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एसिड अटैक के बाद कंगना की बहन को करानी पड़ी 54 सर्जरी

कंगना की बहन ने बताया, 54 सर्जरी के बाद भी आज होती हैं ये तकलीफें...

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एक लड़की ने किसी शख्स के प्रपोजल को इनकार कर दिया, तो उस शख्स ने लड़की पर एक लीटर एसिड फेंक दिया. इसके बाद वो लड़की जो यूनिवर्सिटी टॉपर थी, उसके अगले पांच साल हॉस्पिटल में सर्जरी कराने में बीते. उसने अपनी एक आंख खो दी, जिसके लिए रेटिना ट्रांसप्लांट कराया, डॉक्टरों ने उसका एक ब्रेस्ट बनाया, जो बुरी तरह डैमेज हो चुका था. इसके बाद भी सब कुछ ठीक नहीं हुआ. आज भी उसे कई दिक्कतें होती हैं.

यहां बात हो रही है रंगोली चंदेल की, बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की बहन और एसिड अटैक सर्वाइवर रंगोली ने ट्विटर पर अपनी और कंगना की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए उस वक्त का अनुभव बताया है, जब उन पर एसिड अटैक किया गया था और जिसके बाद अगले पांच साल में उन्हें 54 सर्जरी करानी पड़ी थी.

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रंगोली ने कॉलेज के दिनों की एक तस्वीर शेयर करने के बाद ट्वीट किया कि इस तस्वीर के खींचे जाने के कुछ देर बाद जिस शख्स का प्रपोजल मैंने मंजूर नहीं किया था, उसने मेरे चेहरे पर एक लीटर एसिड फेंका दिया.

रंगोली ने लिखा, 'कई लोग दुःख जताते हैं कि मैंने अपनी सुंदरता खो दी, ईमानदारी से बताऊं तो जब आपकी आंखों के सामने आपके अंग गल रहे होते हैं तो सुंदरता सबसे आखिर आती है, 5 साल तक 54 सर्जरी कराने के बाद भी डॉक्टर्स मेरे कान ठीक नहीं कर पाए.’

मैंने अपनी एक आंख खो दी, रेटिना ट्रांसप्लांट कराया, डॉक्टर्स ने मेरे पूरे शरीर से स्किन पैच लेकर मेरे एक ब्रेस्ट को दोबारा बनाया, जो बुरी तरह डैमेज हो गया था. पृथु को फीडिंग करवाने के दौरान मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. आज भी मैं अपनी गर्दन स्ट्रेच नहीं कर सकती, कभी-कभी बनाई गई स्किन पर इतनी बुरी तरह खुजली होती है कि मैं सोचती हूं, मैं मर क्यों नहीं गई.’
ट्विटर पर रंगोली चंदेल

रंगोली ने चिंता जताई कि भारत में एसिड अटैक पीड़िताओं की तादाद बहुत ज्यादा है. वो लिखती हैं, ‘मुझ पर अटैक करने वाला कुछ हफ्तों में बाहर आ गया, उसे बाहर आजाद देखकर बहुत बुरा लगा. मैंने केस को फॉलो करना बंद कर दिया, ऐसे लोगों के लिए मौत की सजा क्यों नहीं होती? मेरे लिए सुंदरता सबसे आखिर में आती, मैं यूनिवर्सिटी टॉपर थी लेकिन मेरी युवावस्था के बेहतरीन दिन ऑपरेशन थिएटर में गुजरे.’

रंगोली के मुताबिक उस वक्त वो जिंदगी से हार गई थीं, लेकिन दोस्त, मां-बाप और बहन के सपोर्ट ने उन्हें हिम्मत दी.

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