अगर आप एंटीबायोटिक गोलियां कैंडी की तरह लेते हैं, तो सावधान हो जाइए. ‘अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी’ जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक एंटीबायोटिक गोलियां लेने से किडनी में पथरी होने का खतरा बढ़ सकता है.
गुर्दे की पथरी आपकी आंत और पेशाब की नली में पाए जाने वाले बैक्टीरिया में बदलाव से जुड़ी होती है. इसलिए रिसर्चर्स ने इनके बीच क्या संबंध है, ये जानने के लिए एक स्टडी की. पिछले कुछ साल में किडनी में पथरी के मामले काफी बढ़े हैं.
क्या कहती है स्टडी?
रिसर्चर्स ने इस स्टडी में 1994 से 2015 तक यूके से 26 हजार ऐसे मरीजों को शामिल किया, जिन्हें किडनी स्टोन था और करीब 260, 000 लोगों के कंट्रोल ग्रुप को भी शामिल किया, जिन्हें किडनी स्टोन की शिकायत नहीं थी.
उन्होंने पाया कि कम से कम पांच तरह के एंटीबायोटिक जैसे सल्फास, सेफलोस्पोरिन, फ्लोरोक्विनोलोन, नाइट्रोफ्यूरेंटाइन / मिथेनैमाइन और ब्रॉड-स्पेक्ट्रम पेनिसिलिन किडनी में पथरी होने के हाई रिस्क से जुड़े थे. ये एंटीबायोटिक पथरी का पता चलने के 3 से 12 महीने पहले लिए गए थे.
सबसे ज्यादा खतरा सल्फास के साथ के जुड़ा हुआ था, जिसका इस्तेमाल पेशाब की नली में होने वाले इंफेक्शन और जलन के इलाज के लिए किया जाता है.
(इनपुट- TIME)
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