी स्वीकार करूंगा कि, मुझे यह अच्छा लगा. यह एक बहुत ही अजीब किस्म का एहसास था. और मैं कह सकता हूं कि वह भी मेरे प्रति सेक्सुअली आकर्षित थे. एक बात से दूसरी बात निकलती गई और हमने यौन संबंध बनाए. मैं अपने प्रोफेसर का सम्मान करता हूं. क्या हमने कुछ गलत किया?
फिक्रमंद छात्र
डियर फिक्रमंद छात्र,
अरे भई, आपके खुद को उजागर करने की बधाई. मुझे यकीन है कि यह बताने से कि आप वास्तव में कौन हैं, हलकापन महसूस हुआ होगा. यहां से एक सफर शुरू होता है. आपने अपनी मर्जी से खुद को उजागर किया है, अगला कदम उन लोगों के सामने खुद को उजागर करना है, जो आपके लिए मायने रखते हैं. इसके लिए अग्रिम शुभकामनाएं.
जहां तक अपने प्रोफेसर के साथ आपकी बातचीत का मुद्दा है- मैं उन पर आपके भरोसे के स्तर की कल्पना कर सकता हूं, जिन्हें आपने अपनी सेक्सुअलटी के बारे में किसी को भी बताने से पहले, सबसे पहले बताने के लिए चुना. यह आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण और यादगार लम्हा है. चाहे वह आपका प्रोफेसर हो या दोस्त, उसे आपके नाजुक पल का फायदा नहीं उठाना चाहिए था. ऐसा लगता है कि वह सिर्फ जानना चाहता था कि आप वाकई समलैंगिक हैं.
प्रोफेसर-स्टूडेंड रिलेशनशिप की सामाजिक स्वीकृति नहीं हो सकती है, लेकिन मैं इस मुद्दे की नैतिकता की बहस में नहीं पड़ रहा हूं.
मुझे नहीं लगता कि आपके प्रोफेसर ने जो किया वह सही था. मुझे लगता है कि उसने मौके और अपनी पोजिशन का फायदा उठाया.
मैं यह भी चाहता हूं कि आप खुद को कसूरवार ना समझें. यादों को यादें ही बनी रहने दें.
मुस्कुराइए,
रेनबोमैन
‘मेरे ससुराल वाले मुझे चिढ़ाते हैं क्योंकि मैं अपने पति से ज्यादा उम्र की हूं’
डियर रेनबोमैन,
मैं एक शादीशुदा महिला हूं. मेरे पति मुझसे छह साल छोटे हैं और हमारी लव मैरिज थी. मैं ज्वाइंट फैमिली में अपने ससुराल वालों के साथ रहती हूं. शुरुआत में ऐसा नहीं लगा कि ससुराल वालों को मेरी उम्र को लेकर कोई समस्या है. हालांकि, पहले हफ्ते से ही, मुझे ताने मिलना शुरू हो गए थे. मेरे और मेरी उम्र के बारे में चुटकुले बनाए जाते थे. एक दिन, मैंने अपनी सास को अपने पति से कहते सुना 'क्या तुमने अपनी बीवी का आशीर्वाद लिया है, वह वैसे भी तुमसे बड़ी है' और मेरे पति व ससुर जोर-जोर से हंसने लगे. मुझे बहुत बेइज्जती महसूस हुई. क्या मुझे यह मामला उसके सामने उठाना चाहिए?
गुस्साई महिला
डियर गुस्साई महिला,
आप जिससे प्यार करती हैं उसके साथ आपको शादी की बधाई. मुझे निजी तौर लगता है कि प्यार में उम्र मायने नहीं रखती है. मेरी विनम्र राय है कि प्यार में सिर्फ प्यार मायने रखता है.
प्यार उम्र की परवाह नहीं करता है.
मैं यह मान कर चल रहा हूं कि आपके ससुराल वाले बुरे लोग नहीं हैं. लेकिन अगर आपको कोई चीज बुरी लगती है, तो आपको उन्हें बताने की जरूरत है. यह उम्मीद मत कीजिए कि वे आपको जादू के जोर से समझ जाएंगे. यह इस तरह से नहीं चलता है
आप उनसे प्यार करती हैं, है ना? इसलिए उन्हें नरमी से लेकिन साफ तौर से बताएं, कि आप उनके तथाकथित ‘मजाक’ को पसंद नहीं करती हैं. अपने पति को बताएं कि ऐसा नहीं है कि उसे आपसे शादी करने का फैसला करने से पहले उम्र के अंतर के बारे में पता नहीं था.
साफ बात करने से बेहतर कुछ नहीं है.
मुस्कुराइए,
रेनबोमैन.
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(लोगों की पहचान सुरक्षित रखने के लिए नाम और कुछ ब्योरे बदल दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं.)
(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समानता के अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)
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