वीडियो एडिटिंग- प्रशांत चौहान
कैमरा- सुमित बडोला
IIT दिल्ली में पढ़ने वाले दो छात्र, अर्चित अग्रवाल और हैरी सेहरावत ने इस 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को पीरियड के दर्द से राहत देने वाला ‘Period Pain Relief Roll On’ लॉन्च किया.
अर्चित और हैरी बताते हैं कि उन्होंने ये प्रोडक्ट महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए बनाया है ताकि इस तरह की दिक्कतें लड़कियों की तरक्की के रास्ते की बाधा न बन सकें.
एक स्टडी के मुताबिक 84.1 प्रतिशत महिलाएं माहवारी के दौरान दर्द का अनुभव करती हैं, लगभग 32 से 40 प्रतिशत महिलाओं का स्कूल-कॉलेज जाना और कामकाज दर्द की वजह से प्रभावित होता है.
कब आया ये रोल ऑन बनाने का आइडिया?
अर्चित और हैरी बताते हैं:
‘हम जब सेमेस्टर के एग्जाम दे रहे थे, तो एक लड़की पीरियड पेन की वजह से पढ़ नहीं पाई और उसका एग्जाम बहुत बुरा हुआ. उसने बताया कि वो दवाएं नहीं ले सकती क्योंकि उनसे उसका मेटाबॉलिज्म खराब हो सकता है. हमें लगा कि इस समस्या का भी समाधान निकालना चाहिए. ताकि हमारी उम्र की जो लड़कियां हैं, जो हमारे देश का भविष्य हैं, उनको इस परेशानी का सामना ना करना पड़े और वो अपनी जिंदगी को अच्छे से जी सकें.’
पीरियड के दर्द से आराम के लिए 'रोल ऑन' ही क्यों?
अर्चित और हैरी बताते हैं कि वो कुछ ऐसा तैयार करना चाह रहे थें, जो पोर्टेबल हो, नैचुरल हो और इस्तेमाल करने में आसान हो.
जैसे ही मुझे पता लगा कि परेशानी तो काफी ज्यादा बड़ी है, मैंने उसके समाधान देखें कि क्या-क्या समाधान मार्केट में हैं. लड़कियां क्या करती हैं? मुझे पता चला कि वो पेन किलर्स लेती हैं, जो उनका मेटाबॉलिज्म खराब कर देता है और उसके काफी सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं.अर्चित अग्रवाल
अर्चित बताते हैं, ‘जो क्रीम आती है, जो भी स्प्रे आते हैं, ये दर्द में इतने असरदार नहीं होते हैं क्योंकि इनका काम करने का तरीक कुछ और होता है. पीरियड का जो दर्द होता है, ये उस पर काम नहीं करते.’
इसके अलावा गर्म पानी की जो थैली रहती है, उससे सेंकाई की जाती है. उसमें भी एक परेशानी रहती है कि जब आप सफर कर रहे हैं या आप कहीं जा रहे हैं, वर्कप्लेस पर हैं, स्कूल में हैं, ऑफिस में हैं तो उसको यूज नहीं कर सकते.
पीरियड की दिक्कतें समझने के लिए क्या किया?
शुरुआत में 300 महिलाओं का सर्वे किया गया. स्कूल की लड़कियों का सर्वे लेना जरूरी था, कॉलेज की लड़कियों से अलग सर्वे लेना जरूरी था.
उस दौरान ये पता चला कि प्रेग्नेंसी के बाद पीरियड पेन कम हो जाता है, प्रेग्नेंसी से पहले पीरियड पेन ज्यादा रहता है. फिर हमने अपना फोकस 14 से 28 साल की लड़कियों पर रखा.अर्चित अग्रवाल
कैसे हुई लैब टेस्टिंग?
लगभग 150 महिलाओं के साथ लैब टेस्टिंग की गई. उनको प्रोडक्ट्स फ्री में दिए गए और उनसे रिजल्ट्स बताने को कहा गया.
इस टीम के साथ काम करने वाली दीया बताती हैं, ‘जब हम टेस्ट कर रहे थे, तब इसकी महक तेज थी, लेकिन जब प्रोडक्ट पूरी तरह बन गया तो सब ठीक था.’
क्या है इस रोल ऑन की खासियत?
इसकी विशेषता इसका काम करने का तरीका है. पीरियड का दर्द मांसपेशियों के सिकुड़ने की वजह से होता है.
मांसपेशियों में कम ऑक्सीजन जाती है और उसमें दर्द होना शुरू हो जाता है. पेट में, पीठ में और पैर में दर्द होता है.
हमारा प्रोडक्ट पहले उस हिस्से को कूल करता है, फिर गर्म करता है. ये खास इसलिए है क्योंकि ये खास तौर पर पीरियड के लिए ही बनाया गया है, ऐसा मार्केट में अभी कुछ नहीं है.
रोल ऑन पर लोगों के फीडबैक
इस प्रोडक्ट के बारे में लड़कों से भी बहुत अच्छा फीडबैक मिला है क्योंकि जो लड़के-लड़कियों के कॉन्टैक्ट में होते हैं, उन्हें पता रहता है कि जब वो दिन आते हैं, पीरियड वाले तो कितना ज्यादा मूड स्विंग होता है, कितना मूड खराब रहता है. तो सिर्फ लड़कियां ही नहीं लड़के भी काफी खुश हैं.हैरी सेहरावत
महिलाओं में पीरियड के दौरान दर्द बहुत आम समस्या है, उम्मीद की जा सकती है कि इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल से ऐसी महिलाओं को फायदा हो.
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