हर साल बारिश आने के साथ ही बैक्टीरिया और वायरस भी बिन बुलाए मेहमान की तरह आकर मॉनसून का सारा मजा खराब कर देते हैं. अस्पतालों में उमड़ती भीड़ को देखें, तो ऐसा लगता है कि जैसे लोगों पर पानी से होने वाली बीमारियों की बारिश हो रही है. यहां हम आपको इस मौसम में फैल रहे वायरस और बैक्टीरिया के बारे में बता रहे हैं.
बुखार/फ्लू, या आपका शरीर खत्म हो रहा है?
आपके आसपास बीमारी और थकान से जूझते हुए लोग मौजूद हैं.
शरीर तोड़ देने वाले दर्द और तीसरे दिन तक भी शरीर का तापमान कम न होने पर कई लोग इसे सामान्य वायरल बुखार समझते हैं. लेकिन, इसे वायरल बुखार समझकर शांत न हो जाएं. ये मलेरिया या डेंगू भी हो सकता है. इसके लिए एक बार ब्लड टेस्ट जरूर कराएं और अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक दवाइयां न लेते रहें.
ऐसे लोग जो अक्सर बीमार रहते हैं और थोड़े बहुत इलाज के बाद वापस खुद को ठीक समझने लगते हैं, वो ये बातें जरूर याद रखें:
1. हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
यह कीटाणुओं को खत्म करता है. जब भी आप किसी सार्वजनिक जगह को छूते हैं तो 30 से 50 प्रतिशत कीटाणु अपने साथ ले लेते हैं. मेडिकेटेड वाइप्स या सैनिटाइजर्स, साबुन से हाथ धोने से कीटाणु खत्म हो जाते हैं और आपको संक्रमण का खतरा कम होता है.
2. फ्लू जैसे लक्षण होने पर ऑफिस न जाएं
अगर बीमार हैं और फ्लू जैसे लक्षण देखते हैं तो ऑफिस या सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें. अगर आपका बॉस फिर भी आने के लिए दबाव डालता है तो आपना चेहरा ढक लें, अपने कीबोर्ड के अलावा कुछ न छुएं और किसी से हाथ तो बिल्कुल भी न मिलाएं.
3. हालत बहुत खराब होने पर वैक्सीनेशन का पता करें
अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, गर्भवती हैं या छोटे बच्चे हैं, जिन्हें फ्लू से बचाना बेहद जरूरी है तो इंफेक्शन का समय शुरू होने के एक महीने पहले ही डॉक्टर से वैक्सीनेशन के बारे में बात कर लें ताकि आप कीटाणुओं के हमले से बचे रहें. इस बार तो देर हो चुकी है लेकिन अगली बार बीमारी से पहले सावधानी जरूर बरत लें.
पानी से होने वाली पेट और आंत की समस्याएं
इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और पीलिया जैसी बीमारियां, हड्डियां तोड़ देने वाला वायरल इंफेक्शन और स्टमक फ्लू का खतरा बढ़ जाता है.
पेट और आंत में जलन की समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए डायरिया और उल्टी गंभीर होते हैं. पेट के इंफेक्शन के कारण बीमार लोगों से अस्पताल भर जाते हैं. आंत संबंधी इंफेक्शन भी टायफाइड का कारण बन सकते हैं.डॉ हेमंत ठाकेर, सीनियर फिजिशियन
आप क्या कर सकते हैं?
1. बाहर के खाने से दूर रहें
इस मौसम में पकोड़े, समोसे खाने और चाय पीने का बहुत मन करता है लेकिन इनके साथ कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं. इसलिए रुक जाएं और खाने-पीने की चीजों में थोड़ी सावधानी बरतें. याद रखें कि अच्छी तरह पकाया और गर्म खाना ही खाएं.
2. ये खाने से बचें
इस मौसम में मशरूम, गोलगप्पे, सलाद, सड़क किनारे का जूस, शर्बत और हरी सब्जियां खाने से बचें. आप सोचेंगे कि हरी सब्जियां खाना तो सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन इसकी नमी और जमी गंदगी कीटाणुओं के पनपने के लिए सबसे बेहतरीन जगह होती है. इसलिए बारिश कम होने तक सीफूड (जब तक कि मछली ताजी न हो), पत्तागोभी, पालक या मेथी नहीं खाएं. (हरी सब्जियों से बचने वाले इसकी खुशी मना सकते हैं...)
3. गर्म पानी की बोतल रखें
गर्म पानी पीएं, इसके लिए एक बोतल में गर्म पानी भरकर रख लें. साथ ही ध्यान रखें कि वॉटर प्यूरीफायर साफ हो. अक्सर बारिश के मौसम में पीने का पानी गंदा आता है और उसके कारण वॉटर प्यूरीफायर में गंदगी जमा हो जाती है. इससे आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है.
बारिश में टायफाइड इंफेक्शन
टायफाइड एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, जो अक्सर गंदा पानी पीने के कारण होती है. वायरल बुखार और डायरिया जैसे लक्षण होने पर इलाज शुरू कर दें— इसलिए अगर आपको तेज बुखार के साथ दस्त हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं. शुरुआत में ये बीमाारियां जल्दी ठीक हो जाती हैं. हालांकि, कई महीनों तक आपका लिवर कमजोर रहता है.
1. इंफेक्शन न होने तक स्वीमिंग पूल का मजा उठा सकते हैं
सार्वजनिक स्वीमिंग पूल बुरी तरह गंदे होते हैं. उनमें जमी काई और गंदगी के कारण आपको इंफेक्शन हो सकता है. इसलिए बारिश में इनसे दूर रहें.
2. हल्का भोजन करें
घर में बना पोषक और संतुलित खाना खाएं, जो पेट के लिए हल्का हो और आपको मौसमी बीमारियों से दूर रखे.
3. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं ताकि आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और वह अपने आप बीमारियों से लड़ सके. इससे बीमारियां अपने आप दूर रहेंगी. साथ ही ऐसे व्यक्ति से दूर रहें जो बीमार हो, उसे इंफेक्शन हुआ हो.
इतना करना काफी होगा. सुरक्षित रहें और बारिश का मजा उठाएं.
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