देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है. सितंबर 2020 के बाद ये पहली बार है, जब 24 घंटे के अंदर कोरोना के एक लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में5 अप्रैल की सुबह तक कोरोना के 1,03,558 नए मामले सामने आए हैं.
16 सितंबर, 2020 को दैनिक मामले चरम पर थे, जब एक दिन में 97894 मामले आए थे.
भारत इस स्थिति तक कैसे पहुंचा. कोरोना ने पहली लहर की तुलना में इस बार कितनी तेजी से पांव पसारे- इसे आंकड़ों और ग्राफ से समझिए.
18 मार्च के बाद कोरोना की रफ्तार
पहली लहर की तुलना में मामलों में तेजी से बढ़त
1 लाख मामलों में सबसे तेज बढ़त
कोरोना से निपटने के लिए 16 जनवरी से वैक्सीनेशन ड्राइव जारी है. 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है. कोरोना टेस्टिंग की बात करें, तो इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक भारत में 4 अप्रैल 2021 तक कोरोना वायरस के लिए कुल 24,90,19,657 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 8,93,749 सैंपल 4 अप्रैल को टेस्ट किए गए.
लेकिन उपायों के बावजूद हम कोरोना को मात देने में पिछड़ रहे हैं. मौजूदा आंकड़े कोरोना की पहली लहर की तुलना में ज्यादा खतरनाक स्थिति के संकेत दे रहे हैं.
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