दावा
एक वीडियो में दावा किया गया है कि रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. इसमें बताया गया है कि रिफाइंड ऑयल के लंबे समय से इस्तेमाल के कारण हार्ट प्रॉब्लम्स और कैंसर हो सकता है.
सही या गलत?
वीडियो में कही गई बातें कितनी सही हैं, ये जानने के लिए फिट ने मैक्स सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में एसोसिएट डायरेक्टर डॉ नित्यानंद त्रिपाठी और क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट रुपाली दत्ता से बात की. दोनों ने ही बताया कि रिफाइंड ऑयल के इस्तेमाल से कैंसर या हार्ट प्रॉब्लम्स होने को लेकर कोई स्टडी मौजूद नहीं है.
इंसानों पर ऐसी कोई स्टडी नहीं है, जो इस बात की पुष्टि करती हो. रिफाइनिंग के लिए जो केमिकल इस्तेमाल होते हैं, उनसे हार्ट प्रॉब्लम्स या कैंसर होने के सबूत मौजूद नहीं हैं.डॉ नित्यानंद त्रिपाठी
रुपाली दत्ता कहती हैं, “ये सही है कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल सबसे अच्छे होते हैं क्योंकि ये नैचुरल होते हैं, लेकिन उनकी शेल्फ लाइफ कम होती है और ना ही आसानी से मिलते हैं.”
वीडियो में कही गई बातों को वो बहुत डराने वाला बताते हुए कहती हैं, “अगर आप अच्छी कंपनी का रिफाइंड ऑयल यूज करते हैं, तो इतना घबराने वाली बात नहीं है.”
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल्स को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भ्रामक संदेशों के मद्देनजर ही इसी साल जनवरी में इंडियन कंज्यूमर फोरम की ओर से आयोजित एक सेमिनार में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से ये साफ किया गया कि खाने पकाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित है.
क्यों की जाती है तेल की रिफाइनिंग?
इस सेमिनार में साइंटिफिक पैनल ऑन ऑयल्स एंड फैट्स के चेयरपर्सन आर.बी.एन प्रसाद ने कहा, "कुकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले कई तेलों की रिफाइनिंग की जरूरत होती है."
आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, द्वारका में सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट रुचिका जैन बताती हैं कि रिफाइनिंग की प्रक्रिया अशुद्धियों और टॉक्सिन हटाने, साथ ही तेल की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए की जाती है.
मैक्स सुपरस्पेशएलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में डिपार्टमेंट ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन की हेड उपासना शर्मा के मुताबिक रिफाइंड ऑयल अनरिफाइंड ऑयल के मुकाबले ज्यादा स्टेबल होते हैं और इसीलिए हाई हीट कुकिंग या बेकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
किसी भी चीज की अति ना करें
हालांकि सभी एक्सपर्ट्स इस बात का ख्याल रखने को कहते हैं कि आप किसी भी चीज की अति ना कर दें. सेहत के लिए संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है.
FSSAI से प्रमाणित हेल्दी रिफाइंड ऑयल को डाइट में शामिल किया जा सकता है. लेकिन तेल की मात्रा मायने रखती है और उचित संतुलन में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.रुचिका जैन, सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट
दुनिया भर में जितना तेल कंज्यूम होता है, उनमें से 85% ऑयल रिफाइंड होते हैं. FSSAI की ओर से भी वेजिटेबल ऑयल की रिफाइनिंग को मंजूरी दी गई है.
इसलिए इस तरह के वीडियो या मैसेज से डरने की बजाए आपको अपने फैट इनटेक का ख्याल रखना चाहिए. तेल को लेकर कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए, जैसे-
- एक ही तेल को बार-बार गर्म कर इस्तेमाल ना करें
- अपनी डाइट में कई तरह के तेल शामिल करें ताकि सभी जरूरी फैटी एसिड की पूर्ति हो सके
- रोजाना 2-3 चम्मच से ज्यादा तेल या घी ना लें
- तेल खरीदते वक्त उसमें मौजूद ट्रांस फैट की मात्रा का भी ध्यान दें
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