वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
आईआईटी दिल्ली ने दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना किट तैयार की है. इसे ‘कोरोश्योर’ नाम दिया गया है. दिल्ली की फर्म न्यूटेक मेडिकल डिवाइस अगस्त तक करीब 20 लाख किट मार्केट में उतारेगी.
इस किट को आईसीएमआर और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अप्रूवल मिल चुका है. आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, किट की बेस प्राइस 399 रुपये है. कीमत के साथ आरएनए आइसोलेशन और लैब चार्ज को भी जोड़ा जाएगा. सभी चार्ज मिलकर एक कोरोना की जांच करीब 650 रुपये में होगी. जबकि फिलहाल मार्केट में मौजूद किट की बेस प्राइस ही 500 से 600 रुपये हैं. प्राइवेट लैब में टेस्ट का खर्च 3000 रुपये तक आता है.
आरटी-पीसीआर बेस्ड इस कोरोना किट को आईसीएमआर के ऑथराइज्ड लैब में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. आईआईटी ने किट को तैयार करने के लिए देश की 10 कंपनियों को लाइसेंस दिया है.
कुसुम स्कूल ऑफ बॉयोलोजिकल साइंसेज की लैब में 9 छात्रों और प्रोफेसर की देखरेख में इसे 3 महीने में तैयार किया गया. रिसर्च टीम में पीएचडी स्कॉलर प्रशांत प्रधान, आशुतोष पांडे और प्रवीण त्रिपाठी, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो डॉ. पारुल गुप्ता और डॉ. अखिलेश मिश्रा और प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल, मनीष बी मेनन, जेम्स गोम्स और बिस्वजीत कुंडू शामिल हैं. अप्रैल में इस किट को ICMR ने अप्रूवल दिया. इस किट की लॉन्चिंग 15 जुलाई को की गई.
फिट से बातचीत में इसे तैयार करने वाली टीम का हिस्सा रहे स्टूडेंट प्रशांत प्रधान ने बताया कि पहली बार में उनकी टीम को सफलता नहीं मिल सकी थी. दूसरी बार में ICMR से अप्रूवल मिला. उनकी टीम इस किट की कीमत और इसमें लगने वाले समय को और कम करने की कोशिश में जुटी हुई है.
बाकी टेस्ट से क्या है कोरोश्योर में अलग और खास?
इस बारे में फिट से खास बातचीत में इन छात्रों ने बताया कि किट से 85 मिनट में कोरोना संक्रमण की जांच का सौ फीसदी सही रिजल्ट मिलेगा. कोरोना टेस्टिंग का रिजल्ट घंटों बाद आता है, जबकि आईआईटी दिल्ली की टीम की ओर से तैयार की गई ये किट ‘प्रोब-फ्री’ प्रणाली के तहत काम करती है. इससे सटीकता के साथ कोई समझौता किए बिना टेस्टिंग की लागत बेहद कम हो जाती है.
कैसे तैयार किया गया किट, क्या है इसमें खास. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कितना अहम होगा इसका योगदान.
देखिए ये पूरी वीडियो रिपोर्ट.
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