जब 10 सितंबर की रात Apple के CEO टिम कुक ने iPhone 11, iPhone 11 Pro और iPhone 11 Pro Max लॉन्च किया, तब किसी को नहीं पता था कि इसके बाद 'ट्राइपोफोबिया’ शब्द ट्रेंड करने लगेगा. जैसे-जैसे अमेरिकी कंपनी एपल ने अपनी नई आईफोन सीरीज से पर्दा उठाया, लोगों ने ध्यान दिया कि iPhone 11 Pro और iPhone Pro Max का कैमरा डिजाइन ट्राइपोफोबिया का कारण हो सकता है.
क्या है ट्राइपोफोबिया?
Live Science के मुताबिक ट्राइपोफोबिया ढेर सारे छेद, गुच्छे या गांठ जैसी संरचना के प्रति बहुत ज्यादा डर और घिन या घृणा है.
अगर आपको भी मधुमक्खी का छत्ता, बुलबुले, प्रवाल जैसी चीजों और अजीबोगरीब पैटर्न को देखकर बेचैनी सी होती है, तो आप भी उन हजारों लोगों में से एक हो सकते हैं, जो ट्राइपोफोबिया से पीड़ित हैं.
कई बार तो ऐसे पैटर्न की सिर्फ बात करना ट्राइपोफोबिया के लक्षण ट्रिगर कर सकता है. इसमें बीमार महसूस करना, दिल की धड़कन तेज होना या सिर्फ घिन लगना शामिल हो सकता है.
आपको ये स्पष्ट बता दें कि:
ट्राइपोफोबिया मेंटल डिसऑर्डर्स के डायग्नोस्टिक गाइड ‘डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्यूअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स’ में लिस्टेड नहीं है.
फोबिया और डर
स्टडीज बताती हैं कि दुनिया भर में करीब 10 प्रतिशत लोग फोबिया से ग्रस्त हैं, लेकिन ज्यादातर लोग अपने डर को फोबिया कह देते हैं.
फोबिया और डर में अंतर ये है कि फोबिया में आपको जो एंग्जाइटी महसूस होती है, वो इतनी ज्यादा होती है कि उससे आपके जीवन की गुणवत्ता और कुछ करने की क्षमता तक प्रभावित हो सकती है. अक्सर फोबिया अतीत में किसी दर्दनाक घटना से जुड़ा होता है. अगर उसका इलाज न कराया जाए तो ये इंसान को डिप्रेशन में ले जा सकता है.डॉ जिराक मार्कर, मेडिकल डायरेक्टर, Mpower सेंटर
वॉर्निंग: इस स्लाइड शो में इस्तेमाल तस्वीरें ट्राइपोफोबिया ट्रिगरिंग हो सकती हैं:
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