दावा
सोशल मीडिया और कई वेबसाइट पर चूने को अमृत बताते हुए ये दावा किया गया है कि चूना करीब 70 बीमारियां ठीक कर सकता है. यही नहीं इंफर्टिलिटी से लेकर पीलिया, एनीमिया जैसी तमाम बीमारियों में चूने से जुड़े नुस्खें भी बताए गए हैं.
चूने के फायदे बताने वाले तमाम पोस्ट फेसबुक, व्हाट्सएप और वेबसाइटों पर मौजूद हैं, जिनमें चूने को अनार के जूस , गन्ने के रस, दही, दाल या पानी में मिलाकर पीने के फायदे और कई बीमारियों का इलाज बताया गया है.
सही या गलत?
इस मैसेज के सिलसिले में हमने निरोग स्ट्रीट के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ अभिषेक गुप्ता, उत्तर प्रदेश के देवरिया में वैद्य, आयुर्वेद में एमडी और ईस्टर्न साइंटिस्ट जर्नल के चीफ एडिटर डॉ आर अचल और ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद में एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिवानी घिलडियाल से संपर्क किया.
उन्होंने इस तरह के दावे से इनकार करते हुए बताया कि घरेलू उपाचार के नाम पर बताए जाने वाले ऐसे नुस्खे खतरनाक हो सकते हैं.
डॉ अभिषेक गुप्ता कहते हैं, “ कैल्शियम से जुड़ी इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें “चूना अमृत है” या “70 से अधिक रोगों को ठीक कर देता है चूना” जैसी बातें कही गई हैं. इसी तरह की आयुर्वेद के नुस्खों वाली पोस्ट बहुत से लोग बिना जाने समझें शेयर करते रहते हैं. हालांकि इस तरह की पोस्ट में कई बार आयुर्वेद की दवाओं या जड़ीबूटियों को इस तरह से महिमामंडित किया जाता है जैसे बस उसे खाया और चमत्कार हो गया!”
‘कैल्शियम के लिए खाने में सीधे चूना नहीं ले सकते हैं’
चूने को कैल्शियम कार्बोनेट के नाम से भी जाना जाता है, शरीर के लिए कैल्शियम बेहद आवश्यक है, लेकिन इसका उपयोग करने का तरीका ये नहीं है कि सीधे कैल्शियम कार्बोनेट या चूने को उठा के खा लिया जाए. ऐसा करना न सिर्फ स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है बल्कि कई बार ये जानलेवा रोगों को भी पैदा कर सकता है.डॉ अभिषेक गुप्ता, चीफ मेडिकल ऑफिसर, निरोग स्ट्रीट
डॉ शिवानी और डॉ अचल बताते हैं कि आयुर्वेद की पुस्तकों में चूने के इस तरह के इस्तेमाल का कहीं भी जिक्र नहीं है, कहीं भी चूना डाल कर खाने का वर्णन नहीं है.
ये पूरी तरह से फेक है. कुछ दवाइयों में चूने का प्रयोग हो सकता है, शोधन के लिए, मरहम वगैरह जैसे बाहरी प्रयोग के लिए चूने का इस्तेमाल जरूर होता है. लेकिन सीधे चूना लेने की सलाह नहीं दी जाती है.डॉ आर अचल, चीफ एडिटर, ईस्टर्न साइंटिस्ट
डॉ शिवानी कहती हैं कि एनिमिया में यूं भी अनार का रस फायदा करता है, ऐसे में चूना मिलाने की जरूरत क्या है.
डॉ अचल बताते हैं, “ऐसा नहीं है कि प्रेग्नेंट लेडीज अनार के रस में चूना मिलाकर पीएं तो उनको डिलीवरी में कोई तकलीफ नहीं होगी. ऐसी कोई बात नहीं है.”
डॉ अभिषेक कहते हैं, “कैल्शियम कार्बोनेट को एसिडिटी की समस्या में एंटासिड के रूप में भी लिया जाता है. गुर्दे की बीमारी वाले लोगों में फॉस्फेट के स्तर को कम करने के लिए कैल्शियम कार्बोनेट और कैल्शियम एसीटेट भी लिया जाता है. लेकिन हर स्थिति में लिया जाने वाला यह कैल्शियम पूरी तरह से शुद्ध और विषाक्तता से रहित होना चाहिए और इसको नियमित रूप से ली जाने वाली मात्रा भी बेहद संतुलित होनी चाहिए,1000-1200 मि.ग्रा. से अधिक कैल्शियम की मात्रा शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकती है.”
अधिक मात्रा में कैल्शियम का नियमित प्रयोग किडनी में पथरी, किडनी फेलियर और कई बार मृत्यु का कारण भी बन सकता है.डॉ अभिषेक गुप्ता, चीफ मेडिकल ऑफिसर, निरोग स्ट्रीट
वो कहते हैं कि कई लोग पान के पत्ते के साथ चूने को खाते हैं, इस तरह से चूने का सेवन करने वाले अधिकांश लोगों को पेट से जुड़ी कई गंभीर परेशानियां व किडनी से जुड़ी कई शारीरिक परेशानियां पाई जाती हैं.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जहां तक पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम लेने की बात है, उसके लिए कैल्शियम से भरपूर खाने की बहुत सी चीजें मौजूद हैं, जैसे तिल, अजवायन, दही, बीन्स, दाल, बादाम, केला, पत्तेदार साग, अंजीर, दूध.
‘अपने शरीर को प्रयोगशाला मत बनाइये’
किसी भी सुनी-सुनाई या सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इलाज के तरीकों को देखकर उसे फॉलो नहीं करना चाहिए.
अपने शरीर को प्रयोगशाला मत बनाइये क्योंकि जीवन सिर्फ एक बार मिलता है. ऐसी किसी औषधि या नुस्खे को जिसे आपके लिए बेहद फायदेमंद कहा जा रहा है, बिना सोचे-समझे इस्तेमाल न करने लग जाएं! संभव है कि जिसे आप चमत्कारी चीज समझ रहे हों वह आपके लिए जानलेवा साबित हो.डॉ अभिषेक गुप्ता, चीफ मेडिकल ऑफिसर, निरोग स्ट्रीट
वो सलाह देते हैं कि आपको कभी भी अगर कोई शारीरिक या स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, चाहे वह छोटी हो या बड़ी उसके लिए अपने डॉक्टर से मिलकर ही उपचार करवाएं.
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