आज प्रतियोगिया के दौर में सभी पर आगे निकलने का दबाव है. जाने-अनजाने यह हम पर तनाव बढ़ा देता है. तनाव की वजह से आप ज्यादा गुस्सैल हो सकते हैं, इससे आपके रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है और जिंदगी में उत्साह खत्म हो सकता है. ऐसे में योग एक ऐसा उपाय है, जो आपको इससे बचा सकता है. यह आपकी जिंदगी में बेहतर बदलाव ला सकता है.
यहां आपके लिए योग से जुड़े कुछ सुझाव हैं:
पश्चिमोत्तान आसन
योग मैट पर अपने पैरों को सीधे फैलाकर बैठें और दोनों पैरों को जोड़ लें. एक लंबी, गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं. सांस बाहर छोड़ें और अपने हाथों को पैरों की उंगलियों की ओर ले जाएं. सिर को झुकाते हुए उसे कुछ देर अपने पैरों पर रखकर आराम दें. इस स्थिति में 10 से 20 सेकेंड तक रहें.
नोट: जिन लोगों की कमर में परेशानी हो, वे अपने पैरों के बीच में जगह छोड़ें.
पूर्वोत्तान आसन
पैरों को सामने सीधा रखकर बैठें. हाथों को कूल्हों के साथ रखें. एक गहरी सांस लें और अपनी हथेलियों और पंजों पर वजन डालकर अपने शरीर को ऊपर उठाएं. इस स्थिति में 10 से 20 सेकेंड तक रहें.
वीरभद्र आसन
पैरों को फैला कर खड़े हों. दाएं पैर के पंजे को दाईं ओर बाहर निकालें, साथ ही अपने शरीर को भी दाईं ओर घुमाएं. गहरी सांस लेकर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं.
सांस बाहर छोड़ कर दाएं घुटने को मोड़ें. इस स्थिति में 10 से 20 सेकेंड तक रहें. दूसरे पैर के साथ भी यही दोहराएं.
ओम का जाप
कमर को सीधा रखकर बैठें. गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए 5 बार ओम का जाप करें.
अनुलोम-विलोम
किसी भी आरामदेह आसन में बैठकर अपने दाएं अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करें. एक बार बाएं छिद्र से सांस अंदर लेने के बाद उसे रिंग फिंगर और मिडिल फिंगर से बंद कर दाएं से छिद्र से सांस बाहर निकालें. फिर दाएं छिद्र से सांस अंदर लेकर इसी तरह बाएं से बाहर निकालें. 5 से 10 मिनट तक यही दोहराएं.
भ्रामरी प्राणायाम
अपनी उंगलियों को आंखों पर रखें, कानों को अंगूठों से बंद करें. जीभ को दांतों के अंदर रखते हुए, होठों को बंद कर लें. गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए भंवरे जैसी आवाज निकालें.
(योगगुरु नेहा होलिस्टिक हेल्थकेयर फाउंडेशन सोसाइटी की संस्थापक सदस्य हैं. नेहा योग विशेषज्ञ हैं और पिछले 11 सालों से योग के बारे में पढ़ा रही हैं. आप उन तक theyogaguru.com व tygyoga.com के जरिए पहुंच सकते हैं.)
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