क्या आपको अपना स्मार्टफोन और उसकी स्क्रीन उंगलियों से स्लाइड करते रहना पसंद है? अगर आप एक हाथ से टाइप करने में सक्षम हैं और वो भी बिजली की स्पीड के साथ तो इसपर गर्व महसूस करने लगते हैं?
लेकिन एक बात और जान लीजिए, आपका ये 'स्मार्ट स्किल' भलाई से ज्यादा आपका नुकसान कर रहा है.
हाल की स्टडीज से पता चला है कि स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से लोग कार्पल टनल सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं.
क्या है कार्पल टनल सिंड्रोम(CTS )?
CTS एक ऐसी स्थिति है जिसमें कलाई के मिडियन नर्व यानी बीच के नस पर दबाव के कारण हाथ में सुन्नता, सूजन और कमजोरी महसूस होने लगती है. ये दबाव किसी एक्टिविटी में लगातार कलाई का ज्यादा प्रयोग के कारण होता है.
इसकी चपेट में आने पर लंबे समय तक कलाईयों में लगातार दर्द बना रहता है.
भारत में CTS का ठीक से इलाज नहीं हो पाता क्योंकि इसे स्पोंडलाइटिस का दर्द समझ लिया जाता है. ये कलाईयों के लगातार काम लेने से उपजा न्यूरोजेनिक(नस संबंधी) दर्द है जिसका इलाज लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाकर किया जा सकता है.
इसलिए ध्यान रहे कि टैबलेट, स्मार्टफोन, लैपटाॅप पर लगातार टाइपिंग, स्वाइपिंग, टैपिंग आपको रिस्क में डाल सकती है!
इसलिए बेहतर है कि इससे बचने के लिए
- लगातार टाइपिंग वाले काम के दौरान ब्रेक लेते रहें.
- फोन-लैपटाॅप यूज करते समय दोनों हाथों से बराबर काम लेते रहें.
- अपनी कलाईयों का पोस्चर सही रखें,
- मुट्ठियों को खोल-बंद कर उंगलियों को स्ट्रेच करते रहिए. इससे कलाईयों में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है.
- काम के दौरान कार्पल टनल स्प्लिंट पहनिए. इसका डिजाइन कुछ ऐसा होता है ताकि नसों पर कम दबाव पड़े. ये कलाईयों का पोस्चर सही रखता है और उंगलियों के मूवमेंट को भी कंट्रोल करता है.
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