ADVERTISEMENTREMOVE AD

जापान के मुकाबले भारत में खुद को जल्दी बूढ़ा महसूस करेंगे: स्टडी

अपनी तरह के पहले वैज्ञानिक अध्ययन में ये बात कही गई है.

Updated
फिट
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अगर आप भारत में रहते हैं, तो आपको जापान या स्विट्जरलैंड में रहने वाले लोगों की तुलना में बुढ़ापे के नकारात्मक प्रभावों से ज्यादा जल्दी जूझना पड़ेगा. अपनी तरह के पहले वैज्ञानिक अध्ययन में ये बात कही गई है.

द लांसेट पब्लिक हेल्थ में पब्लिश पेपर के मुताबिक, 65 साल की उम्र में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करने वाले सबसे अधिक और सबसे कम उम्र के लोगों में 30 साल का गैप देशों को अलग करता है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रिसर्चर्स ने पाया कि जापान में रहने वाले 76 वर्षीय व्यक्तियों और पापुआ न्यू गिनी में रहने वाले 46 वर्षीय लोगों में उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का स्तर समान है, जो एक औसत व्यक्ति को 65 की उम्र में होती हैं.

अध्ययन में हालांकि बताया गया कि चीन और भारत जैसे देश उम्र संबंधी बीमारियों के बोझ की रैंकिंग में बेहतर कर रहे हैं.

भारत आयु से संबंधित बोझ दर में 159वें पायदान पर है जबकि आयु से संबंधित बीमारी बोझ दर में उसका स्थान 138वां है.

आयु से संबंधित बीमारी बोझ दर में फ्रांस (76 वर्ष) तीसरे स्थान पर, सिंगापुर (76 वर्ष) चौथे स्थान पर और कुवैत (75.3 वर्ष) पांचवें स्थान पर है. वहीं 68.5 वर्ष के साथ अमेरिका 54वें स्थान पर है. अमेरिका इस सूची में ईरान (69 वर्ष) व एंटीगुआ और बारबूडा (68.4 वर्ष) के बीच है.
0

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी की मुख्य लेखक एंजेला वाई चैंग ने कहा, "निष्कर्ष बुजुर्गों में जीवन प्रत्याशा को दिखाते हैं, जो आबादी के कल्याण के एक अवसर या एक खतरा हो सकते हैं. यह उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर निर्भर करते हैं."

आयु से संबंधित समस्याएं जल्दी सेवानिवृत्ति, घटते जनबल और स्वास्थ्य खर्चे में वृद्धि की ओर ले जा सकती हैं.

हेल्थ सिस्टम को प्रभावित करने वाले सरकार के नेताओं और दूसरे हितधारकों को इस पर विचार करने की जरूरत है कि लोग कब बढ़ती उम्र के नकारात्मक प्रभावों से जूझना शुरू होते हैं.
एंजेला वाई चैंग

अध्ययन में 1990 से 2017 तक की अवधि और 195 देशों और क्षेत्रों को कवर किया गया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×