दावाः सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, इस दावे के साथ कि प्याज बैक्टीरिया को एब्जॉर्ब यानी अवशोषित करता है. इसलिए जब इसे बाहर छोड़ दिया जाता है तो वे बैक्टीरिया को आपसे दूर रख सकता है. लेकिन इस वजह से बाहर छोड़े गए प्याज को खाना नहीं चाहिए.
यही संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई साल से भेजा जा रहा है. पहली बार यह 2009 में सामने आया और वायरल हुआ, जब स्वाइन फ्लू फैला हुआ था और लोग इसके इंफेक्शन से बचना चाहते थे.
सही या गलत?
इस तरह के मिथकों का खुलासा करने वाली साइट Snopes के अनुसार 2009 से इस मैसेज का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. इस आर्टिकल के मुताबिक ये मैसेज संभवतः पहले भी सामने आया था. 19वीं सदी के आसपास जब चेचक जैसी महामारी फैली थी. संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल ओनियन एसोसिएशन के मुताबिक ऐसा दावा 15वीं सदी के दौरान से किया जाता रहा है कि इस तरह से प्याज रखने से बबोनिक प्लेग से सुरक्षा हो सकती है.
‘प्याज बैक्टीरिया को अपनी तरफ नहीं खींचता’
फिट ने मैक्स हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट रितिका सामदार से प्याज के जरिए फ्लू से बचाव के दावों के बारे में संदेह दूर करने के लिए बात की.
यह एक मिथक है. हालांकि, बिना कटे फलों और सब्जियों या यहां तक कि मांस और तैयार खाद्य पदार्थों को नम और गर्म मौसम के दौरान बाहर न रखने की सलाह दी जाती है. कोई भी फल या सब्जी जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, सूक्ष्म जीवाणुओं को आकर्षित कर सकता है और उससे इंफेक्शन हो सकता है.रितिका सामदार
वह कहती हैं, ‘फ्लू, सर्दी और खांसी सभी वायरल इंफेक्शन्स हैं. भोजन से संबंधित बैक्टीरियल इंफेक्शन टाइफाइड, पीलिया और हैजा है.’
जहां तक कटे हुए प्याज के जहरीले होने का दावा किया गया है नेशनल ओनियन एसोसिएशन के मुताबिक इसमें कोई दम नहीं है. ‘कटे प्याज को रेफ्रिजरेटर में सात दिनों के लिए सील कंटेनर में स्टोर किया जा सकता है.’
2009 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक लेख में भी इस दावे को खारिज किया गया था. इसमें लिखा गया, ‘बायोलॉजिस्ट कहते हैं, यह बिल्कुल असंभव है कि प्याज फ्लू वायरस को उसी तरह आकर्षित कर सकता है, जैसे बग जैपर कीड़ों को करता है. वायरस को बढ़ने के लिए एक लिए एक अन्य जीवित वायरस की आवश्यकता होती है. वह खुद को शरीर से बाहर और एक कमरे में नहीं फैला सकता है.’
मैकगिल यूनिवर्सिटी के ऑफिस फॉर साइंस एंड सोसायटी के डायरेक्टर डॉ जो श्वार्ज ने कहा, ‘प्याज के विशेष रूप से बैक्टीरिया से दूषित होने की आशंका नहीं होती.’
‘वास्तव में, बिल्कुल विपरीत, प्याज में कई तरह के सल्फर कंपाउंड होते हैं, जो एंटी बैक्टीरियल गुणों वाले होते हैं. लेकिन निश्चित रूप से इसका मतलब ये नहीं है कि वे किसी भी तरह फ्लू से बचा सकते हैं, जो एक वायरल बीमारी है.’डॉ जो श्वार्ज
यह संदेश यह भी दावा करता है कि चारों ओर कटे हुए प्याज रखने से बैक्टीरिया को एब्जॉर्ब करने के लिए एक चुंबक का निर्माण होगा. इस पर श्वार्ज ने कहा, ‘एक प्याज के कटे टुकड़े की सतह जल्दी से सूख जाती है, जबकि बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए नमी की जरूरत होती है. इसलिए ये दावा वैज्ञानिक रूप से मजबूत नहीं है.
इसलिए एक बार फिर बता दें कि फ्लू वायरस संपर्क से फैलता है, ये कोई फ्लोटिंग माइक्रोब्स नहीं है और प्याज वायरस को एब्जॉर्ब नहीं कर सकता. इस तरह प्याज काटकर रखने से फ्लू से नहीं बचा जा सकता.
प्याज से न डरें!
कई संस्कृतियों में माना गया है कि प्याज में औषधीय गुण होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कहता है कि प्याज सर्दी, खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.
डॉ श्वार्ज ने कहा कि प्याज के हेल्थ से जुड़े कई फायदे हैं. यह ‘पेट के कैंसर के जोखिम को कम करता है. प्याज में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स ब्लड प्रेशर और खून के थक्कों का बनना भी कम कर सकते हैं.’
इसलिए जब तक इसे साफ तरीके से खाया जाता है, तब तक प्याज सेफ हैं. फ्लू से राहत दिलाने में मदद कर सकता हैं लेकिन इसे रोक नहीं सकता.
हां, अपने कुत्ते को प्याज मत दें
दावे के दूसरे हिस्से में लिखा गया है कि कुत्तों का पेट प्याज को मेटाबोलाइज नहीं कर सकता है. PetMD के मुताबिक कुत्ते को प्याज खिलाना वास्तव में उन्हें हेल्थ प्रॉब्लम दे सकता है.
न्यूयॉर्क के एनिमल मेडिकल सेंटर के वेटेरिनेरियन डॉ एन होहेन्हॉस ने PetMD से बात करते हुए कहा, ‘ऐसा देखा गया है कि एलियम फैमिली की कोई भी चीज जैसे प्याज, लहसुन, हरे प्याज में एन-प्रोपाइल डाइसल्फाइड होता है, जो कुत्तों के ब्लड में हीमोग्लोबिन को नुकसान पहुंचाता है.’
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