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दुनिया भर में 2.2 अरब लोगों की आंखों में कोई ना कोई खराबी: WHO

WHO के मुताबिक वर्तमान दौर की लगभग आधी नेत्र संबंधी समस्याओं को रोका जा सकता था.

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दृष्टि संबंधी समस्याओं पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बच्चों द्वारा ज्यादा समय घर के अंदर बिताने से मायोपिया जैसी दृष्टि संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं.

समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, मंगलवार 8 अक्टूबर को आई रिपोर्ट में इन बढ़ रही समस्याओं को सीधे स्मार्टफोन या अन्य किसी स्क्रीन से नहीं जोड़ा गया है.

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अंधेपन और बहरेपन की रोकथाम से जुड़ी डब्ल्यूएचओ की समन्वयक स्पेन की डॉक्टर अलार्कोस सीजा द्वारा पेश दस्तावेज में खुलासा हुआ है कि दुनियाभर में 2.2 अरब लोग आंख से जुड़ी किसी ना किसी समस्या से पीड़ित हैं.

कई देशों में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और खासकर कम आय वाले देशों में नेत्र चिकित्सा पर्याप्त रूप से उपलब्ध ना होना इसके लिए कुछ हद तक जिम्मेदार हैं, लेकिन आंखों से संबंधित समस्याओं के मामले बढ़ने के पीछे शारीरिक निष्क्रियता और जीवनशैली में बदलाव प्रमुख कारण हैं.

डॉ सीजा ने एफे को बताया, "हमें अपने बच्चों को घर के बाहर ज्यादा समय बिताने के लिए प्रेरित करना होगा क्योंकि इसका संबंध ना सिर्फ मोटापा रोकने बल्कि मायोपिया रोकने से भी है."

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हालांकि ना तो उन्होंने और ना ही उनकी रिपोर्ट में बच्चों को कंप्यूटर, टीवी, मोबाइल या अन्य स्क्रीन डिवाइसेज पर कम समय बिताने की सीधे तौर पर सलाह दी गई है. सिर्फ ज्यादा शारीरिक परिश्रम और आउटडोर गतिविधियों पर फोकस किया गया है.

WHO के मुताबिक वर्तमान दौर की लगभग आधी नेत्र संबंधी समस्याओं को रोका जा सकता था.

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