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सोशल मीडिया से पहचानें, क्या आपका कोई दोस्त डिप्रेशन में है?

सोशल मीडिया पर ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.

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मानसिक रोग के साथ रहना आसान नहीं होता, विशेषकर भारत में जहां इसे समस्या तक नहीं माना जाता. ऐसे देश में जहां करीब 7 करोड़ लोग मानसिक रोगी हैं, उनके इलाज के लिए 4,000 से भी कम डॉक्टर हैं.

भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कुछ आंकड़े देखिए:

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  • साल 2020 तक भारत की आबादी का 20 फीसदी किसी न किसी मानसिक रोग से ग्रस्त होगा: विश्व स्वास्थ्य संगठन
  • कम से कम 5 करोड़ भारतीय मानसिक रूप से रोगग्रस्त हैं: निमहांस
  • कम से कम 35 लाख भारतीयों को मानसिक रोगों की वजह से अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है: निमहांस

मानसिक रूप से बीमार इतनी बड़ी आबादी वाले देश में इस बात की आशंका काफी ज्यादा है कि आपके बगल में बैठा आदमी किसी न किसी मानसिक समस्या का शिकार हो- डिप्रेशन, घबराहट, सिजोफ्रेनिया या कुछ और.

सोशल मीडिया पर, ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.

तो आप कैसे पता लगा सकते हैं कि वो लोग कौन हैं और आप उनकी मदद कैसे कर सकते हैं? कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो कई चीजों का खुलासा कर सकते हैं.

लहजे में बदलाव

छोटे, सख्त लहजे में जवाब या लंबे, अव्यवस्थित पोस्ट की तरफ आपका ध्यान जाना चाहिए. अगर किसी पोस्ट में तारतम्य न हो, तो ये नशीली दवा के इस्तेमाल का लक्षण हो सकता है.

ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.
अव्यवस्थित पोस्ट पर रखें नजर
(फोटो: istock)

अगर कुछ ऐसा है जो किसी शख्स के आमतौर पर दिखने वाले कंटेंट या अभिव्यक्ति के तरीके से अलग है, तो फिर आपको संदेह करना चाहिए,” ये कहना है जेड फाउंडेशन के चीफ मेडिकल ऑफिसर और मनोचिकित्सक विक्टर श्वार्ट्ज का.

नकारात्मक पोस्ट

निगेटिव पोस्ट या निगेटिव इमोजी का इस्तेमाल चिंता की बात हो सकती है. हालांकि गुस्से की अभिव्यक्ति का मतलब हमेशा ये नहीं होता कि वो शख्स किसी अवसाद का शिकार है.

ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.
निगेटिव पोस्ट या निगेटिव इमोजी का इस्तेमाल चिंता की बात हो सकती है
(फोटो: istock)

फेसबुक की ‘हेल्प ए फ्रेंड इन नीड’ गाइड कहती है कि अगर आप किसी को उसके आम तौर पर किए जाने पोस्ट से नाटकीय रूप से काफी अलग या निराशाजनक मैसेज पोस्ट करते देखें, तो हो सकता है कि उसे आपकी मदद की जरूरत हो.

बर्ताव में अचानक बदलाव

ऐसे पोस्ट जिनसे बर्ताव में अचानक बदलाव या खतरा उठाने का संकेत मिले, तो उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए. ऐसे पोस्ट जिनमें व्यक्ति का सभी से कटकर रहना दिखाई देता हो, वो भी चिंता का विषय है.

ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.
अगर किसी शख्स के व्यवहार में बदलाव दिखे, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए
(फोटो: istock)

फेसबुक की ‘हेल्प ए फ्रेंड इन नीड’ गाइड भी कहती है कि अगर किसी शख्स के व्यवहार में एकाएक बदलाव दिखे और वो रोज की गतिविधियों से कटने लगे, इसे गंभीरता से लेना चाहिए. अगर आपको महसूस हो कि कुछ गड़बड़ है, आपको उस पर कार्रवाई करनी चाहिए.

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अनिद्रा की चर्चा

ऐसे पोस्ट जिनमें अकेलापन, निराशा, अलग-थलग पड़ने, बेकार होने, या दूसरों पर बोझ होने जैसी बातें कही गई हों, वो मानसिक तनाव दिखाते हैं. “3 बजे सुबह भी नींद नहीं” जैसे पोस्ट भी मानसिक परेशानी को व्यक्त करते हैं.

ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.
“3 बजे सुबह भी नींद नहीं” जैसे पोस्ट भी मानसिक परेशानी को व्यक्त करते हैं.
(फोटो: istock)

फेसबुक की ‘हेल्प ए फ्रेंड इन नीड’ गाइड के मुताबिक, जब आप “मैं कभी भी बिस्तर से बाहर नहीं निकलना चाहता”; “मुझे अकेला छोड़ दो” या “मैं कुछ भी ठीक नहीं कर सकता”, जैसे पोस्ट पढ़ें, उन्हें नजरअंदाज नहीं करें.

इंस्टाग्राम पर अंधेरे में डूबी तस्वीरें

जो लोग अवसादग्रस्त होते हैं, वो “ज्यादा नीले, काले और अंधेरे में डूबी” तस्वीरें पोस्ट करते हैं. तनावग्रस्त लोगों के बीच सबसे पॉपुलर फिल्टर है इंकवेल, जो रंगीन तस्वीरों को ब्लैक एंड व्हाइट कर देता है.

ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.
अंधेरे में डूबी तस्वीरें वाली पोस्ट शख्स की मानसिक सेहत के बारे में कुछ बता रही होती हैं
(फोटो: istock)

वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टाग्राम के पोस्ट किसी शख्स की मानसिक सेहत के बारे में काफी कुछ बता देते हैं. सामान्य और तनावग्रस्त लोगों के इस्तेमाल करने वाले इंस्टाग्राम फिल्टरों में भी अंतर होता है.

आप क्या कर सकते हैं?

अपने दोस्तों को बताएं कि वो अकेले नहीं हैं. अपने दोस्त को कॉल करने, उससे मिलने या फेसबुक पर कोई मैसेज भेजने से न घबराएं और उन्हें बताएं कि आपको उनका ख्याल है.

ये मुमकिन है कि आपके दोस्तों में 5 से ज्यादा किसी न किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हों.
उन्हें कॉल करके बताएं कि आपको उनका खयाल है
(फोटो: istock)

अगर आप सोचते हैं कि आपके किसी परिचित को किसी तरह की मानसिक समस्या है, तो ये चिंता की बात है. आप उनके मददगार हो सकते हैं.

कौन जानता है. आपका एक मैसेज या कॉल उनकी जान बचा सकता है.

ये भी पढ़ें- आपकी चिंता करने की आदत कहीं कोई मानसिक समस्या तो नहीं?

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