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बच्चों में मोटापा बढ़ा सकता है अस्थमा का खतरा

अपने बच्चों को अस्थमा के खतरे से बचाना चाहते हैं, तो इन बातों का ख्याल रखें.

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एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि मोटापे से बच्चों में दमा (अस्थमा) का खतरा बढ़ जाता है. वहीं सही वजन हजारों बच्चों को अस्थमा जैसी बीमारियों से बचा सकता है.

इसके मुताबिक अस्थमा का इलाज कराने वाले बच्चों में मोटे बच्चों की संख्या औसत भार वाले बच्चों की तुलना में अधिक है और 23 से 27 फीसदी अस्थमा के नए मामले मोटापे के कारण ही पाए गए. 
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पांच लाख बच्चों पर की गई स्टडी

अमेरिका के ड्यूक यूनिवर्सिटी ने अपनी स्टडी के लिए पांच लाख से अधिक बच्चों की सेहत से जुड़े आंकड़ों लिए थे.

इसमें पाया गया कि करीब एक चौथाई बच्चों (23 से 27%) में अस्थमा के लिए मोटापा जिम्मेदार है.

ये स्टडी पत्रिका 'पीडियाट्रिक्स' में प्रकाशित हुई है. अध्ययन के मुताबिक 2 से 17 की उम्र के बीच के कम से कम 10% बच्चों का वजन अगर नियंत्रण में होता, तो वो बीमारी की चपेट में आने से बच सकते थे.

बच्चों को अस्थमा से बचाना है, तो मोटापे से भी बचाएं

ड्यूक यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर जेसन ई लांग कहते हैं, ‘‘अस्थमा बच्चों में होने वाली क्रॉनिक बीमारियों में से एक है. बचपन में वायरल इंफेक्शन और जीन संबंधी कुछ ऐसे कारण हैं, जिन्हें होने से रोका नहीं जा सकता.''

बचपन में अस्थमा होने के पीछे मोटापा एकमात्र कारण हो सकता है, जिसे रोका भी जा सकता है. इससे पता चलता है कि बच्चों को किस तरह की एक्टिविटी में लगाए रखना है और उनका वजन नियंत्रण में होना कितना जरूरी है.
जेसन ई लांग,  एसोसिएट प्रोफेसर, ड्यूक यूनिवर्सिटी

नेमर्स चिल्ड्रंस हॉस्पिटल, ओर्लेडो की टेरी फिंकेल ने कहा कि आंकड़े बताते हैं, बच्चों में मोटापे को शुरुआत में रोकने से अस्थमा से बचाव हो सकता है.

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(इनपुट: भाषा और आईएएनएस)

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